दह्यमानाः सुतीत्रेण नीचा पर-यशोऽगिना।
अशक्तास्तत्पदं गन्तुं ततो निन्दां प्रकृर्वते।।
‘‘दुर्जन आदमी दूसरों की कीर्ति देखकर उससे ईर्ष्या करता है और जब स्वयं उन्नति नहीं कर पाता तो प्रगतिशील आदमी की निंदा करने लगता है।’’
मुझे अरविन्द केजरीवाल पर नाज़ है, क्योंकि उन्होंने देश में फैली अराजकता, अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ न सिर्फ आवाज़ उठाई, बल्कि उसे जड़ से ख़त्म करने का प्रण लिया । वो अपने कर्तव्य पथ पर इसी तरह निर्भीक आगे बढ़ते रहें, हमारे जैसे लोग उनके साथ हैं । ये समस्या दूर होती है या नहीं ये अलग बात है लेकिन ऐसी पहल ही अपने आप में ऐतिहासिक है । उन्होंने जो रास्ता चुना है वो कठिन ज़रूर है और अभी उन्हें बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना है, लेकिन हम सभी को विश्वास है वो हर अड़चन पार कर लेंगे । मुख्यमंत्री जैसे उच्च पद पर होते हुए भी निर्धनता को स्वीकारना पड़ेगा उनको लेकिन वो असाधारण प्रतिभा के धनी हैं, और इस समय इस मामले में उनसे धनी इस राजनैतिक मैदान में कोई नहीं ।
हम जैसे साधारण लोग अपने बच्चों को ईमानदार, प्रगतिशील और प्रतिभावान भारत, विरासत में देना चाहते हैं । हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे हिन्दू, मुसलमान, ईसाई होने से बहुत पहले, बहुत ही अच्छे इंसान हों और बहुत अच्छे नागरिक हों । हमें पूरा विश्वास है, अरविन्द हमारे इस सपने को साकार करके रहेंगे और इस दुरूह काम को करने के लिए हमारी आने वाली अनगिनत पीढ़ियाँ उनकी कृतज्ञ रहेंगी। वर्ना न जाने हमारी आनेवाली पीढ़ियाँ इस अराजकता, अन्याय और भ्रष्टाचार के दलदल से कभी उबर भी पातीं या नहीं । हमारी प्रार्थनाएँ अरविन्द केजरीवाल के साथ हैं ।
अच्छा लगता है देखकर कुछ गुणीजन इस मुहीम में शामिल हो गए हैं :
Some new members of AAP ....
1. मीरा सान्याल- Royal Bank of Scotland
की CEO
2. रामदास पई- मनिपाल यूनिवर्सिटी के Chairman
3. अनिल शास्त्री- लालबहादुर शास्त्रीजी के पोते,
Apple के Sales Head
4. संजीव आगा- Idea के पूर्व-CEO
5. बालासाहब पाटिल- ISRO के पूर्व-Deputy
Director
6. वी बालाकृष्णन- Infosys के पूर्व-CFO
7. अतुल शुक्ला- LIC के पूर्व-Chairman
8. कैप्टन गोपीनाथ- देश
की पहली सस्ती एयरलाइन्स Air Deccan के
Founder
अशक्तास्तत्पदं गन्तुं ततो निन्दां प्रकृर्वते।।
‘‘दुर्जन आदमी दूसरों की कीर्ति देखकर उससे ईर्ष्या करता है और जब स्वयं उन्नति नहीं कर पाता तो प्रगतिशील आदमी की निंदा करने लगता है।’’
हम जैसे साधारण लोग अपने बच्चों को ईमानदार, प्रगतिशील और प्रतिभावान भारत, विरासत में देना चाहते हैं । हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे हिन्दू, मुसलमान, ईसाई होने से बहुत पहले, बहुत ही अच्छे इंसान हों और बहुत अच्छे नागरिक हों । हमें पूरा विश्वास है, अरविन्द हमारे इस सपने को साकार करके रहेंगे और इस दुरूह काम को करने के लिए हमारी आने वाली अनगिनत पीढ़ियाँ उनकी कृतज्ञ रहेंगी। वर्ना न जाने हमारी आनेवाली पीढ़ियाँ इस अराजकता, अन्याय और भ्रष्टाचार के दलदल से कभी उबर भी पातीं या नहीं । हमारी प्रार्थनाएँ अरविन्द केजरीवाल के साथ हैं ।
अच्छा लगता है देखकर कुछ गुणीजन इस मुहीम में शामिल हो गए हैं :
Some new members of AAP ....
1. मीरा सान्याल- Royal Bank of Scotland
की CEO
2. रामदास पई- मनिपाल यूनिवर्सिटी के Chairman
3. अनिल शास्त्री- लालबहादुर शास्त्रीजी के पोते,
Apple के Sales Head
4. संजीव आगा- Idea के पूर्व-CEO
5. बालासाहब पाटिल- ISRO के पूर्व-Deputy
Director
6. वी बालाकृष्णन- Infosys के पूर्व-CFO
7. अतुल शुक्ला- LIC के पूर्व-Chairman
8. कैप्टन गोपीनाथ- देश
की पहली सस्ती एयरलाइन्स Air Deccan के
Founder
सत्यवचन -गहरे धुंध में कोई रास्ता तो दिखा
ReplyDeleteधन्यवाद डॉ साहेब !
Deleteइनके आने से यूँ लगा जैसे धुंध में फंसे मुसाफिर को दूर किसी मकान की बत्तियाँ नज़र आ गईं :)
हमें भी उम्मीद है अँधेरा कुछ तो कंम होगा !!
ReplyDeleteनई पोस्ट सर्दी का मौसम!
नई पोस्ट लघु कथा
कालीपद जी,
Deleteमनुष्य के जीवन में आशा, उम्मीद सबसे बड़ी चीज़ है.।
इस उम्मीद में जो सकरात्मकता है वही तो हमें जीने के लिए उत्साहित करती है.।
आपका आभार !
बिलकुल, स्वप्ना..
ReplyDeleteइस व्यक्ति का सफल होना बहुत जरूरी है ,हमारी डिक्शनरी से 'उम्मीद' ,'आशा' जैसे शब्द गायब हो गए थे . फिर से इन शब्दों की पहचान होने लगी है. कई जोड़ी आँखें सपने देखना सीख गयी हैं, उन आँखों में एक सपना ज़िंदा रहे ,इसके लिए 'आप' की सफलता के लिए हमारी दुआएं भी शामिल हैं.
बहुत ही अच्छी बात कही है तुमने रश्मि, आशा, उम्मीद, सपने ये सारे भाव सचमुच ज़िन्दगी से गायब ही हो गए थे, लोगों ने उम्मीद करना ही छोड़ दिया था । घोटालों, चोरबाज़ारी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, लूट-खसोट, मँहगाई की मार इत्यादि से कोई भी अछूता नहीं रहा.। ये जो आक्रोश की सुनामी उठी है, उससे सबकी या तो बोलती बंद हो गई है या फिर अब सम्हल कर चल रहे हैं लोग । इतना बड़ा परिवर्तन कि बड़े-बड़े दिग्गज अब या तो मुंह नहीं खोल रहे और अगर खोल रहे हैं तो सोच समझ कर । कोई माने या न माने 'आप' ने लोगों को बदल कर रख तो दिया ही हैं :)
Deleteपूरा विश्वास है, भारत के अच्छे दिन अब आने वाले हैं.।
हाँ नहीं तो !
उम्मीद तो सचमुच लगी है उनसे.. कई भारतीय अपनी आँखों के सपनों को उनके हाथों पूरा होते देख रहे हैं!! अगर यह प्रार्थना है तो मैं भी शामिल हूँ इस प्रार्थना में कि कम से कम हमारी उम्मीदों को ये बनाए रखें! आमीन!!
ReplyDeleteबिलकुल सही बात कह दिए आप,
Deleteउम्मीद पर तो दुनिया क़ायम है । अगर ऊपर जाना हो तो एक-एक सीढ़ी ही चढ़ना चाहिए, छलाँग लगाने से गिरने का डर होता है । फ़िलहाल कई भारतीयों के सपने पूरे हो रहे होंगे, फिर कई-कई के होंगे फिर कईयों के । अपने सपने तो सभी पूरा करने की कोशिश करते हैं, तारीफ़ तब है जब हम दूसरों के सपने पूरा करें।
आपका आभार सलिल भईया (आपसे बिना आज्ञा लिए हम आपको भईया कहने लगे, काहे से कि अक्सर आपके लिए ये सम्बोधन हम देखते हैं, हमरे लिए तो वैसे भी ई सम्बोधन बहुते आसान है काहे से कि हमरे अपने निज भाई का नाम भी सलिल ही है :)
इसीलिये तो हम पहले से ही स्वघोषित ... हैं :)
ReplyDeleteआपको दुर्जनों से कड़ाई से निबटना होगा\चाहिये क्योंकि दुर्जन अपना स्वभाव कभी नहीं छोड़ेंगे।
'स्वघोषित' पदों की मान्यता नहीं होती है मान्यवर !
Deleteअगर जे होती तो लोग खुदै पद्म भूषण, भूषण श्री का आभूषण लेकर न बैठे होते ? :)
बात करते है !
हम तो क्या, यहाँ सभी जानते हैं कि आप बहुत ही सज्जन व्यक्ति हैं ।
बाकि 'आप' के बहुत ही साधारण घरों से आने वाले कार्यकर्ताओं काम है, सज्जन-दुर्जन सबके साथ और सबके लिए काम करने के लिए कटिबद्ध रहना।
हम तो यही चाहते हैं कि उनकी आँखें लक्ष्य पर रहें, रास्ते खुद उन्हें राह दिखाएँगे।
हृदय से धन्यवाद शास्त्री जी !
ReplyDeleteअरे बाप रे !
ReplyDeleteकहीं हमरी पोस्ट तो जले पर नमक नहीं ? :):)
आपका आभार !
सबको शुभकामनायें, राजनीति के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने के लिये।
ReplyDeleteहिन्दुस्तानियों का राजनीति के प्रति रुझान हमेशा से रहा है, लेकिन वो सिर्फ़ विमर्श और बातों तक ही रहा है, अब सक्रियता बढ़ी है.।
Deleteहमारी शुभकामनायें और प्रार्थनाएं इस देश के लिए, इसका भला चाहने वालों के लिए है। इसमें कोई शक नहीं है कि अरविन्द केजरीवाल ने पेशेवर राजनीतिज्ञों की बोलती बंद की है , मगर कुछ मसलों पर उनकी बेबाक राय का इन्तजार भी है। ईश्वर से प्रार्थना यही है कि भोली ईमानदार जनता का विश्वास ना टूटे !!
ReplyDeleteसही कहतीं हैं आप, परन्तु हमें उनकी सिर्फ बेबाक़ बातें या बेबाक़ राय का ही नहीं, उन बेबाक़ बातों पर कार्यान्वनय होने का भी इंतज़ार है ।
Deleteजनता को उम्मीद लगाने की जरुरत नहीं है , जैसा की उन्होंने कहा है कि जनता मालिक है और बाकि उसके सेवक , तो नौकर ठीक से काम करे उसके लिए मालिक को उसके काम पर नजर रखनी चाहिए नाकि हाथ जोड़ कर ये दिखाने का प्रयास करना चाहिए की हम फिर से सोने जा रहे है हर बार की तरह और तुमसे उम्मीद है कि तुम ठीक से काम करो । और ये बड़े बड़े नाम टिकट के लिए शामिल हो रहे है या देश सेवा के लिए इस पर अभी कुछ कहना मुश्किल है , हा ये लोग आम गरीब लोगो से इस पार्टी का टिकट जरुर छीन लेंगे । बस उम्मीद है की हम फिर से अपने इस वाले नौकर को भी सो कर बिगड़ने का मौका न दे दे बाकियो की तरह ।
ReplyDeleteऐसे बड़े लोगों का पार्टी में शामिल होना खलना नहीं चाहिए । क्योंकि ऐसे सफल लोगों की सफलता का रहस्य और उनके अनुभव का उपयोग करना देश हित के लिए आवश्यक है ।
Deleteशुभकामनाएं।
ReplyDeleteधन्यवाद !
Deleteबहुत कठिन है डगर राह पनघट { जनपथ } की
ReplyDeleteईश्वर सबका कल्याण करें और सद्बुद्धि दें
झटपट ले आओ स्विस बैंक से मटकी :)
Deleteईश्वर सबका कल्याण करें और सद्बुद्धि दें !
...लेकिन कुछ को लग रहा है कि यह उनके आकाओं के रास्ते का रोड़ा है.
ReplyDeleteसिर्फ रोड़ा ??
Delete:)
बहुत सी बातो में कहा जाता है "दिल्ली अभी दूर है" इस मिथक को तोडना कोई आसान काम ,नहीं था कितुनएक ईमानदार कोशिश ने रस्ते खुद बखुद बना दिए। मै तो चला था अकेला कारवां जुड़ता गया। शुभकामनाये। भारत कि असली बदलती तस्वीर के लिए।
Delete