जब तक तुम मिलो हमसे, न उम्र की शाम हो जाए
ज़िक्र तेरा करूँ ख़ुद से, और चर्चा आम हो जाए
तुझे मिलने की ख्वाहिश और तमन्ना दिल पे तारी है
ख़्वाबों और हक़ीकत में, न क़त्ले आम हो जाए
दहाने ज़ख्म के दिल के, ज़िन्दगी सोग करती है
हुनर ये ज़िन्दगी का है, पर दिल गुलफाम हो जाए
वो बारिश जो कभी खुल कर, खुली छत पर बरसती है
मेरे कमरे में भी बरसे तो, मेरा काम हो जाए
करिश्मा ग़र कोई ऐसा, मेरा क़ातिल ही कर जाए
मेरे ख़ूने जिगर से ही, सही इक जाम हो जाए तेरे सीने से लगने दे, मेरे हमदम मेरे साथी
के दिल के कुछ फफोलों को, ज़रा आराम हो जाए
आवाज़ 'अदा' की....
जो हमने दास्ताँ अपनी सुनाई
वो बारिश जो कभी खुल कर, खुली छत पर बरसती है
ReplyDeleteमेरे कमरे में भी बरसे तो, मेरा काम हो जाए .
अहा ,क्या बात है.
ज़िक्र तेरा करूँ ख़ुद से, और चर्चा आम हो जाए
ReplyDeleteसुंदर प्रयोग के लिए बधाई ‘अदा’ जी॥
Adaaji...aap to kahar dhaatee hain!
ReplyDeleteआदरणीय सुश्री अदाजी,
ReplyDeleteआपको बधाई है, आपकी आवाज़ बड़ी भावपूर्ण और मधुर है ।
लिखती भी बढ़िया हैं, क्या बात है..!! ये ईश्वर का आशीर्वाद है।
"तुझे मिलने की ख्वाहिश और तमन्ना दिल पे तारी है
ख़्वाबों और हक़ीकत में, न क़त्ले आम हो जाए"
बहुत खूब..!!
मैं एक गीतकार,स्वरकार और संगीतकार हूँ । मेरा अपना ऑडियो-वीडियो रिकार्डिंग स्टूडियो है, जहाँ सुश्रीअनुराधा पौंडवालजी का भी आल्बम बनाया हुआ है।
आप अपनी शब्द और स्वर की सफर आगे बढ़ाएँ, आपका भविष्य बहुत उज्जव्ल है।
मार्कण्ड दवे।
http://mktvfilms.blogspot.com
करिश्मा ग़र कोई ऐसा, मेरा क़ातिल ही कर जाए
ReplyDeleteमेरे ख़ूने जिगर से ही, सही इक जाम हो जाए
बहुत खूब ..सुन्दर गज़ल
यहाँ तो रोज कत्ल-ए-आम हो रहा है, आम का मौसम जो चल रहा है:)
ReplyDeleteमिथुन दा पर फ़िल्माया गीत याद आ रहा है, फ़िल्म थी ’गंगा जमुना सरस्वती’ ’उजाले अपनी यादों के...शाम हो जाये’
वैसे गज़ल ताजी लग रही है एकदम:) बहुत दिलकश।
बहुत ही सुंदर,क्या बात है, आवाज़ बहुत सुंदर है,
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
@रोज कत्ल-ए-आम हो रहा है
ReplyDelete;)
जज़बात ए सुकून
ReplyDeleteदहाने ज़ख्म के दिल के, ज़िन्दगी सोग करती है
ReplyDeleteहुनर ये ज़िन्दगी का है, पर दिल गुलफाम हो जाए
वो बारिश जो कभी खुल कर, खुली छत पर बरसती है
मेरे कमरे में भी बरसे तो, मेरा काम हो जाए
bahut sundar... subhaan allaah.. Ghazal bhi aur aapki aawaaz bhi
तेरे सीने से लगने दे, मेरे हमदम मेरे साथी
ReplyDeleteके दिल के कुछ फफोलों को, ज़रा आराम हो जाए
.....वाह क्या बात है...
--तुम्ही ने दर्द दिया है तुम्ही दवा देना......सुन्दर वयां..
तुझे मिलने की ख्वाहिश और तमन्ना दिल पे तारी है
ReplyDeleteख़्वाबों और हक़ीकत में, न क़त्ले आम हो जाए
बहुत ही सुंदर