tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post9198795352020091330..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: लोलीपोप के दिन अब गए.....स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger33125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-83465977628514082682010-09-30T10:25:34.870+05:302010-09-30T10:25:34.870+05:30सारी दुनिया हम जबरन कतार तोड़ने के लिए इतने कुख्या...सारी दुनिया हम जबरन कतार तोड़ने के लिए इतने कुख्यात हैं की जिस विमान में भारतीय यात्री होते हैं उसके प्रस्थान और गंतव्य एयरपोर्ट पर अतिरिक्त स्टाफ लगाया जाता है, ताकि लाइन न टूटे. तब विदेशियों के सामने देश की इज्ज़त का ख्याल नहीं आता? वह भी तब जब विदेश यात्रा पढ़ा लिखा और समृद्ध वर्ग ही कर पाता है, पढ़ लिख कर भी भारतीय इतने जाहिल क्यों हैं?ab inconvenientihttps://www.blogger.com/profile/16479285471274547360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-74926002505924297852010-09-30T10:07:17.276+05:302010-09-30T10:07:17.276+05:30अदा जी, जहां तक चोरी का सवाल है, मैं समझता हूँ कि ...अदा जी, जहां तक चोरी का सवाल है, मैं समझता हूँ कि अभी तक ऐसी कोई मेजर घटना नहीं घटी , हाँ एक अफ्रीकी खिलाड़ी का कुछ सामन सुर के दिन गुम हो गया था ! लेकिन बातें अपनी जगह है , आज की ताजा खबर यह है जो स्वयमसेवक ( स्कूल कालेजों के छात्र -छात्राए ) में से करीब २००० ने वोलेन्टियर का अपना दावा वापस कर दिया है और करीब दस हजार ऐसे ही लोग छोड़ने के मूड में है क्योंकि इन वोलेन्टियर के लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं है, दिन-भर भूखे-प्यासे ये छात्र-छात्राएं अपने जेब से खर्च कर पानी पी रहे है, खाना तो दूर की बात है, जो फंड थे उसे तो ये बेचारे हरामखोर पहले ही खा-पी चुके !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-20333043182030446232010-09-30T09:07:16.367+05:302010-09-30T09:07:16.367+05:30पारदर्शिता तो पहली पाई खर्च करने के दिन से होनी चा...पारदर्शिता तो पहली पाई खर्च करने के दिन से होनी चाहिये थी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-44624606166722739262010-09-30T06:08:41.749+05:302010-09-30T06:08:41.749+05:30दीदी,
फोटू अच्छा है :)
मैं तो लेट हो गया :(दीदी,<br />फोटू अच्छा है :)<br />मैं तो लेट हो गया :(एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-15436950668505886192010-09-30T05:38:31.232+05:302010-09-30T05:38:31.232+05:30जरुरी और सार्थक आलेख.जरुरी और सार्थक आलेख.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-82154523197724847102010-09-30T03:31:13.789+05:302010-09-30T03:31:13.789+05:30@ चंद्रमौलेश्वर प्रसाद जी ...
आपने तो दुखती रग पर ...@ चंद्रमौलेश्वर प्रसाद जी ...<br />आपने तो दुखती रग पर ही हाथ रखा है...हमेशा की तरह :):)<br />हाँ नहीं तो..!स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-71128311892664769552010-09-30T03:25:35.560+05:302010-09-30T03:25:35.560+05:30@ अंतर सोहेल जी..
आपकी टिप्पणी अपना आशय बखूबी कह र...@ अंतर सोहेल जी..<br />आपकी टिप्पणी अपना आशय बखूबी कह रही है...<br />शुक्रिया..!स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-36543910106452924252010-09-30T03:24:08.889+05:302010-09-30T03:24:08.889+05:30@ कृष्ण मुरारी जी...
नमस्कार...!@ कृष्ण मुरारी जी...<br />नमस्कार...!स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-5529099562195900452010-09-30T03:23:26.930+05:302010-09-30T03:23:26.930+05:30@ फणी मणि जी...
हमें अपने भूलने की आदत पर काबू पान...@ फणी मणि जी...<br />हमें अपने भूलने की आदत पर काबू पाना ही होगा...वर्ना हमारे काबू में कुछ भी नहीं होगा...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-75965931042338966352010-09-30T03:22:05.858+05:302010-09-30T03:22:05.858+05:30@ संजय जी...
आपका बहुत बहुत धन्यवाद...मेरी बहुत हि...@ संजय जी...<br />आपका बहुत बहुत धन्यवाद...मेरी बहुत हिम्मत आपने बढाई है...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-35738820964025665292010-09-30T03:20:46.243+05:302010-09-30T03:20:46.243+05:30खुशदीप जी...
ये गीत सचमुच सही बैठता है..सब सबकुछ ज...खुशदीप जी...<br />ये गीत सचमुच सही बैठता है..सब सबकुछ जानते समझते हैं...लेकिन अगर कोई कहेगा नहीं तो, इन्कलाब कैसे आएगा...किसी को तो कहना होगा न..!<br />आभार...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-76138431574006177022010-09-30T03:19:14.071+05:302010-09-30T03:19:14.071+05:30@ कविता जी...हौसलाफजाई के लिए आभारी हूँ ..@ कविता जी...हौसलाफजाई के लिए आभारी हूँ ..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-17401144922332441722010-09-30T03:18:10.248+05:302010-09-30T03:18:10.248+05:30@ संगीता जी...सच में अगर ऐसा हो जाए तो फिर क्या बा...@ संगीता जी...सच में अगर ऐसा हो जाए तो फिर क्या बात होगी...!<br />शुक्रिया आपका..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-15928827932091404552010-09-30T03:17:01.348+05:302010-09-30T03:17:01.348+05:30@ शरद जी,
बैलगाड़ी से कोई परहेज नहीं है मुझे....
क...@ शरद जी,<br />बैलगाड़ी से कोई परहेज नहीं है मुझे....<br />कम से कम वो चलती तो है...मुझे ये मंज़ूर नहीं...की हवाई जहाज में बैतू और वो रनवे पर बस खड़ा रहे...<br />शुक्रिया आपका..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-43856680769125031882010-09-30T03:15:28.800+05:302010-09-30T03:15:28.800+05:30गिरीश जी..
आपका धन्यवाद...गिरीश जी..<br />आपका धन्यवाद...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-82339661483409334182010-09-30T03:14:55.371+05:302010-09-30T03:14:55.371+05:30अली साहब,
इस कमेन्ट से मन बहुत उद्विग्न हुआ है ......अली साहब,<br />इस कमेन्ट से मन बहुत उद्विग्न हुआ है ...ये सरासर गलत बात है...<br />हम प्रव्सियों की निष्ठां पर प्रहार है ये...जहाँ तक हो सके ऐसी टिपण्णी करने से बचना चाहिए लोगों को....<br />आपका धन्यवाद आपने हमारा मान बढाया है...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-6005119587380617782010-09-30T03:10:40.234+05:302010-09-30T03:10:40.234+05:30@ गोदियाल साहब,
आज एक खबर सुनने को मिली है कि खिला...@ गोदियाल साहब,<br />आज एक खबर सुनने को मिली है कि खिलाड़ियों के कमरों से उनका सामन चोरी हो गया है..ये भी सुनने को मिला है कि उनसे कहा गया है अपने सामन कि जिम्मेवारी वो खुद लें...क्या ये सच है ?<br />आपका आभार..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-9397833883612463512010-09-30T03:07:18.230+05:302010-09-30T03:07:18.230+05:30@ sarita ji..
aapka aabhaar, hausla badjaya hai aa...@ sarita ji..<br />aapka aabhaar, hausla badjaya hai aapne..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-66406971516901217972010-09-30T02:32:23.929+05:302010-09-30T02:32:23.929+05:30ये जो पब्लिक है सब जानती है,
अजी अंदर क्या है,
अ...ये जो पब्लिक है सब जानती है, <br />अजी अंदर क्या है, <br />अजी बाहर क्या है,<br />ये सब पहचानती है, <br />ये जो पब्लिक है...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-71498490764185298502010-09-29T23:38:56.544+05:302010-09-29T23:38:56.544+05:30यह देश बैलगाड़ी की तरह ही चलता है ।यह देश बैलगाड़ी की तरह ही चलता है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-52281471521314243342010-09-29T22:34:53.878+05:302010-09-29T22:34:53.878+05:30भ्रष्टाचार के बारे में कहा गया कि निर्ममता से चोट ...भ्रष्टाचार के बारे में कहा गया कि निर्ममता से चोट करनी चाहिए...तो कब करनी चाहिए ये भी बताया जाए ...आपको नहीं लगता ६३ साल कुछ ज्यादा हैं ,चोट के बारे में सोचते हुए....और फिर ऐसा भी नहीं है कि विदेशियों को मालूम नहीं भारत के बारे ...बहुत ही अच्छे तरीके से मालूम है...आज दुनिया बहुत छोटी हो चुकी है...कहीं कुछ भी बात नहीं छुपती...<br />अच्छा लगा देख करबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-11859903660877078172010-09-29T22:29:16.026+05:302010-09-29T22:29:16.026+05:30आपको हक़ है कहने का !
( देखो भारतीयों ... नरक में...आपको हक़ है कहने का !<br /><br />( देखो भारतीयों ... नरक में रहना पड़ता )<br /><br />उल्लिखित कमेन्ट से असहमत !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-2329051271896485142010-09-29T22:11:19.995+05:302010-09-29T22:11:19.995+05:30अंतिम पंक्तियों पर जिस दिन अमल होगा उस दिन से देश...अंतिम पंक्तियों पर जिस दिन अमल होगा उस दिन से देश का काय कल्प हो जायेगा ...सार्थक पोस्टसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-10892558602837018422010-09-29T22:08:51.591+05:302010-09-29T22:08:51.591+05:30हैट औफ़ अदा जी ! कुछ इसी सोच के बुद्धिजीवियों ने १९...हैट औफ़ अदा जी ! कुछ इसी सोच के बुद्धिजीवियों ने १९४७ मे कहा था "क्या हो गया अगर अग्रेजों ने इस देश के टुकडे कर दिये तो, हम आजाद भी तो हो गये है!"पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-22011599190580877022010-09-29T22:08:36.961+05:302010-09-29T22:08:36.961+05:30अनुराग शर्मा जी के ब्लॉग पर आप ही की चर्चा को आगे ...अनुराग शर्मा जी के ब्लॉग पर आप ही की चर्चा को आगे बढ़ाते हुये उन्होंने कुछ उदाहरण दिया है। पढ़कर फ़र्क साफ़ पता चलता है कि हम कितने बड़े हिप्पोक्रेट्स हैं।<br />और पन्द्रह दिन के बाद भी वाहवाही ही होनी है, सफ़ल आयोजन और देश का मस्तक ऊँचा होने के नाम पर।<br />शांति दूतों की मानें तो सबको कबूतर की तरह आँखें बन्द कर लेनी चाहियें, न बिल्ली दिखेगी और न कोई डर रहेगा।<br />ऐसे मुद्दों पर आपकी कलम की प्रखरता देखते ही बनती है। आँख बन्द करके अन्याय सहने की अपेक्षा आवाज उठाने में ज्यादा हिम्मत चाहिये।<br />आप देश से दूर रहकर भी हम जैसों से ज्यादा भारतीय हैं।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.com