जब हँसेगी कली रंग वाली कोई 2 और झुक जायेगी तुमपे डाली कोई सर झुकाए हुए तुम मुझे पाओगे वादियाँ मेरा दामन रास्ते मेरी बाहें जाओ मेरे सिवा तुम कहाँ जाओगे वादियाँ मेरा दामन ...
चल रहे जहाँ इस नज़र से परे २ वो डगर तो गुज़रती है दिल से मेरे डगमगाते हुए तुम यही आओगे वादियाँ मेरा दामन रास्ते मेरी बाहें जाओ मेरे सिवा तुम कहाँ जाओगे वादियाँ मेरा दामन ...
आज सुबह फिर सुनने को मिल गयी वही झंकार वाली खनकती आवाज...आपको एक बात बताऊँ..; चूँकि ब्लागिरी एक थोड़ी झटके वाली विधा है तो... जाने कितने लोग जो जल्दी से आते हैं आपकी पोस्ट पर वो ये समझते हैं कि ये आप नहीं गा रही हो 'मूल' स्वर चल रहा है...क्या करें इतनी उम्दा गायकी की उम्मीद स्वाभाविक रूप से कौन करता है... बेहतरीन दी..बेहतरीन..
अदा जी प्रणाम ..आपके गीत को सुनते हुए कमेन्ट लिखरही हूँ ..बहुत अच्छा ,मेरा पसंदीदा गीत है ये इतनी खनकदार आवाज सुनवाने के लिए धन्यवाद ..अब तो आपसे फरमाइश करना होगा ,तैयार रहिये
राहुलदेव बर्मन के संगीत निर्देशन में लता जी के गाये गीत को सुना कर प्रसन्नचित्त कर दिया आपने!
ReplyDeleteबेहद ही सुन्दर गीत है आभार
ReplyDeleteregards
waah adaji,
ReplyDeleteचल रहे जहाँ इस नज़र से परे २
वो डगर तो गुज़रती है दिल से मेरे
डगमगाते हुए तुम यही आओगे
bahut sunder gaayaa hai...
आज सुबह फिर सुनने को मिल गयी वही झंकार वाली खनकती आवाज...आपको एक बात बताऊँ..; चूँकि ब्लागिरी एक थोड़ी झटके वाली विधा है तो... जाने कितने लोग जो जल्दी से आते हैं आपकी पोस्ट पर वो ये समझते हैं कि ये आप नहीं गा रही हो 'मूल' स्वर चल रहा है...क्या करें इतनी उम्दा गायकी की उम्मीद स्वाभाविक रूप से कौन करता है...
ReplyDeleteबेहतरीन दी..बेहतरीन..
और हाँ; आज का सॉग-सेलेक्शन भी उम्दा....वाह..!
और कहाँ जायेंगे ...जहाँ भी जायेंगे आपके गीत खींच लायेंगे ...जैसे अभी ले आये हैं ...!!
ReplyDeleteजितने सुन्दर गीत के बोल उतनी ही अच्छी आवाज ।
ReplyDeleteअदा जी प्रणाम ..आपके गीत को सुनते हुए कमेन्ट लिखरही हूँ ..बहुत अच्छा ,मेरा पसंदीदा गीत है ये इतनी खनकदार आवाज सुनवाने के लिए धन्यवाद ..अब तो आपसे फरमाइश करना होगा ,तैयार रहिये
ReplyDeleteअदा जी,
ReplyDeleteआपकी आवाज़ वाकई बहुत अच्छी है...और ये हमारी तरह किसी से मिलती भी नहीं...
देखा, तारीफ़ करना हमें भी आता है...
जय हिंद...
रूमानी जज्बों को बयान करता कालजयी गीत।
ReplyDeleteइसे सुनवाकर आपने मन प्रसन्न कर दिया।
शुक्रिया।
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क्या है कोई पहेली को बूझने वाला?
पढ़े-लिखे भी होते हैं अंधविश्वास का शिकार।
बढियां सुर भी संगीत भी,गीत भी और लय और ताल भी !
ReplyDeleteबहुत सुंदर गीत धन्यवाद
ReplyDeletehnm..
ReplyDeletepahla comment...jaldi mein....
manpasand geet hai meraa...aur aawaaj ki taareef k lye roj roj shabd lanaa ab mushkil hotaa ja rahaa hai...
बेहद खूबसूरत.
ReplyDeleteरामराम.
आनन्द आ गया सुन कर.
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