tag:blogger.com,1999:blog-67810609343471609132024-03-14T14:49:11.585+05:30काव्य मंजूषास्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger984125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-43509246402738662432019-09-14T12:38:00.000+05:302019-09-16T11:39:24.029+05:30परिचय की गाँठ
अब प्रेम पराग,
अनुराग राग का
उन्माद ठहर चुका है...
बचे हैं कुछ दुस्साहसी
लम्हों की आहट,
मुकर जाने को तत्पर
वैरागी होता मन,
और आस पास
कनखजूरे सी रेंगती
ख़ामोशी....
इतनी भी पुख़्ता नहीं होती
परिचय की गाँठ !!!
स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com43tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-5853672076705715672019-01-31T04:38:00.000+05:302019-01-31T04:38:38.998+05:30रिश्ते...
ब्लाॅग लिखने से बढ़िया कुछ नहीं...:-) :-)
_______________________________
वक़्त की साज़िश से,
रिश्ते पनप तो जाते हैं,
मगर उनको कहानी बनते,
देर नहीं लगती ...
रूहानी पंख लिये,
वो सरपट भागते सपने,
विवशता के कुएँ में जब,
औंधे गिरते हैं तो,
क़समों और वादों की सिर्फ़,
गूँज ही सुनाई पड़ती है,
और बची-खुची उम्मीद को तो,
साँप ही सूँघ जाता है....
स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com27tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-41000981720000856812015-09-08T09:08:00.001+05:302015-09-08T09:08:29.735+05:30देश का विकास......
बी जे पी अगर सचमुच देश का विकास चाहती है, और देश को दुनिया के अन्य देशों से आगे ले जाना चाहती है, तो पी एम मोदी को देश-देश घूम कर विदेशियों को भारत में इन्वेस्टमेंट करने के लिए कन्विंस करने की आवश्यकता नहीं है.… भारत खुद ही इतना सक्षम और समृद्ध है कि वो खुद ही देश की हर समस्या का समाधान अपने दम पर कर सकता है, ज़रुरत है सही विज़न और कड़े अनुशासन की ताकि उपलब्ध राशि का सदुपयोग किया जाए .…।
भारतस्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com23tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-80887698692082166392015-05-16T22:13:00.003+05:302015-05-17T06:19:48.827+05:30देवदास के मैं तुम में निशाँ ढूँढ रही हूँ
जाने क्या यहाँ-वहाँ ढूँढ रही हूँ
शायद इक छोटा जहाँ ढूँढ रही हूँ
ग़ुम हो आतिशे-नफ़रत में कहीं तुम
आवाज़ दो मैं जाने-जहाँ ढूँढ रही हूँ
हो गई अनबन मेरे घर में सुनो जी
मैं प्यार का वो मेरा मकाँ ढूँढ रही हूँ
न तो हूँ मैं पारो, न चंद्रमुखी हूँ मैं
देवदास के मैं तुम में निशाँ ढूँढ रही हूँ
दरकतेस्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com19tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-15936193767261791222015-05-16T06:59:00.001+05:302015-05-16T07:14:12.849+05:30मगर ये भी तेरी शराफ़त का सिला है....
कोई ख़्वाहिश नहीं न कोई ग़िला है
चल पड़े अकेले ही न संगी मिला है
रात गुज़र गई और सुब्ह शबनमी है
दिन निकल आया आसमां खुला है
अबके हम खुल कर ख़ुद से मिल आये
सामने ख़ुशियों का बड़ा क़ाफ़िला है
अब कैसी शिक़ायत क्यूँ करें दरियाफ़्त
हमें सब मंजूर जो मुक़द्दर का फ़ैसला है
कुछ तो है मेरा फ़ित्नागिरी से राबता
मगर ये भी तेरी स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com17tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-43706436589838909322015-05-15T22:08:00.001+05:302015-05-15T22:13:17.074+05:30खुश रहने वाले लोगों की 7 आदतें ...
Friends, खुश रहना मनुष्य का जन्मजात स्वाभाव होता है . आखिर एक छोटा बच्चा अक्सर खुश क्यों रहता है ? क्यों हम कहते हैं कि childhood days life के best days होते हैं ? क्योंकि हम पैदाईशी HAPPY होते हैं ; पर जैसे स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com38tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-39156507501134670752015-05-15T10:01:00.003+05:302015-05-15T10:01:30.464+05:30तीन कहानियाँ- जो बदल सकती हैं आपकी ज़िन्दगी !
http://www.achhikhabar.com/
पढ़िए iPod और iPhone बनाने वाली कंपनी Apple के founder Steve Jobs के जीवन की तीन कहानियाँ जो बदल सकती हैं आपकी भी ज़िन्दगी.
Steve Jobs
जब कभी दुनिया के सबसे प्रभावशाली entrepreneurs का नाम लिया जाता है तो उसमे कोई और नाम हो न हो ,एक नाम ज़रूर आता है. और वो नाम है STEVE JOBS (स्टीव जोब्स) का. APPLE Company के स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com13tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-87402856112852776542015-05-14T17:14:00.006+05:302015-05-15T18:03:05.127+05:30दिल की बस्ती में उन्होंने भर ही दी चिंगारियाँ .....
हम चले जिन रास्तों पर, दुरूह थे वीरान थे
हम नहीं उनपर चले, जो रास्ते आसान थे
हम न हो पाये तेरी, नज़्र के क़ाबिल कभी
क्या नज़र आते हैं हम, औ क्या तेरे अरमान थे
हो गए हैराँ-परेशां, हमें देख दश्त के जानवर
सब पूछते हैं क्या हुआ, तुम तो कभी इंसान थे
फूल, चन्दन, धूप-बाती सा महकता स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-79922690210676548742015-05-13T14:19:00.002+05:302015-05-13T14:19:54.960+05:30भगवान विष्णु के 5 छल, जानिए कौन से.....
हिन्दू धर्म में कहते हैं कि ब्रह्माजी जन्म देने वाले, विष्णु पालने वाले और शिव वापस ले जाने वाले देवता हैं। भगवान विष्णु तो जगत के पालनहार हैं। वे सभी के दुख दूर कर उनको श्रेष्ठ जीवन का वरदान देते हैं। जीवन में किसी भी तरह का संकट हो या धरती पर किसी भी तरह का संकट खड़ा हो गया हो, तो विष्णु ही उसका समाधान खोजकर उसे हल करते हैं।
vishnu
भगवान विष्णु ने ही नृसिंह अवतार लेकर एक और जहां अपनेस्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com14tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-47691659224467574152015-05-12T06:53:00.001+05:302015-05-12T07:49:54.661+05:30हिन्दू धर्म के 29 ऐसे रहस्य, जो अनसुलझे हैं... भाग १
संकलन : अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
भाग २
हिन्दू धर्म या कहें कि भारतीय संस्कृति में प्रचलित और ग्रंथों में उल्लेखित भारत के 29 ऐसे रहस्य हैं, जो अभी तक अनसुलझे हुए हैं और संभवत: उनमें से कुछ का रहस्य मानव कभी नहीं जान पाएगा।
प्राचीन सभ्यताओं, धर्म, समाज और संस्कृतियों का महान देश भारत वैसे भी रहस्य और रोमांच के लिए जाना जाता है। एक ओर जहां भारत में दुनिया की प्रथम भाषा संस्कृत का जन्मस्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-22580568291228469732015-05-12T06:49:00.002+05:302015-05-12T07:12:31.639+05:30हिन्दू धर्म के 29 ऐसे रहस्य, जो अनसुलझे हैं... भाग ७
संकलन : अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
सम्राट अशोक के 9 रहस्यमय रत्न : 9 रत्न रखने की परंपरा की शुरुआत सम्राट अशोक और राजा विक्रमादित्य से मानी जाती है। उनके ही अनुसार बाद के राजाओं ने भी इस परंपरा को निभाया। अकबर ने अपने दबार में 9 रत्नों की नियुक्ति की थी। कुछ लोग कहते हैं कि अशोक के साथ ऐसे 9 लोग थे, जो उनको निर्देश देते थे जिनके निर्देश और सहयोग के बल पर ही अशोक ने महान कार्यों को अंजाम स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-46357127015496512842015-05-12T06:48:00.004+05:302015-05-12T07:42:47.095+05:30हिन्दू धर्म के 29 ऐसे रहस्य, जो अनसुलझे हैं... भाग ६
संकलन : अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
भाग ७
गरूड़ वाहन : गरूड़ का हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है। वे पक्षियों के राजा और भगवान विष्णु के वाहन हैं। भगवान गरूड़ को कश्यप ऋषि और विनीता का पुत्र कहा गया है। विनीता दक्ष कन्या थीं। गरूड़ के बड़े भाई का नाम अरुण है, जो भगवान सूर्य के रथ का सारथी है। पक्षीराज गरूड़ को जीव विज्ञान में लेपटोटाइल्स जावानिकस कहते हैं। यह इंटरनेशनल यूनियन स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-47287703850085181782015-05-12T06:47:00.001+05:302015-05-12T07:40:50.244+05:30हिन्दू धर्म के 29 ऐसे रहस्य, जो अनसुलझे हैं... भाग ५
संकलन : अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
भाग ६
वानर प्रजाति : क्या सचमुच रामायण काल में बताए गए अनुसार जामवंत एक रीछ थे और हनुमानजी एक वानर? हालांकि आज भी यह रहस्य बरकरार है। यदि बजरंग बली वानर नहीं होते तो उनको रामायण और रामचरित मानस में कपि, वानर, शाखामृग, प्लवंगम, लोमश और पुच्छधारी कहकर नहीं पुकारा जाता। लंकादहन का वर्णन भी फिर पूंछ से जुड़ा हुआ नहीं होता।
हालांकि कहा स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-65952672562820317862015-05-12T06:46:00.002+05:302015-05-12T07:39:33.363+05:30हिन्दू धर्म के 29 ऐसे रहस्य, जो अनसुलझे हैं... भाग ४
संकलन : अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
भाग ५
कैलाश मंदिर : गुफाएं तो भारत में बहुत हैं, लेकिन अजंता-एलोरा की गुफाओं के बारे में वैज्ञानिक कहते हैं कि ये किसी एलियंस के समूह ने बनाई हैं। यहां पर एक विशालकाय कैलाश मंदिर है। आर्कियोलॉजिस्टों के अनुसार इसे कम से कम 4,000 वर्ष पूर्व बनाया गया था। 40 लाख टन की चट्टानों से बनाए गए इस मंदिर को किस तकनीक से बनाया गया होगा? यह आज की आधुनिक स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-63165631364167866702015-05-12T06:46:00.001+05:302015-05-12T07:33:24.480+05:30हिन्दू धर्म के 29 ऐसे रहस्य, जो अनसुलझे हैं... भाग ३
संकलन : अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'भाग ४
अमृत कलश : समुद्र मंथन के दौरान क्या कोई ऐसा रस निकला था जिसे पीकर देवताओं ने अमरता को प्राप्त कर लिया था? यदि समुद्र से ऐसा कोई रस निकल सकता है तो क्या आज नहीं निकल सकता? जरूरी है कि समुद्र से ही निकले? अमृत कलश के लिए देव और दैत्यों के बीच भयंकर युद्ध हुआ था। सचमुच अमृत का निकलना एक रहस्य ही है। हालांकि वैज्ञानिक ऐसी दवा बनाने में लगे हैं जिसे स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-66188672395262926322015-05-12T06:40:00.000+05:302015-05-12T07:29:04.775+05:30हिन्दू धर्म के 29 ऐसे रहस्य, जो अनसुलझे हैं... भाग २
संकलन : अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
भाग ३
क्या कल्पवृक्ष अभी भी है? : वेद और पुराणों में कल्पवृक्ष का उल्लेख मिलता है। कल्पवृक्ष स्वर्ग का एक विशेष वृक्ष है। पौराणिक धर्मग्रंथों और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार यह माना जाता है कि इस वृक्ष के नीचे बैठकर व्यक्ति जो भी इच्छा करता है, वह पूर्ण हो जाती है, क्योंकि इस वृक्ष में अपार सकारात्मक ऊर्जा का भंडार होता है। यह वृक्ष समुद्र मंथन से स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-66927004427542572172015-05-12T06:26:00.000+05:302015-05-12T07:36:38.200+05:30हिन्दू धर्म के 29 ऐसे रहस्य, जो अनसुलझे हैं... भाग १
संकलन : अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'भाग २ हिन्दू धर्म या कहें कि भारतीय संस्कृति में प्रचलित और ग्रंथों में उल्लेखित भारत के 29 ऐसे रहस्य हैं, जो अभी तक अनसुलझे हुए हैं और संभवत: उनमें से कुछ का रहस्य मानव कभी नहीं जान पाएगा।
प्राचीन सभ्यताओं, धर्म, समाज और संस्कृतियों का महान देश भारत वैसे भी रहस्य और रोमांच के लिए जाना जाता है। एक ओर जहां भारत में दुनिया की प्रथम भाषा संस्कृत का स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-16563887693480999802015-05-11T08:35:00.000+05:302015-05-11T23:26:50.235+05:30My Son Sent Me This....
Don't ever forget what our parents have done for us. These words are spoken for all our parents. Read them carefully, and remember them.
स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-91512736690100534892015-05-04T05:59:00.000+05:302015-05-04T05:59:18.559+05:30जिसे देखो सियासत में सिकन्दर है....
जिसे देखो सियासत में सिकन्दर है
बस तमद्दुन-ओ-एहसास ही कमतर है
इसे धूप में बाहिर तो निकालो यारो
अश्कों से तर-ब-तर मेरा बिस्तर है
हो गई खोखली बीवी की भी मुस्कान
घर भी घर नहीं, लगता है दफ्तर है
हो गए हावी बर्गर और पिज्जा की दूकान
घर में चूल्हे नहीं जलते गुमशुदा दस्तर है
ग़ुम गए चाँद से चेहरे वो शर्मीलीस्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-50653459667192680402015-04-29T19:39:00.003+05:302015-05-01T16:17:39.924+05:30सिक्कों के फर्श पर तो ये भी फिसल गए ..!
नज़रों की तमाज़त से मेरे ख़्वाब जल गए
बेशर्म से कुछ सच थे बच के निकल गए
अँधों के गाँव में अब मनती है दीवाली
गूँगों की बातेँ सुन-सुन लंगड़े भी चल गए
पत्थर तराशते थे कभी मोम के थे हाथ
संग-संग रहे जो संग के संग में ही ढल गए
डरते थे हम कि जाएँ तो जाएँ अब कहाँ
रस्तों ने बाहें खोल दी, रस्ते स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com16tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-56891249699750321622015-04-29T10:23:00.001+05:302015-04-29T15:28:32.251+05:30मेरा फेस लटक गया.....!
कुछ तो प्यार में गुज़रा, कुछ झगड़े में ही कट गया
चलो जी अब जैसे-तैसे, अपना टाईम निपट गया
बच्चे अब कहाँ बच्चे हैं, अब मेरी गोद भी छोटी है
दाढ़ी-मूछें देख-देख, आँचल मेरा सिमट गया
रात को तुम देर से आते, आते ही फेसबुक पे जाते
जब फेसबुक सौतन को देखूँ, मेरा फेस लटक गया
कभी दुनिया यूँ लगती थी, जैसे रेशम कास्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com8tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-20533509445302752872015-04-28T07:16:00.000+05:302015-04-28T07:16:20.624+05:30फिर भी कुछ कमी क्यूँ है ...!
आज खुशियाँ थमी क्यूँ है ?
इन आँखों में नमी क्यूँ है ?
जब रखते हो ग़मों का हिसाब
फाईलों पर धूल जमी क्यूँ है ?
ख़ुश नज़र आते हो सबको
फिर दीदों में ग़मी क्यूँ है ?
गर्म तो है मौसम बहुत मगर
यहाँ ये बर्फ़ जमी क्यूँ है
धूप में खड़े हो जाने कब से
फिर चेहरा शबनमी क्यूँ है ?
अच्छे दिन आ गए अब तो
फिर भी कुछ कमी क्यूँ है ? स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-34253434167287595102015-04-24T09:23:00.001+05:302015-04-26T09:03:51.562+05:30दोहों का दोहन :)
ऐसी वाणी बोलिए, सबका आपा खोये !राहुल भांजे ऊंट-पटांग, बाकी जनता सोये!!
पंछी करे न चाकरी, अजगर करे न काम !
राहुल बाबा छुट्टी गए करने को आराम !!
साईं इतना दीजिए, भाड़ में कुटुंब समाये !
मैं भूखा ही रहूँ, बाबों की तिजोरी भर जाय !!
गुरु गोविन्द दोनों खड़े, काको लागूँ पाँय !
परीक्षा के हॉल में, छात्र पिस्तौल दिखाय !!
जाति पूछो साधु की, मत पूछो जी ज्ञान !
बसस्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com16tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-2979672847925575292015-04-23T11:55:00.000+05:302015-04-23T11:55:02.730+05:30इस्लाम में 'चार बीवियों' की चतुराई.....--शीबा असलम फहमी
हाल में ही
दारुल उलूम देवबंद ने एक महत्वपूर्ण फतवा दिया है। दारुल उलूम देवबंद ने 13 अप्रैल को दिये गये अपने फतवे में कहा है कि इस्लाम हालांकि एक पत्नी के रहते दूसरी शादी
की इजाजत देता है लेकिन मुसलमान ऐसा न करें। दारुल उलूम का कहना है कि भले ही
शरीयत हमें ऐसी इजाजत देता है लेकिन भारतीय परंपरा में यह मान्य नहीं हो सकता कि
एक पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी कर ली जाए। ऐसा करने पर दोनों स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-27075076301378926962015-04-23T10:35:00.000+05:302015-04-23T10:35:13.055+05:30पर पर....:)
सुनो !
अभी रुको !
अब मुझे जाना है :(
पर रुको न, थोड़ी देर,
पर मैं जा रही हूँ
पर.…
पर मैं चलती हूँ
पर… ओके बाय
उसके बाद
मेरी पर, पर
उसकी पर ने
ऐसा पर मारा कि
मेरे पर बिखर गए
और उसके पर निकल आये
हमदोनों के 'पर'
कितने जुदा थे :)
स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com9