Sunday, July 19, 2009

शेर कहा या दोहा ...

बात तब की है जब मिथुन चक्रवर्ती हीरो नहीं बने थे, मिथुन चक्रवर्ती को अपने पड़ोस में रहने वाली एक नवयुवती से प्रेम हो गया, समस्या यह थी कि नवयुवती बंगला भाषा से अज्ञान थी इसलिए प्रेम निवेदन थोड़ा कठिन हो रहा था मिथुन के लिए, बहुत सोच समझ कर उन्होंने अपनी यह समस्या अपने दोस्तों को बताई, दोस्तों ने मशवरा दिया कि हिम्मत करके अपने दिल की बात कह ही दीजिये उससे, फिर क्या था मिथुन दा सुबह स्नान-ध्यान कर कंघी-पाटी कर तैयार हो कर बाहर खड़े हो गए, जब वह नवयुवती उनके घर के सामने से गुजरने लगी, मिथुन दा ने बहुत ही मधुर आवाज़ में कहा "शोनिये" लड़की ने कहा "कहिये", मिथुन दा कहा "हाम ना आपका शे प्रेम कोरता हाय" लड़की ने आव देखा न ताव कस कर एक थप्पड़ उनके गालों पर रसीद कर दिया, घबडाये हुए मिथुन दा अपने दोस्तों के पास पहुंचे " यार, उ तो शोब गोड़बोड़ हो गाया", दोस्तों ने ढ़ाढ़स बंधाते हुए हिम्मत रखने की सलाह दी और इस नतीजे पर पहुंचे की इन्हें एक शेर सिखाया जाए जिसका असर जल्दी हो जाए, खैर शेर सिखाया गया और शेर था :

"न शिकवा है न गिला है, तुम सलामत रही यही मेरी दुआ है'

रात भर मिथुन दा ने इस शेर का रट्टा मारा और सुबह फिर तैयार होकर खड़े हो गए, लड़की ज्यूँ ही नज़र आई उन्होंने हिम्मत जुटाई और आवाज़ लगायी, " शोनिये" लड़की ने खीझ कर कहा "अब क्या है?" " हाम ना आपको एक ठो शेर सुनाना चाहता है" लड़की ने अनमने भावः से कहा " सुनाइए " , मिथुन दा ने जो शेर सुनाया वो कुछ इस प्रकार था :

ना शूखा हाय ना गीला हाय,
ना शूखा हाय ना गीला हाय,
तुम साला मत रहो एही हमारा दोहा हाय

हा हा हा हा हा

19 comments:

  1. हा हा हा हा हा-

    फिर थप्पड़ पड़ा होगा!!

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  2. किस्सा सुनकर मज़ा भी आ गया और यह भी समझ आ गया कि मिथुन चक्रवर्ती ने अभिनय सीखने के बजाय मार्शल-आर्ट्स क्यों सीखीं.

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  3. बहुत खूब अब समझ मे आया कि मिथुन दा का चेहरा सूजा-सूजा क्यो रहता है.
    हा हा

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  4. अबकी बार तो तबियत से पिटाई हुई होगी।

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  5. ha-ha ha ...
    bahut khoob. Par itnee nijee baat aapko kaise pata hai ? kaheen...?

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  6. हा..हा..हा.. बहुत मस्त.. मिथुन को उसके बाद प्यार हुआ या नहीं। बड़ा मस्त किस्सा सुनाया आपने।

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  7. 1. आपकी कहानी बहुत ही लोट-पोट करनेवाली थी। मैं तो गिर पड़ा कुरसी से.....हाहहाहाहहाहहाहाहा

    2. वैसे मिथुन दा हैं बहुत ही अच्छे इंसान। कोलकाता में उन्होंने जो कुछ ग़रीबों के लिए किया है, उससे प्रभावित होकर कई लोग उनके रास्ते पर अग्रसर हैं। मुंबई में भी उन्होंने कई लोगों का भला किया और सबसे बड़ी चीज़ ये है कि अपनी फटेहाल ज़िंदगी के दौरा के साथियों को उन्होंने कभी नहीं भुलाया।

    3. रांची की कुछ महत्वपूर्ण जानकारी के लिए यहां आयें रांचीहल्ला

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  8. Good morning :-)

    A very nice one :-) hahahaha!

    Regards,
    Dimple
    http://poemshub.blogspot.com

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  9. बड़ा मस्त किस्सा सुनाया ...

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  10. इस बार तो वो जोर की हंशी होगी, थप्पड़ का चांस कम था |

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  11. mazedaar kissaa padhkar khoob hansi ,mithun da ke is ghatna se anjaan the ,shukriya is waakya ke liye .jo man ko gudguda gayi .

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  12. Ha ha ha ha ha .. chalo kuchh bund do bund khuun to badha hasne se ., hasane ke liye shukriya..apka swagat karta hun ..,
    Purani baat hai mithun daa jab football khela karte the un dino unke pas waqt cafi tha pr kaam km, roz sham ke waqt ground ke bagal se yogita bali ka aana jana hua karta tha,mithun daa yogita baliko dekhte hi rah jate ,football ko chhod dete aur jab tak dekh sakte dekhte rahte the ..,us waqt jab unke dost puchte kyon aise nazar gadaye dekha karte ho rozroz..
    Mithun daa bade rob se kaha karte the ki ak din mein isse shadi karunga ...
    aur mithin daa ne ye kam kar dikhaya.., aaz yogita bali unki patni hai aur unke bachche ki maa bhi hai..
    chante wali bat to mazak sahi.., par mithun daa garibon ka abhitab bachchan is really great

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  13. बहुत खूब!!
    बढिया लिखा।

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