tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post8362504784806509985..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: परदे के पीछे पर्दानशीं है.............माइकल जैक्सन का भूतस्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-8160259173323565682010-04-09T08:41:22.078+05:302010-04-09T08:41:22.078+05:30आज दिनांक 9 अप्रैल 2010 के दैनिक जनसत्ता में संपा...आज दिनांक 9 अप्रैल 2010 के दैनिक जनसत्ता में संपादकीय पेज 6 पर समांतर स्तंभ में यह पोस्ट पर्दे के पीछे शीर्षक से प्रकाशित हुई है, बधाई।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-8143086389143920402010-04-09T08:41:22.077+05:302010-04-09T08:41:22.077+05:30आज दिनांक 9 अप्रैल 2010 के दैनिक जनसत्ता में संपा...आज दिनांक 9 अप्रैल 2010 के दैनिक जनसत्ता में संपादकीय पेज 6 पर समांतर स्तंभ में यह पोस्ट पर्दे के पीछे शीर्षक से प्रकाशित हुई है, बधाई।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-14302487297709728052010-04-03T21:42:52.401+05:302010-04-03T21:42:52.401+05:30जाने भूत है या क्या है...
पर फोटो बड़ी मस्त हैं स...जाने भूत है या क्या है...<br /><br />पर फोटो बड़ी मस्त हैं सब की सब...manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-3639009022799022342010-04-01T11:37:56.869+05:302010-04-01T11:37:56.869+05:30ek public litigation kuch din pahle supreme Court ...ek public litigation kuch din pahle supreme Court ke paas aayi thi.. wo is baat par discuss kerna chhate the ki photo identity card ke liye muslim auraton se parda na hatwaya jaaye.. matlab photo id card par burqe mein photo.. litigation mein tha ki ye islaam ke khilaf hai..<br /><br />Supreme court ne bade pyaar se use anzi ko khariz kiya aur unse bola ki agar vote dena hai to buraqa to uthana hi hoga.. aap ek kaam kar sakte hain ki aap vote na den.. :)Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)https://www.blogger.com/profile/01559824889850765136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-59764982594897864802010-04-01T09:42:05.403+05:302010-04-01T09:42:05.403+05:30समय काल परिस्थिति के अनुसार रहन सहन, रीति रिवाज आद...समय काल परिस्थिति के अनुसार रहन सहन, रीति रिवाज आदि बदलते रहते हैं। हो सकता है कि किसी समय पर्दा प्रथा की आवश्यकता रही हो, किन्तु आज इसकी आवश्यकता नहीं है। इसलिये अब प्रथा को खत्म ही कर देना उचित है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-40368062164699361202010-04-01T06:10:55.621+05:302010-04-01T06:10:55.621+05:30पर्दाप्रथा के कारणों और प्रभावों पर अच्छा संतुलित ...पर्दाप्रथा के कारणों और प्रभावों पर अच्छा संतुलित आलेख लिखा है आपने ...किसी भी देश के नागरिक को अपनी मान्यताओं से ज्यादा देश के कानून का पालन करना आवश्यक होना चाहिए ...<br />अजितजी की टिप्पणी से डर लगने लगा है ...हा हा हा ...अपना खयाल रखियेगा ....:):)वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-4242459104524430992010-04-01T04:51:14.468+05:302010-04-01T04:51:14.468+05:30हा हा हा। मैं तो पहला फोटो ही देख कर ... हा हा हा
...हा हा हा। मैं तो पहला फोटो ही देख कर ... हा हा हा<br /> .. फिर आऊँगा।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-43878493602825594032010-03-31T21:46:09.620+05:302010-03-31T21:46:09.620+05:30लाजबाब !लाजबाब !Prem Farukhabadihttps://www.blogger.com/profile/05791813309191821457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-21508322630622213412010-03-31T21:44:51.837+05:302010-03-31T21:44:51.837+05:30रोचक जानकारियों से भरा आलेख बहुत च्छा लगा!रोचक जानकारियों से भरा आलेख बहुत च्छा लगा!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-35909803791851033472010-03-31T21:36:45.404+05:302010-03-31T21:36:45.404+05:30पर्दा है पर्दा है...
अदा जी, डॉ अजित गुप्ता जी की...पर्दा है पर्दा है...<br /><br />अदा जी, डॉ अजित गुप्ता जी की सलाह को हल्के में मत लीजिएगा...ये माइकल जैक्सन सुरीले गले वालों को अपने शो में शामिल करने के लिे बेताब रहता था...कहीं माइकल का भूत आपको साथ लेकर अगला वर्ल्ड टूर ही इस नाम से न प्रमोट करने लगे...invisible MJ, visible ADA<br /><br />सबसे पहले टिकट मैं लूंगा...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-14101472619652972312010-03-31T21:17:41.619+05:302010-03-31T21:17:41.619+05:30अदा जी, आज की पोस्ट के लिए बधाई। आपने बहुत सधे शब...अदा जी, आज की पोस्ट के लिए बधाई। आपने बहुत सधे शब्दों में अपनी बात रखी। देश, काल व समय के अनुसार परंपरायें बदलती हैं और हमें ऐसे मामलों में बहुत ज्यादा कट्टर नहीं होना चाहिये। दोहरी मानसिकता व विरोधाभास वाली बात एकदम ठीक कही है आपने। Law of the land must be observed at all costs, और फ़िर धर्म कोई ऐसी चीज नहीं कि फ़ायदा-नुकसान देखकर ओढ़ लिया जाये या उतार लिया जाये।<br />कई दिन से चल रहा गजल का मौसम शायद थम गया है, लेकिन विविधता अच्छी लगी।<br />पुन: बधाई स्वीकार करें।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-14582662241799847882010-03-31T21:04:30.469+05:302010-03-31T21:04:30.469+05:30यह सच है की पर्दा प्रथा महिलाओं को बचने के लिए शुर...यह सच है की पर्दा प्रथा महिलाओं को बचने के लिए शुरू हुई। पहले मुग़ल , फिर अँगरेज़। लेकिन मुस्लिम समाज में तो अति ही लगती है। बेवज़ह !डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-43542867071482456432010-03-31T20:13:55.797+05:302010-03-31T20:13:55.797+05:30उनके वस्त्र वहाँ के जलवायु के अनुकूल हैं। मैं भी स...उनके वस्त्र वहाँ के जलवायु के अनुकूल हैं। मैं भी सऊदी अरब में रही हूँ और कई बार मैंने भी आँचल से चेहरा उन्हीं की तरह ढाँपा है। जब रेत की आँधी चलती है तो चेहरा ढकने के अतिरिक्त कोई रास्ता ही नहीं रह जाता। पुरुष व स्त्री सभी चेहरे ढक लेते हैं। शायद इसीलिए पुरुषों के सिर का कपड़ा इतना लम्बा रहता है कि चेहरा ढका जा सके। जैसे हम भी कोई ऐसा काम करें जिससे कपड़े व बाल खराब होंगे तो ओवरऔल पहन लेते हैं व सिर पर कपड़ा बाँध लेते हैं यह भी कुछ उसी तरह है।<br />वैसे सच तो यह है कि जिसे जो करना है करने दिया जाए बस किसी अन्य या समाज को कष्ट न हो। इसीलिए सुरक्षा व समाज की सहूलियत के लिए बुर्के पर प्रतिबन्ध लगाया जा रहा है।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-34803974853074434962010-03-31T18:51:00.366+05:302010-03-31T18:51:00.366+05:30हर धर्म में कुछ लोग नहीं चाहते कि परिवर्तन आये ..उ...हर धर्म में कुछ लोग नहीं चाहते कि परिवर्तन आये ..उन्हें इससे भी तकलीफ नहीं कि उनकी अपनी माँ और बहिनों को कितनी तकलीफ होगी ...<br />आशा करते हैं कि अच्छा हो ..Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-91712073250425307622010-03-31T16:05:18.240+05:302010-03-31T16:05:18.240+05:30पर्दा प्रथा भारत में नहीं थी । सच है ।पर्दा प्रथा भारत में नहीं थी । सच है ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-82568349698921633182010-03-31T15:39:13.536+05:302010-03-31T15:39:13.536+05:30एक जरुरी और सोलिड पोस्ट !एक जरुरी और सोलिड पोस्ट !Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-40477480003036817192010-03-31T13:42:31.528+05:302010-03-31T13:42:31.528+05:30बहुत खूब, लाजबाब !बहुत खूब, लाजबाब !संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-353102116216585932010-03-31T13:42:31.529+05:302010-03-31T13:42:31.529+05:30रोचक जानकारियों से भरा आलेख बहुत च्छा लगा!रोचक जानकारियों से भरा आलेख बहुत च्छा लगा!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-22615691327633925992010-03-31T13:05:48.989+05:302010-03-31T13:05:48.989+05:30नारी पर मेरा पूरा पोस्ट पढ़ें....
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http://laddo...नारी पर मेरा पूरा पोस्ट पढ़ें....<br />...<br />http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/03/blog-post_30.htmlकृष्ण मुरारी प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/00230450232864627081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-69294054861936303182010-03-31T13:04:09.431+05:302010-03-31T13:04:09.431+05:30देर होगा अंधरे नहीं....
.काफी वर्जनाएं टूट रही हैं...देर होगा अंधरे नहीं....<br />.काफी वर्जनाएं टूट रही हैं....<br />जिस दिन महिलाओं की यह पीड़ा झेलने की क्षमता कम हो जायेगी, या जब वे पीड़ा झेलना बंद कर देंगी ,... उस दिन से पुरुषों का जीवन दूभर हो जाएगा....महिलाओं की यही विशेषता उसके लिए वरदान की जगह अभिशाप बन गया है....पुरुष सदियों से नारियों का दमन करते आये हैं....कृष्ण मुरारी प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/00230450232864627081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-16377178282922986022010-03-31T11:39:02.952+05:302010-03-31T11:39:02.952+05:30बहन फिरदौस की तरह ही सभी पढी लिखी मुस्लिम महिलाओं ...बहन फिरदौस की तरह ही सभी पढी लिखी मुस्लिम महिलाओं को खुलकर आगे आना चाहिए, देर से ही सही मगर एक नई क्रान्ति आयेगी ! और इन मुल्लों के होश ठिकाने लगाएगी !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-36360898391813736232010-03-31T11:21:10.935+05:302010-03-31T11:21:10.935+05:30Nice Post...Nice Post...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-50870381643736122712010-03-31T10:37:39.815+05:302010-03-31T10:37:39.815+05:30रोचक जानकारियों से भरा आलेख बहुत च्छा लगा!रोचक जानकारियों से भरा आलेख बहुत च्छा लगा!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-47681478506355473992010-03-31T10:33:50.066+05:302010-03-31T10:33:50.066+05:30हम जैसे-जैसे शिक्षित होते जा रहे हैं, उतने ही अंधव...हम जैसे-जैसे शिक्षित होते जा रहे हैं, उतने ही अंधविश्वासी भी बनते जा रहे हैं। परिस्थितिवश किये गए आचरण हमारी परम्परा बन गयी हैं और उन्हें कट्टरता से निभा रहे हैं। अच्छा आलेख है। माइकल जैक्सन का भूत भी देख दिला। अमेरिका से कनाडा एकदम पास है, भारत तो दूर है। बच कर रहना, फिर तुम्हारा स्वर भी तो माशाल्लाह है। कहीं तुम्हें ही न पकड ले। कहीं वो बोले चलो अदा तुम गाओ और मैं नाचूंगा। हा हा हा हा।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com