tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post6246189623276868776..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: बंदिशें जाने कितनी, हम विरासत में ले आये हैं ....स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-49813182530229823572010-09-25T09:17:39.842+05:302010-09-25T09:17:39.842+05:30अली साहब...
आपका बहुत बहुत शुक्रिया...हम तो वैसे भ...अली साहब...<br />आपका बहुत बहुत शुक्रिया...हम तो वैसे भी आपकी लेखनी के मुरीद हैं...आपकी बात मानना मुझ जैसी प्रशंसक का कर्तव्य है...और अगर बात सही हो फिर तो....फिर तो यह धर्म बन जाता है....एक बार फिर बहुत शुक्रिया....स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-28605651922414157332010-09-25T08:41:14.449+05:302010-09-25T08:41:14.449+05:30बस दो जगह खटका वर्ना सब सुर में है ! बिरासत = विरा...बस दो जगह खटका वर्ना सब सुर में है ! बिरासत = विरासत , जुस्जूओं = जुस्तजूओं !<br /><br />अब ये मत कहियेगा कि ये वाली बंदिश हम नहीं मानेंगे :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-40068939460514376782010-09-25T08:29:33.853+05:302010-09-25T08:29:33.853+05:30मन की बात व्यक्त करने के लिये दुनिया भर के साहित्य...मन की बात व्यक्त करने के लिये दुनिया भर के साहित्य भर डाले हमने।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-30148732590197944972010-09-25T06:08:20.973+05:302010-09-25T06:08:20.973+05:30हा हा हा... सुन्दर अति सुन्दर.. :Pहा हा हा... सुन्दर अति सुन्दर.. :Pदीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-48043648247936857422010-09-25T04:46:01.713+05:302010-09-25T04:46:01.713+05:30"सबने मिलकर मुझको बस, बे-बहरी ही कह डाला
'..."सबने मिलकर मुझको बस, बे-बहरी ही कह डाला<br />'अदा' तू बे-बहर सही, पर सुर में तो तू गाये है"<br /><br />वैसे तो माननी ही पड़ेगी आपकी बात, लेकिन आपको साथ में सुबूत देना चाहिये था जिससे सिद्ध हो सके कि आप सुर में गाती हैं।<br /><br />खूबसूरत चित्र और वैसी ही खूबसूरत गज़ल।<br />मज़ा आ गया पढ़्कर।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-10941598557575873292010-09-25T00:41:27.154+05:302010-09-25T00:41:27.154+05:30कमाल का लिखा है आपने..... बहुत ही बढ़िया रचनाकमाल का लिखा है आपने..... बहुत ही बढ़िया रचना डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-13600141258406599252010-09-24T23:21:40.994+05:302010-09-24T23:21:40.994+05:30हुकुमरानों की शर्तों पर, कब तक कोई जीता है
मेरी ...हुकुमरानों की शर्तों पर, कब तक कोई जीता है <br />मेरी हसरतों ने, अपने इन्कलाबी सर उठाएं हैं <br />Sundar rachna ....nagarjunahttps://www.blogger.com/profile/17023873062790558915noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-71275446685520363022010-09-24T22:47:16.438+05:302010-09-24T22:47:16.438+05:30है मुश्किल, दिल की ज़मी पर, दबे पाँव यूँ चलना
जाने...है मुश्किल, दिल की ज़मी पर, दबे पाँव यूँ चलना<br />जाने किस जगह पर तुमने, कितने रक़ीब छुपाये हैं<br /><br />खूबसूरत गज़ल ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-87329167494249443382010-09-24T21:31:59.311+05:302010-09-24T21:31:59.311+05:30हम तो अभी तस्वीर के रंगों पर ही अटके हैं । बहुत सु...हम तो अभी तस्वीर के रंगों पर ही अटके हैं । बहुत सुन्दर ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-14183054447832453992010-09-24T20:23:00.071+05:302010-09-24T20:23:00.071+05:30बढ़िया गज़ल.बढ़िया गज़ल.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-35496380824211393262010-09-24T19:05:58.436+05:302010-09-24T19:05:58.436+05:30अदा जी, आपने भी लॉक कर दिया अपना ब्लॉग , खैर, सुरु...अदा जी, आपने भी लॉक कर दिया अपना ब्लॉग , खैर, सुरुआती चार लाईने बहुत ही ख़ूबसूरत है !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-18819389762581826092010-09-24T19:04:17.493+05:302010-09-24T19:04:17.493+05:30अच्छी कविता.......अच्छी कविता.......Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-71684787214730451542010-09-24T18:22:40.304+05:302010-09-24T18:22:40.304+05:30थोढ़ा रुके, पढ़ा, हुए तरो ताज़ा और फिर चल दिए,
आपकी...थोढ़ा रुके, पढ़ा, हुए तरो ताज़ा और फिर चल दिए,<br />आपकी ग़ज़ल भी मोहतरमा, अच्छी खासी सराय है ...<br />लिखते रहिये ...Majaalhttps://www.blogger.com/profile/08748183678189221145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-49464261491939083172010-09-24T17:49:39.768+05:302010-09-24T17:49:39.768+05:30मैं क्या बोलूँ अब....अपने निःशब्द कर दिया है..... ...मैं क्या बोलूँ अब....अपने निःशब्द कर दिया है..... बहुत ही सुंदर कविता.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-41935787936338127462010-09-24T17:47:54.513+05:302010-09-24T17:47:54.513+05:30सबने मिलकर मुझको बस, बे-बहरी ही कह डाला
'अदा&#...सबने मिलकर मुझको बस, बे-बहरी ही कह डाला<br />'अदा' तू बे-बहर सही, पर सुर में तो तू गाये है<br /><br />Are Wahh Maan gaye .....di<br />...........गजब कि पंक्तियाँ हैं ...संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com