बी जे पी अगर सचमुच देश का विकास चाहती है, और देश को दुनिया के अन्य देशों से आगे ले जाना चाहती है, तो पी एम मोदी को देश-देश घूम कर विदेशियों को भारत में इन्वेस्टमेंट करने के लिए कन्विंस करने की आवश्यकता नहीं है.… भारत खुद ही इतना सक्षम और समृद्ध है कि वो खुद ही देश की हर समस्या का समाधान अपने दम पर कर सकता है, ज़रुरत है सही विज़न और कड़े अनुशासन की ताकि उपलब्ध राशि का सदुपयोग किया जाए .…।
भारत के चार मुख्य मन्दिरों में ही लगभग पचास लाख करोड़ की दान राशि है, बड़े-बड़े मस्जिदों और गुरुद्वारों में भी अकूत दान राशि है.… इन सभी राशियों को विकास कार्य में शामिल किया जाए..... इतनी बड़ी-बड़ी राशियाँ और लाखों टन सोना सिर्फ़ बैंको या कमरों में बंद रहें, ये उचित नहीं। मूल राशि को सरकार अगर ना भी छुए तो इंटरेस्ट की राशि भी बहुत होगी, भारत के विकास के लिए। सरकार 'गुप्त दान' का प्रावधान देकर 'काले धन' पर कुछ हद तक अंकुश भी लगा सकती है। …बी जे पी अगर चाहे तो ये काम करने और करवाने में सक्षम हो सकती है .....
सरकार और आर एस एस, विश्व हिन्दू परिषद, अकाली तख़्त और मुस्लिम धार्मिक संस्थाओं के बीच इस बात पर विमर्श होना चाहिए। आख़िर ये जनता का ही पैसा है और जनता के लिए ही ख़र्च होना चाहिए।