अपने तेवर वो पल-पल बदलते रहे
हम कदम दर कदम यूँ ही चलते रहे 
मंजीलें इश्क की खड़ी हैं सामने 
कारवाँ रास्तों के भटकते रहे 
उनको खुद पर भरोसा दिला न सके
वो दूर जाते रहे हम हाथ मलते रहे 
दिल के अरमां दिल में ही मरते रहे  
पर डरे-डरे कुछ ख़्वाब पलते रहे 
तेरे जी में जो आया तू कर गयी 'अदा'
वो जो जलते हैं तुझसे वो जलते रहे

