बंदिशें जाने कितनी, हम विरासत में ले आये हैं 
अपने दिल की बातें हम, कहाँ कभी कह पाए हैं 
हुकुमरानों की शर्तों पर, कब तक कोई जीता है    
मेरी हसरतों ने अपने, इन्कलाबी सर उठाएं हैं 
जुस्तजूओं को हम अपनी, वहीँ दबा कर के आये थे  
जहाँ तेरे अरमानों ने,  नए पैर बनवाये हैं 
है मुश्किल, दिल की ज़मी पर, दबे पाँव यूँ चलना 
जाने किस जगह पर तुमने, कितने रक़ीब छुपाये हैं 
सबने मिलकर मुझको बस, बे-बहरी ही कह डाला
'अदा' तू बे-बहर सही,  पर सुर में तो तू गाये है
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सबने मिलकर मुझको बस, बे-बहरी ही कह डाला
ReplyDelete'अदा' तू बे-बहर सही, पर सुर में तो तू गाये है
Are Wahh Maan gaye .....di
...........गजब कि पंक्तियाँ हैं ...
मैं क्या बोलूँ अब....अपने निःशब्द कर दिया है..... बहुत ही सुंदर कविता.
ReplyDeleteथोढ़ा रुके, पढ़ा, हुए तरो ताज़ा और फिर चल दिए,
ReplyDeleteआपकी ग़ज़ल भी मोहतरमा, अच्छी खासी सराय है ...
लिखते रहिये ...
अच्छी कविता.......
ReplyDeleteअदा जी, आपने भी लॉक कर दिया अपना ब्लॉग , खैर, सुरुआती चार लाईने बहुत ही ख़ूबसूरत है !
ReplyDeleteबढ़िया गज़ल.
ReplyDeleteहम तो अभी तस्वीर के रंगों पर ही अटके हैं । बहुत सुन्दर ।
ReplyDeleteहै मुश्किल, दिल की ज़मी पर, दबे पाँव यूँ चलना
ReplyDeleteजाने किस जगह पर तुमने, कितने रक़ीब छुपाये हैं
खूबसूरत गज़ल ..
हुकुमरानों की शर्तों पर, कब तक कोई जीता है
ReplyDeleteमेरी हसरतों ने, अपने इन्कलाबी सर उठाएं हैं
Sundar rachna ....
कमाल का लिखा है आपने..... बहुत ही बढ़िया रचना
ReplyDelete"सबने मिलकर मुझको बस, बे-बहरी ही कह डाला
ReplyDelete'अदा' तू बे-बहर सही, पर सुर में तो तू गाये है"
वैसे तो माननी ही पड़ेगी आपकी बात, लेकिन आपको साथ में सुबूत देना चाहिये था जिससे सिद्ध हो सके कि आप सुर में गाती हैं।
खूबसूरत चित्र और वैसी ही खूबसूरत गज़ल।
मज़ा आ गया पढ़्कर।
हा हा हा... सुन्दर अति सुन्दर.. :P
ReplyDeleteमन की बात व्यक्त करने के लिये दुनिया भर के साहित्य भर डाले हमने।
ReplyDeleteबस दो जगह खटका वर्ना सब सुर में है ! बिरासत = विरासत , जुस्जूओं = जुस्तजूओं !
ReplyDeleteअब ये मत कहियेगा कि ये वाली बंदिश हम नहीं मानेंगे :)
अली साहब...
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया...हम तो वैसे भी आपकी लेखनी के मुरीद हैं...आपकी बात मानना मुझ जैसी प्रशंसक का कर्तव्य है...और अगर बात सही हो फिर तो....फिर तो यह धर्म बन जाता है....एक बार फिर बहुत शुक्रिया....