Friday, November 9, 2012

तीन बातें ..

ये तीन बातें  कभी न भूलें : प्रतिज्ञा करके, क़र्ज़ लेकर और विश्वास देकर 

ये तीन कभी वापिस नहीं आते : कमान से निकला हुआ तीर, ज़ुबान से निकली हुई बात और शरीर से निकला हुआ प्राण ।

ये तीन किसी का इंतज़ार नहीं करते : समय, मौत और ग्राहक 

इन तीनों को कभी छोटा न समझें : कर्ज़, शत्रु और बीमारी 

इन तीन चीज़ों में मन लगाए उन्नति होगी : ईश्वर, परिश्रम और विद्या 

इन बातों से आपका जीवन सुखी होगा : अतीत की चिंता न करें, भविष्य पर भरोसा मत करें और वर्तमान को व्यर्थ मत जाने दें 


8 comments:

  1. ये सभी आदर्श की बातें हैं . इन पर जो टिका वो इतिहास के पन्नों पर हास परिहास के लिए. हालाँकि यह भी नहीं की इनका पालन न हों . किन्तु स्वयं दिल पर हाथ रखकर देखें इनका वास्तविक जीवन में औचित्य कितना?
    दिल भुलाने को ग़ालिब ख़याल अच्छा है. वरना आये दिन हम आप क्यों इतना बवाल करते.

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  2. बिलकुल सही कहा आपने। मैं भी समर्थन करती हूँ आपका। :)

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  3. अच्छी बातें, सच्ची बातें।
    विद्या में अब मन नहीं लगता:)

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  4. sundar prastuti ... janane yogy baten... abhaar

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  5. कुछ से सहमत

    शत्रु

    समय, मौत

    कमान से निकला हुआ तीर, ज़ुबान से निकली हुई बात


    बाकी सब बातें जरूरी नहीं

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  6. ये तीसरी पोस्ट है आज आपकी जिसे हम पढ़ रहे हैं। :)

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