Sunday, June 20, 2010

प्रार्थना उर अंकुर हुआ....


मन मयूर मुदित हुआ
हृदयंगम कोई सुर हुआ
गात पात सम लहराया
उषामय आनन उर हुआ
ऊबरा मन मंदिर तम से
देह प्रकाशित पुर हुआ
हे हृदयेश तकूँ निर्निमेष 
प्रार्थना उर अंकुर हुआ
तव प्रभा से प्रदीप्त जीवन  
विकल प्रेमातुर हुआ.....

मयंक कि चित्रकारी....कुछ लोगों ने कई बार कहा ..तो आज डांट लगाईं..और ये बना है...


तपस्वी राम


20 comments:

  1. भावपूर्ण और आत्मिक काव्य ... सुंदर...अति सुंदर

    मयंक की चित्रकारी इस रचना के लिए फिट है ।

    ReplyDelete
  2. मन मयूर मुदित हुआ ...
    निर्निमेष
    उर अंकुर ...
    क्या बात है ...तबियत तो ठीक है ...
    बौराए हैं हम तो हिंदी के ऐसे क्लिष्ट शब्द पढ़ कर ...बढ़िया है जी ...
    सुन्दर गीत ...सुन्दर शब्द ...अति सुन्दर ..!!

    ReplyDelete
  3. nmste bhn ji aek aap hi hen jinki bdolt shbdon ki ghraayi or mdhurtaa chintn mnthn ke baare men sikhne ko mil rhaa he bdhaai ho. akhtar khan akela kota rajsthan

    ReplyDelete
  4. behtreen rachna ......mayank ki chitrakari .....to laajwaab.

    ReplyDelete
  5. बेहतरीन रचना।
    और मयंक का चित्र भी लाजवाब लगा, ऐसा लगा तपस्वी राम आवेश में हैं - भय बिन होय न प्रीत वाले प्रसंग के राम दिखते हैं।
    डांट लगाती रहिये ऐसे ही मयंक को बीच बीच में और हमारा आभार मयंक तक पहुंचा दीजियेगा।

    ReplyDelete
  6. सादर !
    बहुत सुन्दर | सीखने की दृष्टी से भी उत्तम |
    रत्नेश

    ReplyDelete
  7. ऊबरा मन मंदिर तम से
    देह प्रकाशित पुर हुआ

    सुन्दर भावों से सजी सुन्दर रचना

    ReplyDelete
  8. कविता और चित्र, दोनों ही सुन्दर ।

    ReplyDelete
  9. संजय जी...
    आपने सही पहचाना ये तपस्वी राम ही हैं ..आवेश में..
    क्षमा चाहती हूँ ...चित्र का नाम भूल गई लगाना...

    ReplyDelete
  10. डाटने से कला-कृतियाँ सामने आती हों तो डाटना
    जारी रखिये ! सुन्दर चित्रकारी !

    ReplyDelete
  11. रचना अपने स्तर के अनुकूल है, आपकी लेखनी की मैं कई बार तारीफ कर चुका हूँ और ऐसे ही करते रहना चाहता हूँ. मयंक के चित्र में मुझे भगीरथ दिखाई दिये. बढ़िया चित्र ! बधाई.

    ReplyDelete
  12. एक बात बोलें...?

    लोगों के कहने पर यूं जबरदस्ती बच्चे से कोई तस्वीर बनवानी गलत है...
    बेशक....आप हमारा कमेन्ट छापें..ना छापें....
    पर हमारी बात पर ध्यान देना...

    ReplyDelete
  13. Chitra ek shabd dono hi anupan...
    hindi ka sundar prayog.

    ऊबरा मन मंदिर तम से
    देह प्रकाशित पुर हुआ
    khaskar ye to bahut pasand aayin

    Mayank ko chitra ke liye bahut badhai

    ReplyDelete
  14. The entire family has talent in blood :)

    Mayank - It is really brilliant piece of art! And Ada ji aapki tareef kya karu :)

    Bahut hi badiya!

    Regards,
    Dimple

    ReplyDelete
  15. wow ...very nice art work from Mayank ...and u r always greaaaaat

    ReplyDelete
  16. रचना माधुर्य और सौंदर्य की क्या कहूँ...उफ़ !!! मन विभोर हो गया...अद्वितीय...अतिसुन्दर...

    चित्र भी अद्वितीय है....

    ReplyDelete