Wednesday, February 19, 2014

संविधान की प्रस्तावना:

संविधान की प्रस्तावना:


"" हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक  
गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को :
सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढाने के लिए दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई0 (मिति मार्ग शीर्ष शुक्ल सप्तमी, सम्वत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।""

2 comments:

  1. ननी पालकीवाला की प्रस्तावना याद आती है उनकी पुस्तक "वी, द पीपुल" से...
    यह पुस्तक सम्र्पित है उन भारत के नागरिकों को जिन्होंने स्वयम को एक वृहत सम्विधान दिया किंतु उसे बनाए रखने की योग्यता नहीं...!!

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  2. सब कुछ आत्मार्पित कर दिया है औरों के लिये कुछ छोड़ा ही नहीं।

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