Friday, April 5, 2013

ये मेरा प्रेम पत्र पढ़ कर ...:)



इन्टरनेट खंगालते हुए कुछ प्रेम पत्र प्राप्त हुए सोचा आप लोग भी पढ़ लें ....

एक सम्पादक पति का प्रेम पत्र अपनी पत्नी रचना के नाम :)
(रचना जी माफ़ी चाहती हूँ, बुरा मत मानियेगा प्लीज )

मेरी प्यारी रचना,
सदा प्रकाशित रहो,
पिछले सप्ताह मैके से भेजा हुआ तुम्हारा हस्तलिखित प्रेम पत्र प्राप्त हुआ, धन्यवाद ! परन्तु मुझे संदेह है कि तुम्हारा यह पत्र मौलिक नहीं है, क्योंकि मैं तुम्हारी लेखन शैली से भली-भंति परिचित हूँ। यह पत्र अवश्य ही तुमने अपनी भाभी अथवा सहेली के प्रेम पत्रों से चुरा कर भेजा है। किसी की चुराई हुई सामग्री मुझे पसंद नहीं, इसलिए भविष्य में केवल मौलिक प्रेम पत्र ही भेजा करो और मौलिकता का प्रमाण-पत्र देना भी जरुरी है।
तुम्हारे प्रेम-पत्र की भाषा बेहद रुखी और अरुचिकर लगती है, जिसे पढकर प्रेम के बजाय दंगे-फंसाद का अनुभव होता है, लिखावट भी ऐसी है, मानो कागज पर कीड़े-मकोड़े रेंग रहे हों। व्याकरण और मात्राओं पर भी तुमने ध्यान नहीं रखा है, इसलिए तुम्हारा प्रेम-पत्र पढ़ने से पहले मुझे उप-सम्पादक द्वारा 'करेक्शन' करवाना पड़ा (ये और बात है कि उसके द्वारा किया हुआ 'करेक्शन' भी मुझे दुबारा 'करेक्ट' करना पड़ा।)
एक संपादक की पत्नी होने के नाते तुम्हे यह मालूम होना चाहिए कि  पत्र कागज के सिर्फ एक तरफ से लिखना चाहिए और लिखते समय कागज के एक ओर हाशिया अवश्य  छोड़ देना चाहिये|
ख़ैर , इन तमाम त्रुटियों के बावजूद तुम्हारा प्रेम-पत्र पढ़ कर मैं अपनी प्रसन्नता का स्वीकृति पत्र तुम्हें भेज रहा हूँ। आशा है, तुम इसे अस्वीकृत नहीं करोगी।
मैं इस पत्र के साथ अपना पता लिखा लिफाफा सलंग्न कर रहा हूं| तुम अपनी वापसी के सम्बध में अपने निर्णय से मुझे शीघ्र सूचित करना| तुम्हारे अगले प्रेम-पत्र की प्रतीक्षा में,
तुम्हारा मौलिक पति



पनवाड़ी पति का प्रेम पत्र 
-------------------

हमरी पियारी राम दुलारी,
सदा मुस्कियात रहो,
जब से तुम रिसियाय के अपने मंगरू भईया के इहाँ गयी हो, तब से हमरी जिंदगी है, अइसी हो गयी है, जइसे बिना सुपारी का पान। सच कहत है राम दुलारी, तुमरे लाल-लाल होठन की मुस्कान देखे बिना हमार मन सुरती खाने को भी नहीं करत है।
कसम कलकता पान की, तुमरे संग हमार मन अइसे घुल मिल गया है, जइसे चुन्ना कथे के साथ मिल जाता है, हम मानत है की हम तुमको सनीमा देखाने नाहीं लई गए, पर हम का करे, दिन भर पान की दुकान पर बइठ के चुन्ना लगाए-लगाए के हमरी मती भी सुन्न हो गयी है। अब हम तुमसे हाथ-गोड जोड़ के चिरुरी करत है की तुम गुस्सा पीक दो औउर फौउरन लोउट आओ। नही तो हम तुमरी याद में मघई पान के जैसन घुलते-घुलते खत्म हुई जायेंगे। अरे तुम तो हमरे लिए केसर, इलाइची से भी जादा खुशबूदार और गुलकंद से भी जादा मीठी हो| भला हम तुमसे दूर कइसे रह सकत है। हम दिल है तुम जान हो, हम जर्दा है तुम पान हो, बस अब अपने जर्दा की खातिर आ जाओ तुम्हरे लिए हम बनारसी बीड़ा लगाए के बीइठे हैं।
फ़क्त तुम्हरा
सुरती लाल पनवाड़ी 

40 comments:

  1. संपादक और पनवाड़ी के प्रेम-पत्र बेहद रोचक हैं। बढ़िया।

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    1. इनकी रोचकता ही इनको यहाँ तक खींच लायी है।

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  2. प्रेम पत्र
    यादें ताजा हो गई

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  3. ha-ha-ha-ha-ha-ha-ha-ha-ha-ha-ha-ha-ha-ha-ha-ha-ha......................................................!

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    1. इतने जोर से आप हँसे हैं कि हम तो डरिये गए :)

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  4. सुन्दर प्रेमपत्र लेकिन आजकल तो प्रेमपत्रों का ज़माना ही नहीं रहा !!

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    1. कौन कहता है प्रेम पत्र का ज़माना नहीं रहा।
      पत्र भी है और प्रेम भी है, फर्क सिर्फ इतना है, एक शोर्ट हैण्ड में होता है दूसरा शोर्ट कट में ... :)

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  5. गजब का प्रेम पत्र

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  6. मेरी प्यारी रचना,
    सदा प्रकाशित रहो,.....अच्छा किया ये लिखा...वरना कोई कमी है का पत्र पत्रिकाओं की...हाँ नई तो :-)

    आ रही हूँ प्यारे जर्दा...तुमसा नसा और कहाँ...
    तोहरी रामदुलारी(हेमामालिनी)....
    :-)

    अनु

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    1. हमरी पीयारी बसंती (हेमामालिन),

      बाह ! आज हमरा भाग केतना जोरदार है कि तुम चल के आई हो । होली का दिन में तुम्हरी बहुते ईयाद आया, एही वास्ते हम देखने चल गए थे फिलिम 'रंग दे बसंती', सोचे तनी रंग उंग देगी बसंती।

      लेकिन वाह रे फूटक किस्मत, सौंसे फिलिम पूरा दिए हम बैठके, बाकी तुम बसंती कहीं दिखबे नहीं की। आज हमरा जनम सुफिल हुआ है। बस आइसे ही बीच बीच में हुलक दिया करो। मन जोड़ा जाता है।

      तुम्हरा बीरू (धरमेन्दर) सोले बाला

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  7. वाह! वाह!! क्या बात है.....कई जगह भारी भरकम बहस देखकर दिमाग का दही हो गया था...मजा आ गया ,यह पोस्ट पढ़कर

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    1. अरे यार मेरा दिमाग खुदे भारी भरकम हो गया था, तभी तो ...:)

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    2. तू अपने दिमाग का दही ले आ, मैं भेजा फ्राई , मिलके डिनर करते हैं ;)

      क्या बोलती तू ?:)

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    3. क्या बोलेगी मैं....यही कि आइडिया धांसू है बोले तो एकदम झक्कास :)

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  8. एल्लो जी । और एक हम हैं - इत्ते साल हो गए ब्याह को - लेकिन अब भी प्रेमपत्र के नाम पर सिर्फ "आय लव यु" ही likh kar bhej rahe हैं , वह भी SMS में ..... :) :)

    वैसे आपका पोस्ट था न - ""तेरे लिए रिदा हूँ मैं, और तेरी ही 'अदा' हूँ....""

    - हमें तो वह वड्डा पसंद आया था प्रेमपत्र के रूप में । आज्ञा तो (चुरा कर) कोपी कर के भेज दूं अपने इनको ? बाहर गए हुए हैं, ISD कॉल भी लग नहीं रहा :( बड़ी याद आ रही है ....

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    1. नेकी और पूँछ-पूँछ :)

      हम अपने 'इनके' लिए लिखे या तुम लिखो अपने 'उनके' लिए लिखो, एक ही बात है, बेधड़क भेजो अपने संजय जी को :)

      ख़ुशकिस्मत हो जो आई लव यू बोल सकती हो, हमरे 'इनको' तो ऊ भी नहीं सुहाता है :):)

      (ओये होय याद आ रही है ! :))

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    2. haan ji haan ji - hans lo hans lo :(
      :) :) :)

      hamaare inko to suhaata hai - bolne me tanik sharmaate hain oo aur baat hai :)


      permission ke liye thankyou hai ji :) abhi abhi bheje dete hain copy maar kar :)

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    3. एल्लो,

      तुम लव यू लव यू करो और हम हँसे भी नहीं का ?? :)

      बात करती है !

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    4. :)

      अब यार प्रेमपत्र की बात हो अऊर लव यु न हो??

      भेज दिए हैं। जानती हैं क्या जवाब आएगा? कहेंगे; मैं गया तो तू फिर ब्लॉग पढने लिखने बैठ गयी?? बंद कर और सो जा।

      :)

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  9. Replies
    1. वैसे तो इन प्रेम पत्रों में पूरा पूरी विदेशी हाथ है, फिर भी हम क्रेडिट ले ले रहे हैं, तब तक जब तक कोई इनकी जिम्मेदारी नहीं ले लेता :):)
      धन्यवाद !

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  10. 1.

    http://kmmishra.wordpress.com/2010/05/16/%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%96%e0%a5%82-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%b9-%e0%a4%89%e0%a4%aa%e0%a4%a7%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%af-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87/




    2.

    http://kmmishra.wordpress.com/2010/05/24/%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%B7%E0%A4%AE%E0%A4%BE-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80-%E0%A4%9D%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%9D%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%9C/


    3.

    http://azdak.blogspot.in/search/label/%E0%A4%95%E0%A4%BC%E0%A4%BF%E2%80%8D%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%B8%E0%A5%87%20%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%A4%20%E0%A4%95%E0%A5%87



    फ़ुल्लटू मसाला :)

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    1. vaah vaah baauji - kaa link diye hain .... jiyo aap :) :)

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    2. तुम तो एक नंबर की चमची हो अपने भाऊ जी की :):)
      हाँ नहीं तो ! :)

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    3. @@@कहीं पढ़ा था :
      सिर्फ़ लिंक बिखेरकर जाने वाले महानुभाव कृपया अपना समय ....... ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला :)
      बड़ी जल्दी सम्हल गए ! :):)

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    4. vo to ham hain hi :)

      raakhi par neg bhi vasoolna hai n ?

      :) :)

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  11. दोनों एक से बढ़कर एक हैं।
    ऐसे ही कुछ और क्लासिक पिरेम पतर का लिंक दिया है, वो गलती से अधूरा ही पब्लिश हो गया। उसे चूना और इसे कत्था मिलाकर ट्रीट किया जाये :)

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    1. कोई बात नहीं है जी, तभी तो कहते हैं इंसान गलतियों का पुतला होता है और आप भी पुत ...आई मीन इंसान हैं :)
      हम सब सम्हाल लेंगे चूना-कत्था, पान का गुमटी जो चलाते हैं हम, बात करते हैं ! :)

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  12. कमाल है! भारतीय पति भी अपनी पत्नी को प्रेमपत्र लिखना जानते हैं ।

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    1. काहे भाई, भारतीय पति लोगन के पास किडनी नहीं होता है का :)

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  13. कमाल है! भारतीय पति भी अपनी पत्नी को प्रेमपत्र लिखना जानते हैं ।

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  14. कैसन कैसन प्रेमपत्र है ,
    आजकल कहा कोई परेमपत्तर लिखता है , सब इधर उधर से चोरी :)

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    1. डाकू का जाने चोरी का स्वाद :):)

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  15. पारिवारिक संबंधों पर अपना व्यवसाय उड़ेलते हुये पत्र।

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