आज अचानक ये नज़र आ गया.… प्रज्ञा (मेरी बिटिया ) और उसकी एक सहेली ने दिवाली में नृत्य किया था :), इस नृत्य की ख़ास बात ये है कि मात्र दो घंटे की प्रैक्टिस के बाद इन दोनों को मैदान-ए-जंग में उतार दिया गया था :)
प्रवीण जी, आपको जान कर आश्चर्य होगा मेरी बेटी ने शास्त्रीय नृत्य कभी सीखा ही नहीं है :) हाँ उसके साथ जो नृत्य कर रही है वो अवश्य शास्त्रीय नृत्य की शिक्षा विगत १४ सालों से ले रही है :) शायद यही ख़ास वज़ह है कि मेरी बिटिया को अब अक्सर विगत सालों से यहाँ के अनेक कार्यक्रमों में नृत्य करने के लिए बुलाया जाता है :):)
नृत्य में इतनी शास्त्रीयता दो घंटे में तो नहीं आ सकती। प्रशिक्षण गहन रहा होगा।
ReplyDeleteप्रवीण जी,
Deleteआपको जान कर आश्चर्य होगा मेरी बेटी ने शास्त्रीय नृत्य कभी सीखा ही नहीं है :) हाँ उसके साथ जो नृत्य कर रही है वो अवश्य शास्त्रीय नृत्य की शिक्षा विगत १४ सालों से ले रही है :) शायद यही ख़ास वज़ह है कि मेरी बिटिया को अब अक्सर विगत सालों से यहाँ के अनेक कार्यक्रमों में नृत्य करने के लिए बुलाया जाता है :):)
क्षमा मैं देख नहीं पा रहा हूँ कि आपने क्या डाला है।
ReplyDeleteकोई बात नहीं विकेश, बस मैंने अपनी बिटिया का नृत्य डाला है यहाँ।
Deleteसुन्दर प्रस्तुति। साधुवाद।
ReplyDeleteधन्यवाद सिद्धार्थ जी !
Deleteआपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति गुरुवारीय चर्चा मंच पर ।।
ReplyDeleteधन्यवाद रविकर जी !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
ReplyDeleteDhanywaad Kailash ji !
Deleteप्रतिभा वास्तव में ईश्वर की देन होती है जिसे हम अभ्यास से नई दिशा और ऊँचाई पर ले जाते हैं... बिटिया प्रज्ञा को मेरा आशीष और शुभकामनायें!!
ReplyDeleteAapka hriday se dhanywaad Salil Bhaiya.
Deleteबहुत ही सुन्दर नृत्य किया है आपकी बिटिया ने।
ReplyDeleteShobhna didi,
DeletePragaya meri bitiya hai isliye mujhe to wo koodegi tab bhi naachti hui lagegi, badi baat ye hai ki aaplogon ko pasand aaya.
aapka dhanywaad di.
बहुत अच्छी प्रस्तुति दोनों कलाकार बच्चियों की, ये गाना मुझे भी बहुत पसंद है।
ReplyDeleteDhanywaad !
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