Thursday, June 10, 2010

छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए ...'अदा' की आवाज़...





छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए
ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए
प्यार से भी ज़रूरी कई काम हैं
प्यार सब कुछ नहीं ज़िंदगी के लिए

तन से तन का मिलन हो न पाया तो क्या -२
मन से मन का मिलन कोई कम तो नहीं
खुशबू आती रहे दूर से ही सही
सामने हो चमन कोई कम तो नहीं
चाँद मिलता नहीं सबको सँसार में
है दिया ही बहुत रोशनी के लिए

कितनी हसरत से तकती हैं कलियाँ तुम्हें
इन बहारों को फिर क्यूँ  बुलाते नहीं
एक दुनिया उजड़ ही गई है तो क्या
दूसरा तुम जहाँ क्यूँ बसाते नहीं
दिल ने चाहा भी तो, साथ सँसार के
चलना पड़ता है सब की खुशी के लिए
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए


16 comments:

  1. हमेशा की तरह बेहतरीन गायकी। आनन्‍द देने वाली।

    ReplyDelete
  2. bahut achha gaya hai
    agli frmaish hai
    duniya me aisa kahan sbka nseeb hai
    koi koi apne piya ke kreeb hai.........
    fim-devar

    ReplyDelete
  3. मेरा बेहद पसंदीदा गीत............आभार! आपके गीतों मे कराओके बहुत अच्छा होता है...........

    ReplyDelete
  4. मेरा बेहद पसंदीदा गीत............आभार! आपके गीतों मे कराओके बहुत अच्छा होता है...........

    ReplyDelete
  5. hnm...




    is geet mein to jeewan-saar hai bas.....





    dil n chahe bhi to saath sansaar ke chalnaa padtaa hai sab ki khushi ke liye.....


    khushboo aati rahe door hi se sahi...
    saamne ho chaman koi kam to nahin........



















    aise hi gaati rahiye aap...
    khush rahiye ..

    hameshaa.

    ReplyDelete
  6. खुशबू आती रहे दूर से ही सही...
    लाजवाब शब्द!

    ReplyDelete
  7. pyaar se zaruri aapki awaaz ...per isme bhi to hai pyaar

    ReplyDelete
  8. मेरा बेहद पसंदीदा गीत............आभार!

    ReplyDelete
  9. बहुत ही सुन्दर गीत है । जब भी सुनता हूँ, खो जाता हूँ ।

    ReplyDelete
  10. छोड़ दे ब्लॉगिंग नापसंदगी के चटकों के लिए,

    ये मुनासिब नहीं खुशदीप एंड अदा ड्रामा कंपनी के लिए...

    जय हिंद...

    ReplyDelete
  11. छोड़ दे ब्लॉगिंग नापसंदगी के चटकों के लिए,

    ये मुनासिब नहीं खुशदीप एंड अदा ड्रामा कंपनी के लिए...

    जय हिंद...

    ReplyDelete
  12. सादर!
    आपका मै ह्रदय से आभारी हूँ, जो आपने मेरे आग्रह पर इस बेहद ही खुबसूरत और जीवन की सच्चाई से जुड़ी नज्म को गया!
    पुनः आभार !
    रत्नेश त्रिपाठी

    ReplyDelete