आज सुबह जब आँख खुली, तो ये गाना बहुत याद आया ...
सोचा लगे हाथों गा ही दूँ ...आशा है आपको उतना बुरा नहीं लगेगा।
गुलज़ार के बेमिसाल बोल हैं ....हमने देखी है उन आँखों की महकती खुशबू .....फिल्म का नाम 'ख़ामोशी'..
यहाँ आवाज़ 'अदा' की ....
सोचा लगे हाथों गा ही दूँ ...आशा है आपको उतना बुरा नहीं लगेगा।
गुलज़ार के बेमिसाल बोल हैं ....हमने देखी है उन आँखों की महकती खुशबू .....फिल्म का नाम 'ख़ामोशी'..
यहाँ आवाज़ 'अदा' की ....