tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post9061622389304399908..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: TROPHY WIVES...स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-28486859236966961382012-12-17T23:50:09.458+05:302012-12-17T23:50:09.458+05:30अरे इस पर कहीं कोई चर्चा या हल्ला हंगामा नहीं हुआ!...अरे इस पर कहीं कोई चर्चा या हल्ला हंगामा नहीं हुआ!!! दुनिया का आठवाँ आश्चर्य है यह तो।।।<br /><br />वैसे हम भी कुछ कम नहीं थे। वो तो भला हो उद्दालक पुत्र श्वेतकेतु का जिन्होंने वैवाहिक व्यवस्था को सामाजिक जामा पहनाया और राम ने एक पत्नीव्रता रह के इसे धार्मिक मान्यता भी दे दी। नहीं तो हम भी आज उन्ही व्यवस्थाओं को जी रहे होते जिन्हें गरिया रहे हैं। हर जाबाल 'सत्यकाम' नहीं बन पाता है।।।<br /><br />सादर <br /><br />ललित Lalithttps://www.blogger.com/profile/07381473297376142200noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-5289572747764162552012-12-17T23:49:52.376+05:302012-12-17T23:49:52.376+05:30अरे इस पर कहीं कोई चर्चा या हल्ला हंगामा नहीं हुआ!...अरे इस पर कहीं कोई चर्चा या हल्ला हंगामा नहीं हुआ!!! दुनिया का आठवाँ आश्चर्य है यह तो।।।<br /><br />वैसे हम भी कुछ कम नहीं थे। वो तो भला हो उद्दालक पुत्र श्वेतकेतु का जिन्होंने वैवाहिक व्यवस्था को सामाजिक जामा पहनाया और राम ने एक पत्नीव्रता रह के इसे धार्मिक मान्यता भी दे दी। नहीं तो हम भी आज उन्ही व्यवस्थाओं को जी रहे होते जिन्हें गरिया रहे हैं। हर जाबाल 'सत्यकाम' नहीं बन पाता है।।।<br /><br />सादर <br /><br />ललित Lalithttps://www.blogger.com/profile/07381473297376142200noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-6868155876298845252012-07-23T07:17:41.330+05:302012-07-23T07:17:41.330+05:30एक स्त्री की अस्मिता को, तार-तार करने का इससे बेहत...एक स्त्री की अस्मिता को, तार-तार करने का इससे बेहतर तरीक़ा और क्या हो सकता है भला, ये बिलकुल सोची-समझी साज़िश है...ताकि वो औरत अपनी नज़र में ऐसे गिरे, कि फिर कभी उठ ही न पाए...<br /><br />totally agree.....<br />regards<br />anuANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.com