Tuesday, August 11, 2009

हनममम्म...सोलिड है बाप

अरे बिडू मालूम क्या
उधर कुछ शान पत्ती
गुमराह ख्याल
कुछ लोचा कियेला है
अपुन का ज़हन की
गल्ली में
कब से मस्ती कर रहेला है
मालूम !!
क्या बोला ?
हकीकत भाई समझायेगा
अरे हकीकत से
ख्याल का ३६ का
आंकडा है रे
खाली-पिली
भंकस होयेगा
बोला अपुन उधर नई
जाने का
अहसास का अक्खा
दीवार है
सोलिड
टकरा जायेंगा
तो बहुत पछ्तायेंगा
मान्तायिच नईं और
गयेला उधर को
बिंदास..
और हुआ क्या ?
टकराया न..
और अब कल्टी मारा है !!
बोला चुप करके बैठने का
लेकिन शाणा है
अबी ज़मीर का खोली के
आगू राड़ा करेगा तो
कोंचा तो मिलेंगा
हाँ तो मिला !!!
सोलिड मिला..
फिर अपनी नियत हैं न
अरे नियत
उससे पंगा लिया
नियत ने उसका बैंड
बजा डाला
फिर
अपना दीमाग भाई
को मालूम चला
प्यार से बुलाया
इस गधेला ख्याल को
बहुत समझाया
मक्खन का माफिक समझाया
पर क्या समझेगा रे
एकदम धिबचुक है
दीमाग का भी भेजा
खिस्केला है बाप !!!
उसने अबी का अबी
जुबां को ताला मारा
और इस हलकट ख्याल
का उधरिच गेम कर डाला
ह्न्म्म्म
दीमाग भी न...
सोलिड हैं बाप !!!
चल अब तू भी खिसक ले...

39 comments:

  1. यह हलकटी जुबान बहुत खूब चलायी आपने तो --
    मज़ा आ गया

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  2. आप को तो टपोरी भाषा का अच्छा ज्ञान है। बेहतरीन टपोरी भाषा का प्रयोग । लाजवाब

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  3. e bhidu,
    kya solid likha ha bavaaaa....(with expression).
    apun ko apna dance yaad aa geyla jo apun kiyela tha ganpati visarjan ke din.


    "उसने अबी का अबी
    जुबां को ताला मारा
    और इस हलकट ख्याल
    का उधरिच गेम कर डाला
    ह्न्म्म्म
    दीमाग भी न
    सॉलिड हैं बाप !!!
    चल अब तू भी खिसक ले..."

    ...ab apun ne tere ko hafta diya na ? diya na ?
    are hafta bole to comment. to abhi apun ko jane de bole to bye-shai.

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  4. अरे क्या सोलिड हफ्ता दियेला है बाप एकदम.....झकास...

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  5. बाप रे!...क्या सॉलिड लिख मारा है

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  6. ये मुम्बईय्या भाषा कहाँ से सीख ली?? :)

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  7. ऐसी मुम्बईया टपोरी भाषा तो कई मुंबई वाले भी नहीं बोल सकते | फिर रांची-कनाडा वाले ऐसा बोले तो बिलकुल झक्कास |

    झक्कास बोले तो एकदम झक्कास |

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  8. भाषा कोई भी हो बोलने का अंदाज आना चाहिए और ये कमाल आपने कर दिखाया है ..बधाई!

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  9. बहुत खूब ......अदा जी की ये अदा भी लाजवाब कर गयी ......!!

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  10. अपुन ऎइच माफ़िक अदा मँगता रे, बिड़ू
    बिन्दास झक्कास मस्त लिखेली है, आज

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  11. maza aa gaya .mithilesh ji ne sahi kaha .filmy style bhi nazar aaya .bahut dilchsp .

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  12. क्या रापचिक पोस्ट लिखेला है भिड़ू..

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  13. ओहो..ऐसी रापचिक पोस्ट तो कोई मुम्बईकर ही लिख सकता है? गजब..

    रामराम.

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  14. बहुते झकास है आपा....बहुत अच्छा लिखा आपने।

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  15. आईला,झक्कास लिखेला है,

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  16. क्या लिखेला है अपना तो पढ़ के भेजा घूमेला है...सॉलिड बोले तो राक सालिड...
    नीरज

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  17. बहुत खूब । शानदार

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  18. हे सर्किट ! ये गाना कैसा लगेरा ?

    हनममम्म...सोलिड है बाप"

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  19. समीर साहब,
    मेरे आदरणीय शिक्षक का शुभ नाम है 'मुन्ना भाई MBBS'
    कुछ नया करने का ख्याल आया और बस लिख ही दिया,
    दर असल जो कविता पहले लिखी थी वो कुछ ऐसी थी..

    कुछ गुमराह
    ख्याल घुमते रहे
    इधर उधर
    जहन की गलियों में
    धक्के खाते रहे
    अहसास की दीवारों से
    बार-बार टकराते रहे
    कितने भावो से लड़ते हुए
    सर पटकते हुए
    कई बार
    नीयत से टकरा गए
    दूर जा कर गिरे ही थे
    ज़मीर ने जोर से
    कोंचा था
    दीमाग ने सारी बात
    समझ ली
    उसी वक्त जुबान के
    दरवाज़े अन्दर से बंद
    कर दिए
    और ख्याल को
    मौत की सजा सुना दी
    जिसे उसी दम
    हकीकत ने नेस्तनाबूत
    कर दिया

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  20. baap re...baap
    ada ji,
    aapko dekh kar to nahi lagta ki aap itni badi bhaai hain. hamlog to hairaan ho gaye aapka yah roop dekh kar. lekin aapke post par jitni vividhta milti hai utni kaheen bhi nahi hai. bahut hi jyada accha laga ye padh kar ekdam jhakaas...
    badhai.

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  21. बहुत खूब ..बोले तो सॉलिड :)

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  22. सवेरे तेरे को अपुन क्या मामू बनाया रे......!!!!!!!!!


    manu said...
    bahut sunder likhaa hai ji..

    August 11, 2009 9:18 PM


    क्या मस्त कमेन्ट मारा रे,,,,
    तेरे कू तो पता भी ना चला होगा के अपुन साला मगजमारी किये बिना ही कमेन्ट चिपकाया है....

    और इस दर्पण को जाने दे ना रे....
    बोला तो के दिया है हफ्ता........!!!!!!!!!!!!
    नहीं दिया हो तो अपुन को बोल...

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  23. एकदम सॉलिड , देख रे अपुन भी हफ्ता लिखेला तेरे को ...................झकास ...................बिंदास .................बोले तो ..........................एकदम अदरक

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  24. गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

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  25. bahut hi naya prayog
    aur bahut hi badhiya. main aapke poore blog mein ghoom raha hun.apki rachanon ki vividhta dekh dekh kar hairaan hun.

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  26. विक्रमा सप्तम जी,,,,
    गणतंत्र दिवस नहीं...
    स्वतंत्रता दिवस है ...( अगर अपना सामान्य ज्ञान इता खराब नहीं है तो....)
    :)

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  27. धन्यवाद भूल को याद दिलाने के लिये
    स्‍वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें स्वीकारे

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  28. ekdam rapchik rachna..

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