ये तीन बातें कभी न भूलें : प्रतिज्ञा करके, क़र्ज़ लेकर और विश्वास देकर
ये तीन कभी वापिस नहीं आते : कमान से निकला हुआ तीर, ज़ुबान से निकली हुई बात और शरीर से निकला हुआ प्राण ।
ये तीन किसी का इंतज़ार नहीं करते : समय, मौत और ग्राहक
इन तीनों को कभी छोटा न समझें : कर्ज़, शत्रु और बीमारी
इन तीन चीज़ों में मन लगाए उन्नति होगी : ईश्वर, परिश्रम और विद्या
इन बातों से आपका जीवन सुखी होगा : अतीत की चिंता न करें, भविष्य पर भरोसा मत करें और वर्तमान को व्यर्थ मत जाने दें
ये तीन कभी वापिस नहीं आते : कमान से निकला हुआ तीर, ज़ुबान से निकली हुई बात और शरीर से निकला हुआ प्राण ।
ये तीन किसी का इंतज़ार नहीं करते : समय, मौत और ग्राहक
इन तीनों को कभी छोटा न समझें : कर्ज़, शत्रु और बीमारी
इन तीन चीज़ों में मन लगाए उन्नति होगी : ईश्वर, परिश्रम और विद्या
इन बातों से आपका जीवन सुखी होगा : अतीत की चिंता न करें, भविष्य पर भरोसा मत करें और वर्तमान को व्यर्थ मत जाने दें
ये सभी आदर्श की बातें हैं . इन पर जो टिका वो इतिहास के पन्नों पर हास परिहास के लिए. हालाँकि यह भी नहीं की इनका पालन न हों . किन्तु स्वयं दिल पर हाथ रखकर देखें इनका वास्तविक जीवन में औचित्य कितना?
ReplyDeleteदिल भुलाने को ग़ालिब ख़याल अच्छा है. वरना आये दिन हम आप क्यों इतना बवाल करते.
बिलकुल सही कहा आपने। मैं भी समर्थन करती हूँ आपका। :)
ReplyDeletehaan ye shai hai
ReplyDeleteअच्छी बातें, सच्ची बातें।
ReplyDeleteविद्या में अब मन नहीं लगता:)
वाह..
ReplyDeletesundar prastuti ... janane yogy baten... abhaar
ReplyDeleteकुछ से सहमत
ReplyDeleteशत्रु
समय, मौत
कमान से निकला हुआ तीर, ज़ुबान से निकली हुई बात
बाकी सब बातें जरूरी नहीं
ये तीसरी पोस्ट है आज आपकी जिसे हम पढ़ रहे हैं। :)
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