
फ़िल्म : मैं हूँ ना
संगीतकार : अनु मल्लिक
गीतकार : जावेद अख्तर
गायक : के के और वसुंधरा दास
लेकिन आज सुनिए इसी गीत को प्रज्ञा शैल और और उसके पापा की आवाज़ में...
प्रज्ञा हमारी बिटिया है और आपका आशीर्वाद चाहिए उसे ...
whats up?
चलें जैसे हवायें सनन सनन
उड़ें जैसे परिंदे गगन गगन
जायें तितलियां जैसे चमन चमन
यूंही घूमूं मैं भी मगन मगन
मैं दीवानी दिल की रानी ग़म से अन्जानी
कब डरती हूँ वो करती हूं जो है ठानी
चलें जैसे हवायें सनन सनन
उड़ें जैसे परिंदे गगन गगन
whats up?
say what?
कोई रोके कोई आये
कितना भी मुझको समझाए
मैं ना सुनूंगी कभी
अपनी ही धुन में रहती हूँ
मैं पगली हूँ मैं जिद्दी हूँ
कह्ते हैं ये तो सभी
कोई नहीं जाना
के अरमान क्या है मेरा
चलें जैसे हवायें सनन सनन
उड़ें जैसे परिंदे गगन गगन
जायें तितलियां जैसे चमन चमन
यूंही घूमूं मैं भी मगन मगन
मैं दीवानी दिल की रानी ग़म से अन्जानी
कब डरती हूँ वो करती हूं जो है ठानी
चलें जैसे हवायें सनन सनन
उड़ें जैसे परिंदे गगन गगन
आये हसीना ये तो आये
मुझ को दिखाने अपनी अदायें
मैं भी कुछ कम नहीं, यह
आंखों में आंखें जो डालूं
दिल मैं चुरालूं होश चुरालूं
कोई हो कितना हसीं
मेरा हो गया वो
जो इक बार मुझ से मिला
चलें जैसे हवायें सनन सनन
उड़ें जैसे परिंदे गगन गगन
जायें भँवरे जैसे चमन चमन
यूंही घूमूं मैं भी मगन मगन
मैं दीवाना मैं अन्जाना ग़म से बेगाना
हूं आवारा लेकिन प्यारा सब ने माना
चलें जैसे हवायें सनन सनन
उड़ें जैसे परिंदे गगन गगन
जायें भँवरे जैसे चमन चमन
यूंही घूमूं मैं भी मगन मगन
चलें जैसे हवायें सनन सनन
उड़ें जैसे परिंदे गगन गगन

फ़िल्म : मंज़िल
संगीतकार : राहुल देव बर्मन
गीतकार : योगेश
आवाज़ : लता
लेकिन आज सुनिए स्वप्न मंजूषा 'अदा' की आवाज़ में यही गीत..
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन्
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन्
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
पहले भी यूँ तो बरसे थे बदल
पहले भी यूँ तो भीगा था आँचल
अबके बरस क्यूँ सजन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
इस बार मौसम दहका हुआ है
इस बार सावान बहका हुआ है
जाने पीके चली क्या पवन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन्
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन