इतिहास भारत का बहुत पुराना
हुए ५००० वर्ष पूरे हम जाना
सभ्यता के जनक हमको तुम मानो
सिन्धु घाटी सभ्यता महाना
आये आर्य ईसा पूर्व १५००
वैदिक सभ्यता का फ़ैल जाना
आर्यों की भाषा संस्कृत थी जानो
और धर्म 'हिन्दू' हुआ महाना
सदी पांचवी फिर गौतम आये
मौर्य साम्राज्य |
शौक़ उन्हें साम्राज्य फैलाना
अफगानिस्तान से गए मणिपुर
और तक्षिला से कर्णाटक तक ताना
दक्षिण में कुछ छूट गया था
बहुत कठिन था 'चोल' हराना
सोमनाथ का मंदिर |
संग अपने इस्लाम वो लाये
बारहवीं सदी दिल्ली का शासन
हड़प लिए थे तुर्की दासन
१५२६ को फिर बाबर आया
मुग़ल वंश की पौध लगाया
३०० साल यह राज चलाया
पोता अकबर सबको भाया
दीन-ए-इलाही धरम चलाया
ज़ज़िया का भी टैक्स हटाया
ज़ज़िया टैक्स हुई फिर जारी
बढ़ गया जुल्म जब बहुत ही ज्यादा
तब शिवाजी जी कर लिया इरादा
१७०७ में औरंगजेब मर गुज़रा
मुग़ल सल्तनत हुआ बिखरा-बिखरा
जेम्स लैंकास्टर जिसने 1601 में ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से भारत की पहली यात्रा की थी |
डच, पुर्तगाल फ़्रांसिसी भगाए
किया बहाना व्यापार करन का
और बन बैठे मुख्तार देश का
१८५७ विद्रोह उभारा
गोरे उसको दबाय दे मारा
१९४७ हम आज़ादी पाए
अंग्रेजों को बस दिए भगाए
लम्बी बहुत है हमरी गुलामी
नहीं छूटती आदत ये पुरानी
सदियों चोर थे घर हथियाए
कुछ तो असर हम ज़रूर हैं पाए
सचमुच बचा है का शुद्ध रक्त भईया
कौन पूछे पुरखन से मईया
तब ही तो हम ई लछन पावें
फट दनी कहीं भी गुलाम बन जावें....
आउर तारीफ की है बात जानों ..
गुलाम बन कर भी इतरावें..