Wednesday, July 22, 2009

बात से बतंगड़ तक..

बात से बात निकली थी
और बात कहाँ तक आ पहुंची
बातों बातों में ही,
बात का बतंगड़ बन गया
बेबात ही बात बनती गयी
और बस बात बढ़ती गयी
बात इतनी बढ़ गयी
कि बातें बाकी हीं न रहीं
और फ़िर एक दिन
बात ही बंद हो गई


22 comments:

  1. बात तो वाजिब कही आपने, वैसे बोतों का बेहतरीन संयोजन

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  2. sahi akha bat se bat nklai aur bat hi nadarad hui
    acha laga padkar

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  3. बतंगड की जड मे बात होती है.
    बतंगड के बाद कहा बात होती है
    बहुत खूब बेबात का बात बनाया. बात का फिर बतगड बनाया. बतगड तो होने दीजिएगा. बात बन्द मत होने दीजिएगा

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  5. बातॊं बातों में सच्ची बात लिख दी आपने ।

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  6. बातों बातों में ..बात के ऊपर
    जाने कितनी बात वो कर गए..
    हाँ तुमसे बात करेंगे हम ,खुशी हुई इतनी ,इस बात की
    की उनकी इसी बात पे मर गए...

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  7. पर करें का ..... बोले बिना तो बात ही नहीं बनती.

    सच्‍ची बात के लिये आभार.

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  8. ये तो ज्यादति हो गई!!

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  9. वो बात ही क्या जिसका बतंगड़ न बने....
    नीरज

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  10. सँभालिए सँभालिये , बात बन्द न हो !

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  11. मैं पर्सनल एक्सपीरियेंस के आधार पर कहता हूं कि अति घनिष्ठता कहीं न कहीं रिश्तों की प्रगाढ़ता को कम करती है, अगर वो रिश्ता खून से न जुड़ा हो। देखियेगा कि कहीं किन्हीं दो लोगों में बहुत ज्यादा दोस्ती चल रही होती है, फिर वो पार्टनर बन जाते हैं, फिर अचानक पता चलता है कि दोनों में इतना मन मुटाव हुआ कि दोनों अलग अलग हो गये और अब दोनों में दस साल से बातचीत बंद है। मेरा मानना है कि सभी से अच्छे संबंध रखने चाहिए लेकिन एक हद तक फॉर्मालिटी मेनटेन करके रखना चाहिए, ताकि रिश्तों में ब्रीदिंग स्पेस ज़रूर रहे।

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  12. क्या बात है और क्या बतंगड़ है। वैसे मुझे लगा कि बतंगड़ का कॉपीराइट तो मेरे ही पास है। :)

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  13. bilkul hi sahi kha hai .
    isiliye bade log khte hai soch smjh kar bolna chhiye.

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  14. बात बिगड़ने से पहले ही ठीक कर ली जाए तो बीर बात बिगड़ती हही............ सुंदर पोस्ट

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  15. सुन्दर ....बहुत सुन्दर......अतिसुन्दर

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  16. bhai baat hai aapki baat me
    umda baat !
    achhi baat !

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  17. ये बातों ही बातों में क्या हो गया ?
    ऐसा हो नहीं सकता ....

    बहुत ही मधुर आवाज़ है आपकी...
    आज ही सुनना हो पाया
    sundar !!

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  18. wah kya shabdon ka jaal buna hai...

    ..logic and emotions....

    ...flawless !!

    wo kavita yaad ho aie anayas hi....

    "Naari vich saari hai...."

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  19. baat se baat nikli,,,
    kya baat kahi aapne,,,
    aapki baaton ne,,,
    hamen be-baat kar diyaa,,,
    behtareen,,,

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  20. गर मेरे जीवन का सार मुझे निकलना हो ,तो , यही कहूँगी , 'बात न जाने कैसे बतंगड़ बन गई .. गधे पे सवार हुई तो उतारी गई , उतरी तो पूछा , क्यों उसपे सवार नही ? '

    एक गहन संवेदन शीलता है आप मे, जो हर बात दिलो दिमाग़, दोनों, मान जाते हैं..!

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