ये हैं सही मायने में बोल्ड और ब्यूटीफुल.. |
आज कहीं 'बोल्डनेस' शब्द पढने को मिला...लगा कि इस शब्द का अर्थ ही बदल गया है...मेरी नज़र में 'बोल्ड' का अर्थ है 'मज़बूत और निडर', आप कहेंगे कि बिकिनी पहन कर, छाती तान का खड़े हो जाना भी मजबूती और निडरता दिखाता है...तो गलत सोच रहे हैं....
गौर से सोचिये..क्या सचमुच ऐसी हरक़त को आप मजबूती और निडरता कहेंगे ? 'निडरता' का सही अर्थ है, विपरीत परिस्थिति का सामना बिना डरे करना...और खुद को उस विपरीत परिस्थिति से निकाल कर ले जाना...बिकिनी पहन लेना, अपने उरोजों के बीच साडी का आँचल लेना, ओढ़नी नहीं ओढना, अपने शरीर का हर वो हिस्सा दिखा देना, जिसे दिखाने के लिए 'मजबूती और निडरता' की नहीं बेशर्मी, बेहयाई की ज़रुरत होती है 'बोल्डनेस' नहीं होता..आप घूंघट में रह कर भी बोल्ड हो सकतीं हैं... बोल्ड होना सद्गुण है...दुर्गुण नहीं...
बोल्ड का सही अर्थ क्या होता है..आइये देखते हैं...
- सच बोलना, सच्चाई के लिए खड़े होना...चाहे वो कितना भी दुखद, कड़वा और डरावना हो...बोल्डनेस दर्शाता है...
- कोई भी परिस्थिति, व्यक्ति या वस्तु जो आपके नियंत्रण में नहीं होना चाहिए, उसे ज़बरदस्ती अपने नियंत्रण में रखना कायरता है...और उसे जाने देना बोल्डनेस...
- स्वयं पर और समय पर विश्वास करना बोल्डनेस है...
- अपने स्वार्थ से परे होकर, दूसरों के लिए अच्छा सोचना और अच्छा करना...बोल्डनेस है..
- अपनी प्रतिभा का सही मूल्याँकन करना, एक स्वस्थ लक्ष्य निर्धारित करना और परिश्रम से उसे पाने की कोशिश करना...उसे आगे बढाने के लिए, सही रास्ता इख्तियार करना, चाहे ऐसा करना, परिवार, दोस्तों और समाज को कितना भी अजीब क्यों न लगे...बोल्डनेस है...
- अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनना..अपने गुणों और कार्यों से स्वयं को ऐसे लोगों के बीच स्वाकार्य बनाना जिन्हें आप जानते भी नहीं हैं...बोल्डनेस है...
- एक दूरी बना कर चलना...अगर आपको कोई बात या सन्दर्भ पसंद नहीं और आप उसमें हिस्सा नहीं लेना चाहते , तो मत लें, परन्तु जो उसमें हिस्सा ले रहे हैं, उनपर अपनी सोच जबरदस्ती थोपना, उन्हें उसमें हिस्सा लेने के लिए, जजमेंटल बन कर सजा देना...बोल्डनेस नहीं है...
- बोल्ड वो भी होता है जो अपने परिजनों और प्रियजनों का सिर्फ और सिर्फ भला चाहता है...आप जिनसे प्यार करते हैं, उनकी भलाई के लिए अगर उन्हें खोना भी पड़े, उन्हें खोने से नहीं डरना...बोल्डनेस है...
- और अंत में कहना चाहूंगी....बोल्ड होने के विकल्प आत्मा से बनते हैं, शरीर से नहीं...अगर आपका विकल्प गलत है, तो आपको पता चल जाएगा, कि आप भूल कर रहे हैं...क्योंकि आपके मन की शान्ति चली जायेगी और आपको नींद ही नहीं आएगी...!!
हाँ नहीं तो..!!