दुनिया की,
सारी बड़ी सच्चईयाँ,
बड़े-बड़े झूठ से बनी हैं...
फिर वो चाँद पर जाना हो,
या ट्विन टावर का गिरना,
वेपन ऑफ़ मॉस डिस्ट्रक्शन का सच हो,
या...
एड्स का आविष्कार....
ये सारे झूठ,
सच बन जाते हैं,
छोटे लोगों को मिटा कर....
ठीक वैसे ही,
जैसे..
जैसे..
ब्रेन-सर्जरी में,
महारत हासिल होती है,
मेंटली रिटार्डेड को
गिनी-पिग बना कर...!!
हम चाँद पर कभी गए ही नहीं...सबूत ये रहा...