tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post8879703753909276538..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: हर मौज मगर क्यूँ लगती ज्यूँ, दामन हो साहिल का...!स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-5232756804653819212010-08-29T19:44:03.500+05:302010-08-29T19:44:03.500+05:30पता नहीं कैसे ये पोस्ट मुझसे छूट गई थी ! तब तक मो ...पता नहीं कैसे ये पोस्ट मुझसे छूट गई थी ! तब तक मो सम कौन ? दो बार महफ़िल लूट चुके हैं ! बस इतना ज़रूर कहूँगा कि उन्होंने जिस शेर का ज़िक्र किया है उसके ज़ज्बात आपसे कतई अलग हैं !<br />इसके अलावा उनके कमेन्ट मुझे हूबहू मंज़ूर है !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-55671025043744058012010-08-29T19:17:40.647+05:302010-08-29T19:17:40.647+05:30तूफान की आमद का खूबसूरत चित्र.तूफान की आमद का खूबसूरत चित्र.पंकजhttps://www.blogger.com/profile/05230648047026512339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-53260505839369731202010-08-29T18:04:26.721+05:302010-08-29T18:04:26.721+05:30बहुत सुंदर चारों..ग़ज़ल,स्वर,चित्र और...आपबहुत सुंदर चारों..ग़ज़ल,स्वर,चित्र और...आपअर्चना तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04130609634674211033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-64866362622600856602010-08-29T17:20:27.535+05:302010-08-29T17:20:27.535+05:30दिल थाम के बैठ गए जब घिर आया तूफ़ान,
हर मौज मगर क्...दिल थाम के बैठ गए जब घिर आया तूफ़ान,<br />हर मौज मगर क्यूँ लगती ज्यूँ, दामन हो साहिल का.....<br />जिस को हर लहर में किनारा दिखाई देने लगे वह जिन्दगी में कभी मुश्किलों में डोलता नहीं ....<br />बहुत कुछ कह रही हैं आप की लिखी पंक्तियाँ ।<br />बधाई।Shabad shabad https://www.blogger.com/profile/09078423307831456810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-83203932172156183272010-08-29T13:32:47.113+05:302010-08-29T13:32:47.113+05:30दिल थाम के बैठ गए जब घिर आया तूफ़ान,
हर मौज मगर क...दिल थाम के बैठ गए जब घिर आया तूफ़ान, <br />हर मौज मगर क्यूँ लगती ज्यूँ, दामन हो साहिल का<br />...bahut sundar gajalकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-66605046202282611852010-08-29T08:27:50.691+05:302010-08-29T08:27:50.691+05:30बेहतरीन.....जितनी उम्दा ग़ज़ल उतना ही उम्दा आपका ग...बेहतरीन.....जितनी उम्दा ग़ज़ल उतना ही उम्दा आपका गायन भी| वाह....सुबह सुबह पहला ब्लॉग पढ़ना ही सफल हुआ|राणा प्रताप सिंह (Rana Pratap Singh)https://www.blogger.com/profile/17152336988382481047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-90047951202699277522010-08-29T07:35:42.980+05:302010-08-29T07:35:42.980+05:30चल रहा काफ़िला दबे पाँव, धीरे-धीरे दिल का
और मुझे ...चल रहा काफ़िला दबे पाँव, धीरे-धीरे दिल का <br />और मुझे भी होश कहाँ, रास्तों का मंज़िल का <br />...बहुत ही बेहतरीनपवन धीमानhttps://www.blogger.com/profile/13856945026319860927noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-75544689245069268842010-08-29T06:15:19.557+05:302010-08-29T06:15:19.557+05:30दिल थाम के बैठ गए जब घिर आया तूफ़ान,
हर मौज मगर क्...दिल थाम के बैठ गए जब घिर आया तूफ़ान,<br />हर मौज मगर क्यूँ लगती ज्यूँ, दामन हो साहिल का...<br /><br />सफिने पर जो कश्तियाँ डूब जाया करती हैं ...<br />वो भी क्या साहिल की तमन्ना रखती हैं ...!<br /><br />बहुत बढ़िया मनभावन ग़ज़ल ..<br />गीत तो बढ़िया होता ही है ..!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-88807660138134175432010-08-29T00:52:09.453+05:302010-08-29T00:52:09.453+05:30मासूमियत भरी आवाज़ के साथ बेहद सुरीला गायन...मासूमियत भरी आवाज़ के साथ बेहद सुरीला गायन...दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-47457706557624163022010-08-29T00:38:25.776+05:302010-08-29T00:38:25.776+05:30आपकी पोस्ट रविवार २९ -०८ -२०१० को चर्चा मंच पर है...आपकी पोस्ट रविवार २९ -०८ -२०१० को चर्चा मंच पर है ....वहाँ आपका स्वागत है ..<br /><br />http://charchamanch.blogspot.com/<br />.संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-24832537960203709152010-08-29T00:38:08.918+05:302010-08-29T00:38:08.918+05:30गाना नही सुन पा रहा हूं../..गाना नही सुन पा रहा हूं../..दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-90928932855421805042010-08-28T23:29:37.389+05:302010-08-28T23:29:37.389+05:30बहुत ही बेहतरीन रचना.....बहुत ही बेहतरीन रचना.....Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-89626809382860718642010-08-28T22:12:37.068+05:302010-08-28T22:12:37.068+05:30कई बार पढ़ चुका हूँ जी आज की पोस्ट, और हर बात नये ...कई बार पढ़ चुका हूँ जी आज की पोस्ट, और हर बात नये रंग नये आयाम दिखाती है ये पोस्ट।<br />@"चल रहा काफ़िला दबे पाँव, धीरे-धीरे दिल का <br />और मुझे भी होश कहाँ, रास्तों का मंज़िल का"<br />- चलना ही जिंदगी है जी। अपने को तो खुद मंजिल से ज्यादा रास्ते आकर्षित करते हैं। और रास्ते भी हसीन न हों तो भी चलना ही अच्छा लगता है। keep moving.<br />बहुत अच्छी पोस्ट लगी है हमें, और गाना लाजवाब।<br />आभारी।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-43064127895185387222010-08-28T21:34:21.118+05:302010-08-28T21:34:21.118+05:30बहुत ही सुन्दर।बहुत ही सुन्दर।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-55592843123598905152010-08-28T17:56:25.680+05:302010-08-28T17:56:25.680+05:30बहुत ही प्रभावशाली अभिव्यक्ति!!बहुत ही प्रभावशाली अभिव्यक्ति!!Unknownhttps://www.blogger.com/profile/06587620497676437010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-13390001366026548082010-08-28T17:55:27.188+05:302010-08-28T17:55:27.188+05:30ii to gazabe likhi hain aap !ii to gazabe likhi hain aap !Unknownhttps://www.blogger.com/profile/06587620497676437010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-88416994512431047562010-08-28T17:55:23.371+05:302010-08-28T17:55:23.371+05:30ii to gazabe likhi hain aap !ii to gazabe likhi hain aap !Unknownhttps://www.blogger.com/profile/06587620497676437010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-91331938557037664562010-08-28T16:35:00.263+05:302010-08-28T16:35:00.263+05:30all is beautiful.all is beautiful.उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-34831095657483131422010-08-28T15:56:24.679+05:302010-08-28T15:56:24.679+05:30"दिल थाम के अब हम बैठ गए, और घिर आया तूफ़ान,&..."दिल थाम के अब हम बैठ गए, और घिर आया तूफ़ान,"<br /><br />दिल थाम के बैठे है, क्या होगा मौज़ू अगली गज़ल का :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-8142181460621248122010-08-28T09:28:31.045+05:302010-08-28T09:28:31.045+05:30बहुत पहले एक शेर कहीं पढ़ा था, पूरी तरह से याद नही...बहुत पहले एक शेर कहीं पढ़ा था, पूरी तरह से याद नहीं आ रहा -<br />कुछ लोग अभी तक साहिल से तूफ़ां का नजारा करते हैं,<br />जिन्हें नींद में भी चलने की आदत हो, मत पूछो कैसे रात गुज़ारा करते हैं।<br />ऐसा ही कुछ था, आपकी पोस्ट पढ़्कर एकदम से याद आ गया। nothing personal, nothing else, आपकी पोस्ट से मिलता जुलता था, इसलिये याद आ गया। कन्फ़्यूज़न हम भी नहीं चाहते हैं जी, हा हा हा, याद कीजिये आपका कमेंट। हिसाब बराबर:)<br />अब जो लिख रहा हूँ, सोचता हूँ इसे कापी करके ही रख लेता हूँ। आपकी हर पोस्ट पर कमेंट बॉक्स में पेस्ट भर कर दिया करेंगे।<br />चित्र, पोस्ट और गाना, तीनों में बहुत टफ़ मुकाबला है कि सबसे बेहतरीन कौन है।<br />तीनों।<br />सदैव आभारी।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.com