Wednesday, December 15, 2010

बताओ क्या करोगे तुम ?


मत गलत समझा करो जी तुम,
बस इतनी सी इल्तिज़ा है,
मुझे तो मनाने के भी गुर कहाँ आते हैं भला ?
बहुत डरता हूँ मैं इश्क के अंजाम से जानम !

तो सीख लो न तुम मनाने के वो सारे गुर,
कभी नौबत जो आ जाये तो
बताओ क्या करोगे तुम  ?

हर दिल जो प्यार करेगा ....

14 comments:

  1. आज केवल आपका गीत सुना, यह गीत बहुत पसन्द है। हम भी गाना गाते हैं और यह गाना जीते हैं।

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  2. तोता और तोती ने इस कविता को सार्थकता प्रदान की है.उन्हें धन्यवाद दीजियेगा, अदा जी.
    मेरी क़लम तो यही कहेगी कि:-
    रूठना और मनाना ? तौबा.
    इस तरह से न सताना,तौबा.
    क्या कहा?प्यारमें तकरार भी है,
    क्या कहेगा ये ज़माना ,तौबा.

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  3. आदरणीया दीदी स्वप्न मंजूषा अदा जी
    नमस्कार !
    बहुत प्यारे भाव हैं
    कभी नौबत जो आ जाये तो
    बताओ क्या करोगे तुम ?

    उपाय आपने अपनी ख़ूबसूरत आवाज़ के माध्यम से गीत में बता ही दिया …
    गाना गाएगा … :)
    शुभकामनाओं सहित
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  4. तो सीख लो न तुम मनाने के वो सारे गुर,
    कभी नौबत जो आ जाये तो
    बताओ क्या करोगे तुम ?
    बिल्कुल सही बात है।

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  5. आदरणीया अदा जी
    नमस्कार !
    ...गीत बहुत पसन्द है।
    "माफ़ी"--बहुत दिनों से आपकी पोस्ट न पढ पाने के लिए ...

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  6. रचना दिल को छू गई। बेहद पसंद आई। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
    आज की कविता का अभिव्‍यंजना कौशल

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  7. kavita ki sarthakta ke liye jo aapne photo diya hai.............uff subhan allah.............sab kuchh wo hi kah rahe hain....:)

    bahut bahut abhar!!

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  8. क्या करेंगे..मूंह तोप के सो जायेंगे. :)

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  9. तोती तो ब्लैकमेल कर रही है जी। तोते को मनाने के गुर सीखने को कह रही है, खुद क्यों नहीं कहती कि ’ठीक है, हम गलत नहीं समझेंगे जी। यानि कि खुद तो गलत समझेगी और फ़िर तोते से मिन्नत करवायेगी - ऐसी गुंडीगर्दी नहीं चलेगी। तोताजी संघर्ष करो, हम(पुरुष ब्लॉगर्स) तुम्हारे साथ हैं।
    आज की तस्वीर तो देखदेख कर हंसी आ रही है, बेचारा......

    गाना नहीं सुन पाये आज।
    लेकिन आप आभार स्वीकार करें।

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  10. ‘बहुत डरता हूँ मैं इश्क के अंजाम से जानम !’

    इसीलिए तो डर कर दूर दूर रहता हूं खानम :)

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  11. हर दिल जो प्यारा करेगा..... वो भी आपकी मीठी आवाज़ में सुन कर मजा आ गया.

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  12. कविता के लिए :
    मनाना बहुत मायने रखता है !

    चित्र के लिए :
    कैसे समझाऊं बड़े नासमझ हो !

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