कमाल जनता है मेरे देश की जब आन्दोलन कर रहे थे तो कहने लगे अनशन आन्दोलन से कुछ नही होगा पार्टी बनाइये चुनाव लड़िये! चुनाव लड़ने लगे तो कहने लगे, नौसिखिये हैं, बुरी तरह हारेंगे! चुनाव जीत गये तो कहते हैं, सत्ता के भूखे हैं! सत्ता छोड़ के विपक्ष मे बैठने लगे तो कहते हैं, के जनता को किये वादे पूरे नहीं कर सकते इसलिये डर गये! जनता को किये वादे पूरे करने के लिये सरकार बनाने लगे तो कहते हैं के जनता को धोखा दे कर कांग्रेस से हाथ मिला लिया! जनता से पूछने गये की क्या कांग्रेस से समर्थन लेके सरकार सरकार बना सकते हैं, तो कहते है की क्या हर काम अब जनता से पूछ के होगा! मेरे भाई आखिर चाहते क्या हो? इतने सवाल 50 सालों मे कांग्रेस भाजपा से कर लेते तो आज आम आदमी पार्टी की ज़ुरूरत ही नही पैदा होती!!
ये सब जनता नहीं कांग्रस और बी जे पी के लोग बोल रहे है|
ReplyDeleteनई पोस्ट मेरे सपनों का रामराज्य ( भाग २ )
काँग्रेस और बीजेपी के 'लोग' भी तो जनता से ही आते हैं कालीपद जी ।
Deleteये तो शादी का लड्डू है जी खाया वो पछताया न खाया वो पछताया
ReplyDeleteकाश कि जनता वो लड्डू होती जिसे खाकर नेताओं की नानी याद आ जाती, लेकिन हम तो वो लड्डू हैं जिसके लिए कहा जा सकता है 'खाये जाओ खाये जाओ, इस मामले में यूनाईटेड होकर खाये जाओ :( '
Deleteस्वराज की बात तो बीजेपी को भी हजम नहीं हो रही। अगर ऐसा है तो ईमानदार देश बनने का भ्रम त्याज्य हो जाना चाहिए।
ReplyDeleteबीजेपी के लिए अब कहना पड़ता है
Deleteवो दिन हवा हुए जब पसीना गुलाब (कमल) था
अब तो गुलाब (कमल) से भी प......... :(
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (22-12-13) को वो तुम ही थे....रविवारीय चर्चा मंच....चर्चा अंक:1469 में "मयंक का कोना" पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
हृदय से धन्यवाद शास्त्री जी !
Deletepoliticians think that Politics is for them only , its they who can do some thing for the nation ,its their children who can take this up as profession . Politicians have created a CLASS which seems to have shattered like GLASS
ReplyDeleteWhether Kejriwal succeeds or not as a politician time will tell but he has proved that those people who are thrown away by the administration and bureaucracy and political parties can BRING IN A SILENT REVOLUTION ,
KEJRIWAL MEANS CHANGE
I strongly agree.
DeleteI agree too.
Deletenice one :)
ReplyDeleteवैसे बड़े दिनों बाद सुनी ये पंक्तियाँ .
"हारो तो हूरो और जीतो तो थूरो "
अर्थात 'चित भी मेरी पट भी मेरी और अंटा मेरे बाप का " :):)
आउल का :)
Deleteप्रश्न तो तभी खड़े होते हैं जब उत्तर नहीं मिलते। जब जनादेश के लिये गये थे तो सरकार बनाने में क्या हानि, जितने दिन मिले, सेवा करें।
ReplyDelete:)
ReplyDeletebadhiya hai ... aage aage dekhiye hota hai kya :)