tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post4992513983151103472..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: ये लो यादों का सहारा हाथों से फिसल गया......गीत ..तुम्हीं मेरे मंदिर..स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-42005563181474942272011-02-08T18:13:06.178+05:302011-02-08T18:13:06.178+05:30Bahut achchhaa laga ji...Bahut achchhaa laga ji...manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-76878925594432202592011-02-07T18:26:33.227+05:302011-02-07T18:26:33.227+05:30सँवर कर फिर बिखरने की, मेरी जिद्द पूरी हुई,
बिखर क...सँवर कर फिर बिखरने की, मेरी जिद्द पूरी हुई,<br />बिखर कर अब सँवरने की, मेरी नहीं है आस।<br />wah...bahut khub.Anupriyahttps://www.blogger.com/profile/05019902934224945447noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-80741096639652545092011-02-07T13:57:44.704+05:302011-02-07T13:57:44.704+05:30सँवर कर फिर बिखरने की, मेरी जिद्द पूरी हुई,
बिखर क...सँवर कर फिर बिखरने की, मेरी जिद्द पूरी हुई,<br />बिखर कर अब सँवरने की, मेरी नहीं है आस।<br /><br />ज़िद करने का यह अंदाज़ अच्छा लगा।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-412990757668760982011-02-06T11:11:15.438+05:302011-02-06T11:11:15.438+05:30hamesa ki tarah bahut achha h
aabharhamesa ki tarah bahut achha h<br />aabhardeepti sharmahttps://www.blogger.com/profile/10113945456813271746noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-10674874486501142112011-02-05T21:37:34.339+05:302011-02-05T21:37:34.339+05:30अच्छी ग़ज़ल.
ये लो यादों का सहारा, हाथों से फिसल ...अच्छी ग़ज़ल.<br /><br />ये लो यादों का सहारा, हाथों से फिसल गया<br />देखते ही देखते हो गई, हकीक़त बे-लिबास<br /><br /><br />जब हकीक़त बे-लिबास हो तो एक कयामत होती है.<br />बहुत बढ़िया लिखा आपने.शुभ कामनाएं.विशालhttps://www.blogger.com/profile/06351646493594437643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-55645493409108167632011-02-05T18:52:49.246+05:302011-02-05T18:52:49.246+05:30पाँव के नीचे मसल कर, दिल मेरा रख दिया
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दि...पाँव के नीचे मसल कर, दिल मेरा रख दिया<br />><br />><br />दिल न हुआ गोया फूल हो गया :(चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-86349988221548552462011-02-05T18:07:04.801+05:302011-02-05T18:07:04.801+05:30आपकी आवाज़ में गीत सुनना हमेशा अच्छा लगता है. :)आपकी आवाज़ में गीत सुनना हमेशा अच्छा लगता है. :)सोमेश सक्सेना https://www.blogger.com/profile/02334498143436997924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-80116575843363175222011-02-05T09:50:58.903+05:302011-02-05T09:50:58.903+05:30पाँव के नीचे मसल कर, दिल मेरा रख दिया
जी रहा है मे...पाँव के नीचे मसल कर, दिल मेरा रख दिया<br />जी रहा है मेरा क़ातिल, मेरे ही दिल के पास<br />वाह वाह <br /><br />आपकी पंक्तियाँ पढ़कर किसी का एक शेर याद आ गया,आप भी देखिये:-<br /><br />क्या समझ कर तुमने मेरे दिल के टुकड़े कर दिये.<br />जिसमें तुम ख़ुद थे,उसी महफ़िल के टुकड़े कर दिये.<br /><br />शुद्ध आपकी आवाज़ में खानदान फिल्म का प्रस्तुत गीत बहुत प्यारा और मीठा लगा.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-91486739327645903832011-02-05T09:22:02.509+05:302011-02-05T09:22:02.509+05:30जो फूल सजाये थे गुलदान में ,
उन काँटों ने ही तार-...जो फूल सजाये थे गुलदान में , <br />उन काँटों ने ही तार- तार किया दामन ...<br />दरअसल फूलों से प्यार करने वालों को काँटों से छिलने की आदत भी रखनी होती है ...<br />शौक है बागवानी का , पौधों की देखभाल करते अक्सर कहनियाँ , अगुलियां छिल जाती है , बहुत खून बहता है पर सच अब दर्द बिलकुल नहीं होता !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-39971594276323983082011-02-05T07:59:07.532+05:302011-02-05T07:59:07.532+05:30बिखर कर हवा में उड़ जाने की आस बनी रहे, स्वच्छन्दत...बिखर कर हवा में उड़ जाने की आस बनी रहे, स्वच्छन्दतापूर्ण।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-28070551737101040242011-02-05T07:24:25.437+05:302011-02-05T07:24:25.437+05:30सुन्दर...सुन्दर...सुन्दर...सुन्दर... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-41416299840632200032011-02-05T07:17:21.526+05:302011-02-05T07:17:21.526+05:30बहुत बेहतरीन गजल पेश की है आपने!बहुत बेहतरीन गजल पेश की है आपने!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-57050715641955055252011-02-05T06:33:45.163+05:302011-02-05T06:33:45.163+05:30सख्त अफ़सोस, आपके लिये भी और जो हाथों से फ़िसल गया...सख्त अफ़सोस, आपके लिये भी और जो हाथों से फ़िसल गया, उसके लिये भी। <br />आखिरी शेर बहुत मार्के का लगा, लेकिन गज़ल की तारीफ़ आज नहीं करेंगे, लगा नहीं कि अदाजी के ब्लॉग पर कुछ पढ़ रहे हैं, बेशक बुरा मान सकती हैं आप(सिर्फ़ इस कमेंट के कारण:))।<br />गीत तो जितनी बार सुन लिया जाये, मन नहीं भर सकता। सच में, दिव्य आवाज है आपकी।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-16041572863512603702011-02-05T06:25:02.460+05:302011-02-05T06:25:02.460+05:30फूल कांटे / क़ातिल / घर / घास / आग / क़यामत के अनु...फूल कांटे / क़ातिल / घर / घास / आग / क़यामत के अनुप्रयोग अच्छे लगे ! एक सुन्दर रचना जोकि थोड़ी सी फिजिकल हो गई है ...ज़रा गौर फरमाइयेगा... <br /><br />सहारे हाथों से फिसले <br />हकीकत बे लिबास हुई <br />दिल को पाँव से मसला गया <br />संवरना और बिखरना भी <br /><br />बहरहाल एक और अच्छी पेशकश !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-6840867106651437812011-02-05T04:13:07.757+05:302011-02-05T04:13:07.757+05:30बेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !
आशा है कि अपने स...<i><b><br />बेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !<br /><br />आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।<br /><br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2011/02/4_05.html" rel="nofollow">आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - पधारें - मेरे लिए उपहार - फिर से मिल जाये संयुक्त परिवार - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा </a> </b></i>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-82649004749531684732011-02-05T00:19:17.176+05:302011-02-05T00:19:17.176+05:30Hamesha behtareen likhatee hain!
Mere "Simta ...Hamesha behtareen likhatee hain!<br />Mere "Simta Lamhen" blog pe mere putr aur putr wadhuko aasheesh zaroor den!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.com