tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post5899043529162520462..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: परेशान कर दिया है इस वकील के सवालों ने....स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger31125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-79144305372732440062010-08-19T21:02:38.491+05:302010-08-19T21:02:38.491+05:30feels very awkward to leave ma comment here in eng...feels very awkward to leave ma comment here in english....<br /><br />u r an awesome matured poet.... every line heave weight and so worthfulManish Vermahttps://www.blogger.com/profile/02143573863163260711noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-43999849561420313352010-08-19T20:21:00.463+05:302010-08-19T20:21:00.463+05:30दीदी ...
सभी टिप्पणीकर्ता जब उसी लाइन को दोहरा कर ...दीदी ...<br />सभी टिप्पणीकर्ता जब उसी लाइन को दोहरा कर प्रशंसा करते है जिसका थोडा बहुत अर्थ मुझे न आता हो तो उत्सुकता बहुत ज्यादा बढ़ ही जाती है न भी दोहरायें तो भी पूछे बिना नहीं मानूंगा :) <br /><br />हर बार की तरह अर्थ जान कर पूर्णता का एहसास हो ही गया <br /><br /><br />छोटा भाई और कहाँ जायेगा , जब भी ब्लोगिंग करेगा दीदी के घर [अर्थात ब्लॉग] पर तो आएगा ही आयेगा <br /><br />यहाँ विश्वास का उजाला है और एक नहीं कईं सारे दिये हैं इसलिए घर कहा है [मकाँ नहीं ] :)<br /><br />[गाना सुनना अभी बाकी है ] <br /><br />हाँ वैसे वेरी वेरी हैप्पी रक्षा बंधन टू माय "ब्लोगर दीदी"एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-69214143380936460572010-08-18T20:58:10.227+05:302010-08-18T20:58:10.227+05:30@ नदीम,
बहुत दिनों बाद तुम्हें देखा ..
इन्तेहाई ख़...@ नदीम,<br />बहुत दिनों बाद तुम्हें देखा ..<br />इन्तेहाई ख़ुशी हुई है...<br />खुश रहो..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-85486071576243114932010-08-18T20:15:08.423+05:302010-08-18T20:15:08.423+05:30gehri gazal aur meethi awaazgehri gazal aur meethi awaazsonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-75452859648852877042010-08-18T19:35:40.727+05:302010-08-18T19:35:40.727+05:30सवाल तो हमेशा ही कचोटते हैं हम सबको। इल्जांम लगाये...सवाल तो हमेशा ही कचोटते हैं हम सबको। इल्जांम लगाये जाने से बच नहीं पाता हूँ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-80635260663404792992010-08-18T17:14:01.491+05:302010-08-18T17:14:01.491+05:30गौरव,
ये रहे मतलब..बहुत दिनों बाद आए हो..अच्छा लग...गौरव,<br /><br />ये रहे मतलब..बहुत दिनों बाद आए हो..अच्छा लगा देख कर..<br /><br />रानाई-ए-ख़यालों=कोमल अहसास<br /><br />साक़ी=शराब बाँटने वाली<br /><br />हाला=शराब की प्याली<br /><br />ख़ुश रहो...<br /><br />दीदी..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-16292767915141328752010-08-18T15:20:36.859+05:302010-08-18T15:20:36.859+05:30सागर का दोष कैसा, वो चुपचाप ही पड़ा था
डुबो दिया थ...सागर का दोष कैसा, वो चुपचाप ही पड़ा था<br />डुबो दिया था उसको, चंद मौज के उछालो ने <br />kya baat hai !रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-65268183769876110602010-08-18T15:14:26.727+05:302010-08-18T15:14:26.727+05:30बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल है..... बहुत खूब!बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल है..... बहुत खूब!Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-32113728666102898232010-08-18T14:18:53.447+05:302010-08-18T14:18:53.447+05:30शुमार थे कभी उनके, रानाई-ए-ख़यालों में
अब देखते है...शुमार थे कभी उनके, रानाई-ए-ख़यालों में<br />अब देखते हैं ख़ुद को हम, तारीख़ के हवालों में<br /><br />मैं तो पहले ही शेर पर भौंचक हूँ... मौन प्रशंसा स्वीकारें..Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-5645314215009397722010-08-18T13:41:50.923+05:302010-08-18T13:41:50.923+05:30दीदी,
कृपया स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष पर प्रकशित म...दीदी,<br />कृपया स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष पर प्रकशित मेरी एक पोस्ट अवश्य पढ़ें [मेरे ब्लॉग पर ]और कोई कमीं नजर आये तो भी अवश्य बताएंएक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-14304550509675605342010-08-18T13:37:12.841+05:302010-08-18T13:37:12.841+05:30मैं गूंगी हूँ तो क्या हुआ, इल्ज़ाम मुझपर गाली का ह...मैं गूंगी हूँ तो क्या हुआ, इल्ज़ाम मुझपर गाली का है <br />परेशान कर दिया है अब, इस वकील के सवालों ने<br /><br />इन पंक्तियों ने तो कुछ कहने की जगह नहीं छोड़ी है निशब्द<br /><br />तकनीकी कारणों से गाना अभी नहीं सुन पाया हूँ <br /><br />शुमार, रानाई-ए-ख़यालों, साक़ी, हालों <br />के अर्थ भी बताएं तो बस पूर्णता का एहसास हो जाये .... भाव तो समझ में आ गया हैएक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-18987158123174790512010-08-18T11:57:17.623+05:302010-08-18T11:57:17.623+05:30सूपर। माफी चाहूंगा कि बहुत दिनों के बाद आया, लेकिन...सूपर। माफी चाहूंगा कि बहुत दिनों के बाद आया, लेकिन आया, तो हमेशा की तरह आपा की बेहतरीन रचना मिली...नदीम अख़्तरhttps://www.blogger.com/profile/17057642640754937106noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-31495333250211509672010-08-18T11:33:50.480+05:302010-08-18T11:33:50.480+05:30खूबसूरत गज़ल !खूबसूरत गज़ल !परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-38476788272695764962010-08-18T10:54:01.737+05:302010-08-18T10:54:01.737+05:30"शुमार थे कभी उनके, रानाई-ए-ख़यालों मेंअब देख..."शुमार थे कभी उनके, रानाई-ए-ख़यालों मेंअब देखते हैं ख़ुद को हम, तारीख़ के हवालों में"<br /><br />बेहद मानी खेज़ !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-9965123231172753642010-08-18T07:29:47.624+05:302010-08-18T07:29:47.624+05:30बहुत अच्छी लगी आपकी अभिब्यक्तिबहुत अच्छी लगी आपकी अभिब्यक्तिसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-40304671491233281122010-08-18T05:48:02.483+05:302010-08-18T05:48:02.483+05:30शुमार थे कभी उनके, रानाई-ए-ख़यालों में
अब देख रहे ...शुमार थे कभी उनके, रानाई-ए-ख़यालों में<br />अब देख रहे हैं ख़ुद को हम, तारीख़ के हवालों में....<br />सुन्दर ...<br /><br />कुछ सूखे से वो होंठ थे, और कुछ प्यासे से हलक <br />पर गुम हो गईं कई ज़िंदगियाँ, साक़ी तेरे हालों में...<br />ये भी बहुत पसंद आया ...<br />गीत तो हमेशा की तरह मधुर है ही ...!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-33375168039989886932010-08-18T05:26:36.913+05:302010-08-18T05:26:36.913+05:30मैं गूंगी हूँ तो क्या हुआ, इल्ज़ाम मुझपर गाली का ह...मैं गूंगी हूँ तो क्या हुआ, इल्ज़ाम मुझपर गाली का है <br />परेशान कर दिया है अब, इस वकील के सवालों ने<br /><br /><br />-क्या कहने...<br /><br /><br />गाना भी बेहतरीन.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-8534499624683902412010-08-18T03:58:58.649+05:302010-08-18T03:58:58.649+05:30आप तो फुल टाइम शायरा बन जाइए दी.. आवाज़ भी है कमाल...आप तो फुल टाइम शायरा बन जाइए दी.. आवाज़ भी है कमाल का लेखन भी.. और क्या चाहिए..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-24810677943795219642010-08-18T01:02:57.594+05:302010-08-18T01:02:57.594+05:30ग़ज़ल शानदार है, और गीत गायन उस का कोई जवाब नहीं।ग़ज़ल शानदार है, और गीत गायन उस का कोई जवाब नहीं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-46222208513719401482010-08-17T23:15:11.828+05:302010-08-17T23:15:11.828+05:30इत्ती खूबसूरत गज़ल आखिर आई कहाँ से
अदा तो सब से छ...इत्ती खूबसूरत गज़ल आखिर आई कहाँ से <br />अदा तो सब से छुपी है फिर ये अदा आई कहाँ से ?<br />आना जाना बंद है आज कल इनका किसी के भी घर में..<br />फिर ये उलझते सवाल उठाती कहाँ से ?अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-1399197105938026602010-08-17T23:10:05.144+05:302010-08-17T23:10:05.144+05:30another mind blowing writtinganother mind blowing writtingmai... ratnakarhttps://www.blogger.com/profile/06401132634460924460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-39693111179613182932010-08-17T22:36:22.935+05:302010-08-17T22:36:22.935+05:30आपके मधुर गाने को सुनने में इतना खो गया कि कविता क...आपके मधुर गाने को सुनने में इतना खो गया कि कविता को पढ कर भी चाह कर भी आनंद नहीं ले पाया.<br /><br />आपके स्वर मे मिठास है,कोमलता का एहसास है, और पिछले दिनों की नायिकाओं के मन की सुंदरता, निश्छलता की अभिव्यक्ति है.<br /><br />आपके बहुआयामी व्यक्तित्व से प्रभावित हूं.<br /><br />गाते रहियेगा.<br /><br />एक छोटी सी अर्ज़. अगर ये ट्रॆक हो तो भेज सकेंगी?दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-85452927062570993722010-08-17T22:19:09.559+05:302010-08-17T22:19:09.559+05:30बातों का सिलसिला था, निकली बहस की नोकें
और फिर उल...बातों का सिलसिला था, निकली बहस की नोकें <br />और फिर उलझ गए हम, कुछ बेतुके सवालों में <br /><br /><br />सागर का दोष कैसा, वो चुपचाप ही पड़ा था <br />डुबो दिया था उसको, चंद मौज के उछालो ने<br /> Sundar, adaji.पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-26522086523171899642010-08-17T22:03:37.784+05:302010-08-17T22:03:37.784+05:30लाजवाब रचना, वादियां तेरा दामन....गीत अर्से बाद सु...लाजवाब रचना, वादियां तेरा दामन....गीत अर्से बाद सुना, आपकी आवाज में सुनना बडा सुखद लगा, शुभकामनाएं.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-74000264398008570352010-08-17T22:02:16.800+05:302010-08-17T22:02:16.800+05:30बहुत दर्द भरी गज़ल लिखी है इस बार आपने, सभी शेर एक...बहुत दर्द भरी गज़ल लिखी है इस बार आपने, सभी शेर एक से बढ़कर एक स्वीट। स्वीटनैस और सैडनैस बहुत नजदीक के रिश्तेदार हैं।<br />चित्र में ये जो knot है, इसका कुछ खास नाम भी है, याद नहीं कर पा रहा हूँ।<br />गाना भी हमेशा की तरह बहुत अच्छा लगा, पहले भी सुनवा चुकी हैं वैसे आप ये गीत।<br />सदैव आभारी।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.com