हर्फों के हैं ताने बाने
जाल बिछे लकीरों के,
कितने धुंधले ख़ाके दिखते
आज मेरी तस्वीरों के,
दुनिया भर के सारे लोग
शोहरत में ही डूब गए,
हम तो जी हैं रहने वाले
अब बेनाम जज़ीरों के,
मुझको गूँगा करके उसने
फाँसी भी है दे डाली,
पर पायल मेरी बोल उठी
और गीत फूटे जंजीरों के,
किया क़त्ल नफ़रत ने मेरा
सुन भी लो चमन वालो,
पलटो पन्ने मिल जाऊँगी
मोहब्बत की तहरीरों के...
जज़ीरों = टापूओं/द्वीपों
ये समाँ ...समाँ है ये प्यार का....
जज़ीरों = टापूओं/द्वीपों
ये समाँ ...समाँ है ये प्यार का....
बेफिक्री से लिखी गयी पंक्तियाँ।
ReplyDeleteमुँह तो बंद किया जा सकता है लेकिन जंजीरों के गीत गूंजने से कौन रोक सकता है।
ReplyDeleteफ़िर भी खुशकिस्मत हैं आप कि नफ़रत के हाथों कत्ल हुईं।
और ये ’प्यार का समां’ में इको इफ़ैक्ट लगा मुझे तो कहीं कहीं, अच्छा तो खैर लगना ही था गीत, आपकी आवाज में।
आभार स्वीकारें।
दुनिया भर के सारे लोग
ReplyDeleteशोहरत में ही डूब गए,
हम तो जी हैं रहने वाले
अब बेनाम जज़ीरों के
वाह, बड़ी प्यारी पंक्तियाँ मुझे ये लगीं.
अदा जी,
जज़ीरों का मतलब टापुओं/द्वीपों भी लिख दीजिये वरना इतने प्यारे शेर को न सनझ पाने के कारण पढ़कर लोग आगे बढ़ जायेंगे.
आपकी यह रचना कल के ( 11-12-2010 ) चर्चा मंच पर है .. कृपया अपनी अमूल्य राय से अवगत कराएँ ...
ReplyDeletehttp://charchamanch.uchcharan.com
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`मुझको गूँगा करके उसने
ReplyDeleteफाँसी भी है दे डाली'
तभी तो कहा है कि वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता :)
ReplyDeleteबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
बेहतरीन गजल!
ReplyDeleteजजीरों का प्रयोग बहुत ही सार्थक रहा!
पलटो पन्ने मिल जाऊँगी
ReplyDeleteमोहब्बत की तहरीरों के...
मोहब्बत करने वाले गुमनाम नही हुआ करते
सुन्दर रचना
bahut sundar!
ReplyDeleteपलटो पन्ने मिल जाऊँगी
ReplyDeleteमोहब्बत की तहरीरों के..
बहुत खूब ..
सुन्दर रचना
आभार
क्रिएटिव मंच के नए कार्यक्रम 'सी.एम.ऑडियो क्विज़' में आपका स्वागत है.
यह आयोजन कल रविवार, 12 दिसंबर, प्रातः 10 बजे से शुरू हो रहा है .
आप का सहयोग हमारा उत्साह वर्धन करेगा.
धन्यवाद
बहुत ही अच्छा.....मेरा ब्लागः-"काव्य-कल्पना" at http://satyamshivam95.blogspot.com/ ....आप आये और मेरा मार्गदर्शन करे...धन्यवाद
ReplyDeleteपलटो पन्ने मिल जाऊँगी
ReplyDeleteमोहब्बत की तहरीरों के...
सुन्दर रचना
'याद के बेनिशां ज़जीरों से तेरी आवाज आ रही है अभी'
ReplyDeleteका ख्याल आ गया ! सुन्दर रचना !
हमसे भूल हो गई, हमका माफ़ी देईदो...
ReplyDeleteजय हिंद...