Monday, December 20, 2010

मौसम तमाज़तों का.....


लो आ गया है फिर देखो
मौसम तमाज़तों का,
झुलस गया नशेमन मेरा
जो था बिजलियों का,
लतीफों से कुछ ख़याल
मेरे दिल में खिल उठे हैं,
बदल गया चलो मौसम
दिल की वादियों का,
लौट कर आई हूँ मैं
फिर आज बड़ी देर से,
खुलेगा अब दफ़्तर नया
उसकी शिकायतों का,
कहाँ-कहाँ अब छुपाऊं
सबकी नज़र से 'अदा',
रग-रग में है मेरी निशाँ
उसकी उँगलियों का.....

तमाज़तों=गरमी 
आओ हुजूर तुमको... आवाज़ 'अदा'

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15 comments:

  1. मौसम का मिज़ाज और रचना शायद पुरानी है, शिकायतें कुछ ताज़ी ताज़ी लग रही है ;)
    लिखते रहिये ...

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  2. यह गीत पहली बार मैंने फाल्गुनी पाठक की आवाज़ में सुना था ।
    बहुत मनमोहक लगा था ।
    आज फिर वैसा ही लगा है ।

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  3. सरमा के मौसम में गरमा का ज़िक्र!!!!!! भई वाह :)

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  4. पिछली न दो पोस्टें आपकी देख पाया था न ही पिछले दो आपके गाने सुन पाया था.
    कारण भी बता दूँ अदा जी, 18th सुबह मुझे अचानक साहित्यक कार्य हेतु साहिबगंज(झारखण्ड)
    जाना पड़ गया.अभी लौटा हूँ.अब सभी ब्लागर साथियों की पोस्टें देखना शुरू किया है. रूमानी touch लिए हुए आपकी ये पंक्तियाँ मुझे अच्छी लगीं :-
    कहाँ-कहाँ अब छुपाऊं
    सबकी नज़र से 'अदा',
    रग-रग में है मेरी निशाँ
    उसकी उँगलियों का...
    अभी आपके दोनों गाने,आपकी नज़रों ने समझा..............तथा आओ हुज़ूर तुमको................सुना.
    मुझे, आओ हुज़ूर............पहले वाले से ज़ियादा पसंद है अदा जी. आपकी आवाज़ के तो हमेशा की तरह कहने ही क्या.

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  5. आज तो आपकी रचना नमक सा छिड़कती लग रही है जी, यहाँ आईसक्रीम जम रही है और आप तमाज़तों का मौसम बता रही हैं। खफ़ा मत होना हमपर, प्रशाद साहब ने शुरुआत की है, चुटकी लेने की:)

    गाना हमेशा की तरह सुपर डुपर मधुर।

    आभार स्वीकारें।

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  6. निशान उनकी उँगलियों का। कल्पनाशीलता की गहराई।

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  7. आपकी आवाज़ सुनकर तोमाज़ा आ जाता है एक गाने को हम कई बार सुनते है

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  8. आपकी आवाज़ सुनकर मज़ा आ जाता है हम आपके गाये गाने बार बार सुनते हैं

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  9. आखिर तक आते आते कविता दैहिक हो गई !

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  10. aapke geet aur aapke...post..:)

    रग-रग में है मेरी निशाँ
    उसकी उँगलियों का.....

    kya kahne....!!

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  11. खुलेगा अब दफ्तर नया ...वाह क्या बात है ।

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  12. रग-रग में है मेरी निशाँ
    उसकी उँगलियों का.....
    दिल क़ी गहराई से लिखी गयी एक रचना , बधाई

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