इन तस्वीरों को आपके समक्ष प्रस्तुत करने के लिए, मुझे मानसिक यातना से ही गुजरना पड़ा है....लेकिन सच्चाई से अवगत कराना भी मैंने आवश्यक समझा....
नरभक्षण आज भी चीन और एशिया के अन्य देशों में मौजूद है...
तथाकथित सभ्य समाज की असंवेदनशीलता और अमानुषिक प्रवृति दिखाती हुई ये तसवीरें, जघन्यता का वो प्रमाण पत्र हैं, जिसे देख कर मनुष्यता तार-तार हो गयी है...
उदर की क्षुधापूर्ति यूँ भी होती है क्या....???
कौन कहता है हम मनुष्य हैं....?? यह सिर्फ और सिर्फ राक्षसी प्रवृति है और कुछ नहीं....
कितना वीभत्स है यह संसार ..और हम कितने अज्ञानी....!!!!