Friday, May 11, 2012

कन्या भ्रूण की हत्या करके बहुत बड़ा उपकार कर रहे हैं, माँ-बाप उस अजन्मी कन्याओं पर....उनका अहसान मानना चाहिए हमें...हम तो उनसे कहेंगे ...कीप ईट अप..!

आज कल कन्या भ्रूण हत्या का बाज़ार गर्म है, लोग इसके विरोध में अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं, जो बहुत अच्छी बात है, लेकिन क्या कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लग जाने से लडकियां, महिलाएं सुरक्षित हो जायेंगी ? दहेज़ एक कारण हो सकता है, भ्रूण हत्या का लेकिन सिर्फ वही कारण नहीं हो सकता....आये दिन अखबारों में टी.वी पर बलात्कार, अपहरण, दहेज़ उत्पीडन ये सब कुछ देखने के बाद किसी भी भावी माता-पिता को यह ज़रूर लगता होगा...लड़की का होना ही एक मुसीबत है...कौन इस झंझट में पड़े....और यही सबसे बड़ा कारण है कि इस मुसीबत से बचने के लिए कन्या भ्रूण की हत्या हो रही है...सोचनेवाली बात ये है क्या सचमुच भारत इस योग्य है कि वहां लडकियां पैदा हों ? क्या वास्तव में भारत जैसे देश में लडकियां, महिलाएं सुरक्षित हैं....जब वहां का administration ही सुरक्षा देने की बात पर sure नहीं है तो फिर कोई क्या कह सकता है...शीला दीक्षित का यह कहना  कि क्या ज़रुरत है लड़कियों को रात में बाहर निकलने की, या फिर एक डी.आई. जी का यह कहना कि अगर उसकी बेटी भाग जाए तो उसे जान से मार कर खुद ख़ुदकुशी कर लेना उसे मंज़ूर होगा...ये सब भारत की लचर सामजिक संरचना का भांडा फोड़ रहे हैं...

हम चाहे कितना भी नारा लगा लें 'भारत महान का' ...दिल में हर भारतीय इस बात को अच्छी तरह जानता है, भारत में लडकियां सुरक्षित नहीं हैं...बौद्धिक  एवं आर्थिक रूप से अगर लडकियां सबल भी हो जाएँ, तब भी क्या समाज में रहने वाले भेड़ियों से वो बच सकतीं हैं...उसपर से तुर्रा है आज का फैशन जिसने लड़कियों को और भी वेल्नेरेब्ल बना दिया है...भारत चाहे कितना भी संस्कारों की ढोल पीटता रहे...इस तरह के हादसों के आंकड़े उनके संस्कारों की पोल-पट्टी खोल दे रहे हैं...जब रक्षक ही भक्षक बन जाते हैं, तो फिर संस्कार जैसी बात और संस्कृति की दुहाई क्या मायने रखती है ???...भारत का ऐसा कोई पुलिस स्टेशन नहीं जहाँ रेप नहीं हुआ है, भारत के अधिकतर मंत्री रेप या अवैध सम्बन्ध से जुड़े हैं..यहाँ तक कि राहुल गाँधी भी रेप केस का मुजरिम है...और ये बनेंगे भारत की नारियों के प्रणेता...

संस्कारी कितने हैं भारतीय, इसका किस्सा ये हैं कि बीच सड़क पर लड़की को गुंडे नंगा करते हैं, ऐसा नहीं कि सब भाग कर छुप गए, या डर गए...नहीं जी, पूरी भीड़ इकट्ठी होकर आखें फाड़-फाड़ कर देखती है ये सबकुछ लेकिन कोई आगे नहीं आता उसे बचाने...नपुंसकता की पराकाष्ठा ये कि पुलिस वाले भी इस रियालिटी शो का आनंद उठा रहे थे...हुनंह संस्कार की बात करते हैं...!!!!

बोलीवुड ने कोई कमी नहीं छोड़ रखी है...शीला की जवानी हो या चिकनी चमेली..भारत आज कल उत्तेजना का बाज़ार बना हुआ है....कोई चैनल, कोई गाना, कोई प्रोग्राम ऐसा नहीं है जिसमें जिस्म की नुमाईश या भोंडे हास्य नहीं हैं...इन चिकनी चमेली के लिए तो बॉडी गार्ड्स हैं, उनका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता..लेकिन अपना जिस्म दिखा-दिखा कर वो जो उत्तेजित भीड़ खड़ी करतीं हैं उनका कहर बरपता है, समाज से सबसे कमजोर वर्ग की नारियों या बच्चियों पर...जिनमें से ज्यादतर चुप रह जातीं हैं, और जो बोलतीं हैं, उनका बलात्कार सिस्टम बार-बार करता है....

भारत के टी.वी.प्रोग्राम्स अब देखने लायक ही नहीं रहे.... इतने बड़े माध्यम का उपयोग लोग सिर्फ व्यक्तिगत आर्थिक लाभ और गलत बातों को मॉस तक पहुंचाने के लिए कर रहे हैं....मैंने एक भी साईंस का प्रोग्राम, या एडुकेशन के प्रोग्राम्स, बाल सुलभ प्रोग्राम नहीं देखा  है...हर बात फिल्म या क्रिकेट से शुरू होती है और उनमें ही ख़तम हो जाती है...जैसे माहौल आज कल बना हुआ है, ऐसे माहौल में लड़की तो क्या लड़कों की भी क्या ज़रुरत है...आखिर वो बड़े होकर क्या बनने वाले हैं...????

पिछले साल मैं अपनी बेटी को लेकर भारत गयी थी, भारत वो पहली बार गयी थी, लेकिन जिस तरह से लोग उसे देख रहे थे...उसके लिए बड़ा अजीब अनुभव था, वो बार-बार पूछती थी यहाँ लोग इतना घूरते क्यों हैं..क्या बताती उससे क्यों घूरते हैं...!!

कितनी भी रैलियाँ निकाल लीजिये, कितना भी शोर मचा लीजिये...एक बात बिलकुल सच है...भारतीय समाज कन्या, स्त्री, महिला जो भी आप कह लें इनके लायक नहीं है..इसलिए अच्छा ही हो रहा है, जो बेटियाँ पैदा होने से पहले ही मार दी जा रहीं हैं, वैसे भी वो किसी बलात्कार का शिकार होकर रोज़-रोज़ मरतीं, पुलिस स्टेशन जातीं तो पुलिस वाले बलात्कार करते, वकील के पास जाती तो वकील फायदा उठता , मंत्री के पास गुहार लगाती तो मंत्री बलात्कार करता, माँ-बाप की मर्ज़ी से शादी करती तो ससुराल वाले मार देते, अपनी मर्ज़ी से करती तो माँ-बाप मार देते...इतना सबकुछ झेलने से बेहतर है पैदा ही नहीं होना...कन्या भ्रूण की हत्या करके बहुत बड़ा उपकार कर रहे हैं, माँ-बाप उस अजन्मी कन्याओं पर....उनका अहसान मानना चाहिए हमें...हम तो उनसे कहेंगे ...कीप ईट अप..!