tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post4271320818409287106..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: नीम हकीम ख़तरा-ऐ-जान....स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-86151042456930924662009-07-29T16:04:49.428+05:302009-07-29T16:04:49.428+05:30थारो भोत-भोत धनबाद्जी जो थम्हनै कड़वे नीम को इतणा य...थारो भोत-भोत धनबाद्जी जो थम्हनै कड़वे नीम को इतणा याद कर लिया और एक हरियाणवी लोक कथा भी सुणल्यो.. एक बै [बार] एक बुढिया बीमार हो गई उसका बोल निकलणा भी बंद होग्या था,उस गाम [गांव] म्हं कोई नीम हकीम भी नहीं था ,हर आदमी अपनी अपनी सलाह दे रहा था किसी ने कहा इसके मुंह पर पानी के छींटे दो,तो कोई कहरहा था इसको जूता सुंघा दो एक कहने लगा इसे गर्म-गर्म हलवा खिला दो,बुढिया यह सुन बोल उठी इस हलवे आले की भी सुन लो लोगो<br />तो हे लोगो कहानी का moral है समीर लाल जी की सुनो और नीम बचाओ<br />श्याम सखा श्यामgazalkbahanehttps://www.blogger.com/profile/13644251020362839761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-10921476132691929292009-07-29T16:03:04.507+05:302009-07-29T16:03:04.507+05:30समीर जी ने तो दिव्य ज्ञान प्रस्तुत कर दिया। वाह प्...समीर जी ने तो दिव्य ज्ञान प्रस्तुत कर दिया। वाह प्रभु, वाह...नदीम अख़्तरhttps://www.blogger.com/profile/17057642640754937106noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-82788305649490381472009-07-29T10:47:09.217+05:302009-07-29T10:47:09.217+05:30मुझे तो बचपनमे लगता था , नीम की जान को खतर...मुझे तो बचपनमे लगता था , नीम की जान को खतरा होता है , गर हकीम उसके नीचे सो जाय तो ..और , पेड़ गर उस कारन गिर जाता है ,तो हकीम की जानको भी खतरा ...! असली बात तो तब पता चली जब, काफ़ी सारे 'नीम हकीमों' ने मुझपे अपनी दवाईयाँ आज़मायीं...!<br /><br />http://shamasansmaran.blogspot.com<br /><br />http://lalitlekh.blogspot.com<br /><br />http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com<br /><br />http://shama-kahanee.blogspot.com<br /><br />http://shama-baagwaanee.blogspot.com<br /><br />http://kavitasbyshama.blogspot.comshamahttps://www.blogger.com/profile/10349457755551725245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-19620926907030272902009-07-29T06:44:24.273+05:302009-07-29T06:44:24.273+05:30hnm...
बहुत ज्ञान मिला है आज तो..
मैं धन्य हुआ..
...hnm...<br /><br />बहुत ज्ञान मिला है आज तो..<br />मैं धन्य हुआ..<br />सभी को प्रणाम....<br />:)manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-83125718702996847542009-07-29T00:48:23.520+05:302009-07-29T00:48:23.520+05:30आप लोग गलत अर्थ न लगायें.
यह एक बहुत गंभीर नारा ...आप लोग गलत अर्थ न लगायें. <br /><br />यह एक बहुत गंभीर नारा है और यह पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित है. <br /><br />इस नारे के माध्यम से नारेबाज ने यह संदेश देने का प्रयास किया है:<br /><br />जिस तरह ऐलोपैथी और उसके डॉक्टरों के पीछे भागते भागते इस दुनिया से हकीम लुप्त प्रायः हो चुके हैं और हासिल आया शून्य. बल्कि और बड़ी बिमारियाँ होने लग गई हैं और ऐसे ही हकीम की तरह एक दिन नीम भी लुप्त हो जायेगा अगर आप टूथ पेस्ट के पीछे और माऊथ वाश के पीछे भागे तो. और हाथ आयेगा नकली डेन्चर.<br /><br />इससे बेहतर है नीम बचाओ और उसकी दातून करो और दांतों को मजबूत रखो. पर्यावरण सुरक्षित रखो.<br /><br />अतः<br /><br /><b>नीम हकीम खतरा- ऐ-जान</b><br /><br />हकीम की तरह ही नीम की जान को भी खतरा है.<br /><br />-स्वामी समीरानन्द की प्रवचन माला से.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-17691460090718870022009-07-29T00:16:05.300+05:302009-07-29T00:16:05.300+05:30कहीं नीम से इलाज करनेवाले हकीमों से जान को तो खतरा...कहीं नीम से इलाज करनेवाले हकीमों से जान को तो खतरा नहीं होता !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-84557920847673416932009-07-28T23:29:00.625+05:302009-07-28T23:29:00.625+05:30ई आप सब क्या अर्थ का अनर्थ कर रहे हैं. सब गड़बड़झा...ई आप सब क्या अर्थ का अनर्थ कर रहे हैं. सब गड़बड़झाला हो रहा है. 'नीम हकीम खतरा-ए-जान' का सही अर्थ 'युवा' ने काफी मंथन करके निकाला है कि " हकीम अगर नीम का एक्सपर्ट हो तो खतरे में भी जान आ जाती है". (कुल मिलाकर ऐसे में सबको खतरा हो जाता है).adminhttps://www.blogger.com/profile/12998815919950757652noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-47879999724634226352009-07-28T23:07:53.701+05:302009-07-28T23:07:53.701+05:30ek bat hai kisi na kisi ki jaan ko khatra haiu hi
...ek bat hai kisi na kisi ki jaan ko khatra haiu hi<br />acha kiya bata diyagyaneshwaari singhhttps://www.blogger.com/profile/16752930608738766658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-84233006537158135262009-07-28T22:31:40.181+05:302009-07-28T22:31:40.181+05:30इसी को कहते हैं 'अध् जल गगरी छलकत जाय ' ...इसी को कहते हैं 'अध् जल गगरी छलकत जाय ' यानि आप मा से कौनुओ का एकर मतबलै नहीं बूझात बा किछु किछु अदा बुझिन यहू गीता कै रहसबाद के तरह कई ठो मतबल बाटे , काव -काव अहै इ बताये दिहेन तो रहसबाद केस |<br /><br />अदा जी ,<br /> कम से कम आप कबीरा और .....के बहाने से के आलावा किसी अन्य ब्लॉग चौपाल पर गईं पर आपने केवल नाक की सीध में ही देख मुख्य लेख ' धर्म और साम्प्रदायिकता वाले आलेख को अवश्य देखें इसी के साथ मेरे दुनिया में और भी बहुत कुछ है देखें जरुर से ज़रूर |<br /> <br />अब आईये रस्म अदाएगी भी कर लें <br /><br />चौपाल पर आने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद , बहुत आभारी हूँ वगैरह वगैरह <br /> आप स्वयम समझदार हैं, हो जो कम लगे <br />जोड़ लीजियेगा |kabeeraahttps://www.blogger.com/profile/16379567788959918844noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-10127871618965876772009-07-28T21:50:08.498+05:302009-07-28T21:50:08.498+05:30हमने तो सुना था कि , 'नीम ने हकीम को खतरा जान ...हमने तो सुना था कि , <b>'नीम ने हकीम को खतरा जान लिया है ,'</b><br /><br />वैसे कुछ लोग यहाँ तक कहते हैं कि नीम हकीम के लिये खतरा है क्योंकि नीम काफ़ी रोगों को ठीक कर देता है और रोगियों के अभाव में हकीम के भूखों मरने की नौबत आ जाती है :)विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-20410882091348781532009-07-28T19:49:43.561+05:302009-07-28T19:49:43.561+05:30इसको हम ऐसा भी तो कह सकते हैं ........... "...इसको हम ऐसा भी तो कह सकते हैं ........... "वो हकीम जो नीम के पेड़ के नीचे सो रहा है, उससे सबकी जान को खतरा है".....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com