Friday, December 10, 2010

हम तो जी हैं रहने वाले, अब बेनाम जज़ीरों के,


हर्फों के हैं ताने बाने 
जाल बिछे लकीरों के,
कितने धुंधले ख़ाके दिखते 
आज मेरी तस्वीरों के,
दुनिया भर के सारे लोग 
शोहरत में ही डूब गए,
हम तो जी हैं रहने वाले 
अब बेनाम जज़ीरों के,
मुझको गूँगा करके उसने 
फाँसी भी है दे डाली,
पर पायल मेरी बोल उठी 
और गीत फूटे जंजीरों के,
किया क़त्ल नफ़रत ने मेरा 
सुन भी लो चमन वालो,
पलटो पन्ने मिल जाऊँगी 
मोहब्बत की तहरीरों के...

जज़ीरों = टापूओं/द्वीपों 


ये समाँ ...समाँ है ये प्यार का....

14 comments:

  1. बेफिक्री से लिखी गयी पंक्तियाँ।

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  2. मुँह तो बंद किया जा सकता है लेकिन जंजीरों के गीत गूंजने से कौन रोक सकता है।
    फ़िर भी खुशकिस्मत हैं आप कि नफ़रत के हाथों कत्ल हुईं।
    और ये ’प्यार का समां’ में इको इफ़ैक्ट लगा मुझे तो कहीं कहीं, अच्छा तो खैर लगना ही था गीत, आपकी आवाज में।
    आभार स्वीकारें।

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  3. दुनिया भर के सारे लोग
    शोहरत में ही डूब गए,
    हम तो जी हैं रहने वाले
    अब बेनाम जज़ीरों के
    वाह, बड़ी प्यारी पंक्तियाँ मुझे ये लगीं.
    अदा जी,
    जज़ीरों का मतलब टापुओं/द्वीपों भी लिख दीजिये वरना इतने प्यारे शेर को न सनझ पाने के कारण पढ़कर लोग आगे बढ़ जायेंगे.

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  4. आपकी यह रचना कल के ( 11-12-2010 ) चर्चा मंच पर है .. कृपया अपनी अमूल्य राय से अवगत कराएँ ...

    http://charchamanch.uchcharan.com
    .

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  5. `मुझको गूँगा करके उसने
    फाँसी भी है दे डाली'

    तभी तो कहा है कि वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता :)

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  6. बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !

    आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।

    आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें

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  7. बेहतरीन गजल!
    जजीरों का प्रयोग बहुत ही सार्थक रहा!

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  8. पलटो पन्ने मिल जाऊँगी
    मोहब्बत की तहरीरों के...

    मोहब्बत करने वाले गुमनाम नही हुआ करते
    सुन्दर रचना

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  9. पलटो पन्ने मिल जाऊँगी
    मोहब्बत की तहरीरों के..
    बहुत खूब ..
    सुन्दर रचना
    आभार



    क्रिएटिव मंच के नए कार्यक्रम 'सी.एम.ऑडियो क्विज़' में आपका स्वागत है.
    यह आयोजन कल रविवार, 12 दिसंबर, प्रातः 10 बजे से शुरू हो रहा है .
    आप का सहयोग हमारा उत्साह वर्धन करेगा.
    धन्यवाद

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  10. बहुत ही अच्छा.....मेरा ब्लागः-"काव्य-कल्पना" at http://satyamshivam95.blogspot.com/ ....आप आये और मेरा मार्गदर्शन करे...धन्यवाद

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  11. पलटो पन्ने मिल जाऊँगी
    मोहब्बत की तहरीरों के...
    सुन्दर रचना

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  12. 'याद के बेनिशां ज़जीरों से तेरी आवाज आ रही है अभी'

    का ख्याल आ गया ! सुन्दर रचना !

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  13. हमसे भूल हो गई, हमका माफ़ी देईदो...

    जय हिंद...

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