tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post3900543535855114900..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: पर उपदेश कुशल बहुतेरे ...!!स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger38125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-84009036580377650452010-05-23T15:46:35.952+05:302010-05-23T15:46:35.952+05:30पादरियों और ननों के मध्य सम्बंधों के बारे में तो क...पादरियों और ननों के मध्य सम्बंधों के बारे में तो कई बार सुना था लेकिन इसके अलावा भी इनके इतने ठाठ-बाट होते हैं पता नहीं था। आपने बहुत ही रुचिकर और स्वस्थ तरीके से सच्चाई को सामने रखा।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-31266835863376003042009-12-07T10:53:26.579+05:302009-12-07T10:53:26.579+05:30@महफूज अली जी,
एक बार अटल बिहारी बाजपाई ने कहा था...@महफूज अली जी,<br />एक बार अटल बिहारी बाजपाई ने कहा था कानपूर कि सभा में..... कि मैं कुंवारा ज़रूर हूँ......... लेकिन ब्रह्मचारी नहीं..... यही बात MOTHER TERESA पर भी लागू होती है.<br /><br /> किसी पर भी उंगली उठाने से पहले से सोच लेना चाहिए की हम किस पर उंगली उठा रहे हैं, मदर टेरेसा को अटल बिहारी बाजपाई के वक्तव्य में समेट लेना - आपकी सोच पर तरस आ रहा है.<br /><br />अदा जी की प्रस्तुति को मैं बधाई के काबिल मानती हूँ, लेकिन पाँचों अंगुली एक बराबर नहीं होतीं. उनका संस्मरण जो प्रस्तुत कर रहा है , उनका देखा हुआ है वह सौ प्रतिशत मान्य है लेकिन जिसको हमने देखा ही नहीं हैं वह सारे धर्मगुरुओं और महापुरुषों के लिए बोल देना न्याय नहीं है.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-72915094634716103102009-12-06T12:04:17.550+05:302009-12-06T12:04:17.550+05:30आश्चर्यजनक,किन्तु ’सच’ ही होगा!
बधाई! इस सच को उजा...आश्चर्यजनक,किन्तु ’सच’ ही होगा!<br />बधाई! इस सच को उजागर करने के लिये.ktheLeo (कुश शर्मा)https://www.blogger.com/profile/03513135076786476974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-56857149531977268972009-12-06T11:10:24.745+05:302009-12-06T11:10:24.745+05:30दी, ये मानसिक दोगलापन हर और छाया हुआ है..एक प्रेरण...दी, ये मानसिक दोगलापन हर और छाया हुआ है..एक प्रेरणास्पद संस्मरण...ओह मै सोच रहा था कि आपके पास तो अच्छे-खासे संस्मरण हैं..उन्हें पुस्तक की शक्ल क्यों नहीं देतीं..एक संग्रहनीय कृति होगी...!!!Dr. Shreesh K. Pathakhttps://www.blogger.com/profile/09759596547813012220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-48818200081328509002009-12-06T02:26:47.278+05:302009-12-06T02:26:47.278+05:30@अनूप शुक्ल
अच्छा लिखा है। आजकल अधिकतर बड़े धर्मगुर...@अनूप शुक्ल<br />अच्छा लिखा है। आजकल अधिकतर बड़े धर्मगुरुओं का जीवन घणे मजे में गुजरता है। हर धर्म के गुरुओं के यही हाल हैं।<br /><br />ठीक कहा महागुरुदेव...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-9050159183354330312009-12-05T21:56:43.880+05:302009-12-05T21:56:43.880+05:30अच्छा लिखा है। आजकल अधिकतर बड़े धर्मगुरुओं का जीवन ...अच्छा लिखा है। आजकल अधिकतर बड़े धर्मगुरुओं का जीवन घणे मजे में गुजरता है। हर धर्म के गुरुओं के यही हाल हैं।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-68166346190755750222009-12-05T21:28:55.146+05:302009-12-05T21:28:55.146+05:30taaliyaan....
taaliyaan......
taaliyaan..............taaliyaan....<br />taaliyaan......<br />taaliyaan.............<br /><br />bahut achchaa lagaa padh kar....<br /><br />lekin ye faather type ke log kisi bhi jagah kisi bhi dharam kisi bhi jaati mein ho sakte hain....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-51909725146673892602009-12-05T21:15:08.033+05:302009-12-05T21:15:08.033+05:30मैंने कहा पादरी साहब (अब फादर बोलने का मेरा कोई इर...मैंने कहा पादरी साहब (अब फादर बोलने का मेरा कोई इरादा नहीं था ) हम जैसे लोग जो दो जून की रोटी जुटा कर ....अपने बच्चों को पाल कर ...अपनी जिम्मेवारियों को पूरी तरह से निभाने के बाद अगर दो minute के लिए भी अपने भगवान् को याद कर लेते हैं तो ...स्वर्ग के द्वार हम जैसों के लिए ही पहले खुलेंगे ...आपके लिए नहीं....आपका क्या है ...विवाह आपने किया नहीं .....बच्चे आपके है नहीं.....आपको तो सब कुछ पका-पकाया मिलता है..कपडे धुले हुए, प्रेस किये हुए मिलते हैं, हर सुबह सिगरेट की डब्बी आपके कमरे में आपके उठने से पहले पहुंच जाती है....आपके पहुँचने से पहले आपका कमरा सजा होता है....न बिजली का बिल देने की चिंता न बच्चों की फीस....मतलब ये कि आप एक तिनका इधर से उधर नहीं करते हैं...नून-तेल लकड़ी का इंतज़ाम करना किस चिड़िया का नाम है आप नहीं जानते....आप क्या जाने परिवार क्या है ....?? उसकी समस्याएं क्या हैं....?? जूझते तो हम जैसे लोग ही हैं ....और श्रृष्टि भी हम ही चला रहे हैं आप नही.....इसलिए मुझे पूरा विश्वास है ईश्वर के ज्यादा करीब हम ही हैं आप नहीं....अब उन्हें कोई जवाब देते नहीं बना....वो अपना सा मुंह लेकर चले गए...<br />shandaar uttar diya aapne... :)Ambarishhttps://www.blogger.com/profile/10523604043159745100noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-18308654539034862132009-12-05T19:51:06.868+05:302009-12-05T19:51:06.868+05:30ये आपके संतुलन की हद है बिना किसी को कोसते हुए जैस...ये आपके संतुलन की हद है बिना किसी को कोसते हुए जैसा है वैसा कह दिया और क्या खूब कह दिया. लेखनी चलती रही इसी तरह.के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-28314202108878627952009-12-05T19:24:24.690+05:302009-12-05T19:24:24.690+05:30सही मायनों में बेहतरीन लेखन इसे ही कहा जा सकता है ...सही मायनों में बेहतरीन लेखन इसे ही कहा जा सकता है कि आप जो कहना चाहते हैं, वो बिना किसी का नाम लिए कह भी दिया ओर जिसके लिए कहा गया है, वो उसे भली भान्ती समझ भी रहा है....किन्तु ?<br />:)Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-4616832222364868572009-12-05T18:53:33.410+05:302009-12-05T18:53:33.410+05:30पिछले कुछ दिनों से आपको देख और पढ रहा था ..कुछ कार...पिछले कुछ दिनों से आपको देख और पढ रहा था ..कुछ कारणों से टीप नहीं पा रहा था ....आज समय मिल गया है ...<br />अदा जी ,<br />यदि सिर्फ़ चंद शब्दों में कहना हो तो यही कहूंगा कि ...हां अब हो रही है सही मायने में ...नारी विमर्श ..एक दम लाईन बाय लाईन ...और तर्क दर तर्क.....आप और वाणी जी खुद महिला हैं इसलिए ..पुरुषवादी नजरिये का होने का स्वाभाविक सा आरोप भी आप पर नहीं मढा जा सकेगा ..पिछले दिनों आपकी कही गई बातें और उनपर आई प्रतिक्रियाएं ही बताने के लिए काफ़ी हैं कि ....बहस किस दिशा में बढ रही है और ....जनमत भी ...बशर्ते कि ..कल को ये न कहा जाए कि हुंह ..टीप से जनमत थोडी तय हो जाता है...अरे आप मुस्कुरा रही हैं ...ऐसा कहा ही जाता है ...<br />चलिये अच्छा है अब इस मुहिम को एक नई पहचान मिलेगी ..और सतत ठेकेदारी टाईप ...मानसिकता से छुटकारा भी ...और ढेर सारे लिंक्स से मुक्ति भी ....जल्द ही हम भी आपकी इस मुहिम में जुडने जा रहे हैं ...ये अब बहुत जरूरी हो गया है ....शुभकानाएं और हां आपका स्नेह बना रहेगा ,,,,,अब ये कहने की जरूरत तो नहीं है नअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-36912678043406471872009-12-05T16:39:53.171+05:302009-12-05T16:39:53.171+05:30@ Anonymous.....
Anonymous.....भाई..... एक बार अ...<b>@ Anonymous.....<br /><br />Anonymous.....भाई..... एक बार अटल बिहारी बाजपाई ने कहा था कानपूर कि सभा में..... कि मैं कुंवारा ज़रूर हूँ......... लेकिन ब्रह्मचारी नहीं..... यही बात MOTHER TERESA पर भी लागू होती है..... एक बात और ब्रह्मचारी का जीवन बहुत थोडा होता है..... वो कम उम्र में ही टें बोल जाता है.... जैसा कि स्वामी विवेकानंद जी ..... </b>डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-19077970367679201522009-12-05T16:02:54.598+05:302009-12-05T16:02:54.598+05:30अदा जी सही कहा आपने कहने और करने मे हमेशा अन्तर हो...अदा जी सही कहा आपने कहने और करने मे हमेशा अन्तर होता है आज मेरी पोस्ट भी आपकी तरह ही ढोल के पोल खोलने वाली है । बधाईनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-77399387692135351392009-12-05T15:47:36.640+05:302009-12-05T15:47:36.640+05:30@अनामी/बेनामी जी,
अच्छी बात कहने के लिए तो मुंह छु...@अनामी/बेनामी जी,<br />अच्छी बात कहने के लिए तो मुंह छुपाने की बिलकुल भी आवश्यकता नहीं होनी चाहिए....<br />आपने ही मेरी बात का जवाब भी दे दिया.....exceptions तो हर जगह हैं.....और शायद इसलिए बस एक<b>ही मदर टेरेसा हुई.....मदर टेरेसाओं की फौज नहीं....</b>स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-71632029758484668892009-12-05T15:27:33.188+05:302009-12-05T15:27:33.188+05:30अदाजी!
नमस्कार!
आज थॊडा जल्दी मै हू.
वैसे आप हमेशा...अदाजी!<br />नमस्कार!<br />आज थॊडा जल्दी मै हू.<br />वैसे आप हमेशा ही अच्छा लिखती है. विषय भी सटीकता लिऎ हुऎ होते है!<br />आभार<br /><b></b>=======================================<br /><a href="http://kalptaru.blogspot.com/2009/12/blog-post_557.html/" rel="nofollow"><br />मुम्बई ब्लोगर मीट दिनाक ०६/१२/२००९ साय ३:३० से <br />नेशनल पार्क बोरीवली मुम्बई के त्रिमुर्तीदिगम्बर जैन टेम्पल <br />मे होनॆ की सुचना विवेकजी रस्तोगी से प्राप्त हुई... <br />शुभकामानाऎ<br />वैसे मै यानी मुम्बई टाईगर इसी नैशनल पार्क मे विचरण करते है.</a><br />============================================<br /><a href="http://ombhiksu-ctup.blogspot.com/" rel="nofollow">जीवन विज्ञान विद्यार्थीयों में व्यवहारिक एवं अभिवृति परिवर्तन सूनिशचित करता है</a><br />***********************<br /><a href="http://dada1313.blogspot.com/" rel="nofollow">ताउ के बारे मे अपने विचार कुछ इस तरह</a><br />***************************<br /><a href="http://blogchurchaa.blogspot.com/" rel="nofollow">ब्लाग चर्चा मुन्नाभाई सर्किट की..</a>MUMBAI TIGER मुम्बई टाईगरhttps://www.blogger.com/profile/12686479234497210080noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-42149396471264944772009-12-05T15:12:38.803+05:302009-12-05T15:12:38.803+05:30मठ, मन्दिर, मस्जिद, चर्च.... बहुत कम हैं जहाँ मानव...मठ, मन्दिर, मस्जिद, चर्च.... बहुत कम हैं जहाँ मानवीय सरोकार बचे हों। इन जगहों पर ईश्वर नहीं ऐश्वर्य निवास करता है। ईश्वर के बारे में कुछ नहीं कहूँगा, विषयांतर होगा। <br />... सदाचारण और आत्मनिग्रह तो बस बातें हैं। <br /> हाँ, फादर वग़ैरह अमूमन मौलवी और पुजारी की तुलना में बेहतर माने जाते रहे हैं। आप ने इनकी अच्छी पोल खोली।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-369081068195638882009-12-05T15:03:30.146+05:302009-12-05T15:03:30.146+05:30जिस नारी ने कभी विवाह नहीं किया वो वैवाहिक समस्याओ...जिस नारी ने कभी विवाह नहीं किया वो वैवाहिक समस्याओं को कैसे समझेगी और जो कभी माँ नहीं बनी वो मातृत्व की पीड़ा और समस्या कैसे समझेगी..<br />Mother TeresaAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-14568907764091751582009-12-05T14:47:29.052+05:302009-12-05T14:47:29.052+05:30@दिनेश जी
अदा जी मैं ऊपर कही बात से तो पूरी तरह सह...@दिनेश जी<br />अदा जी मैं ऊपर कही बात से तो पूरी तरह सहमत नहीं हूँ। यदि व्यक्ति संवेदनशील हो तो वह यह समझ सकता है।<br /><br />@महफूज़ अली<br />जिस नारी ने कभी विवाह नहीं किया वो वैवाहिक समस्याओं को कैसे समझेगी और जो कभी माँ नहीं बनी वो मातृत्व की पीड़ा और समस्या कैसे समझेगी" इस पंक्ति से मैं सहमत तो नहीं हूँ...... क्यूंकि नारियां ज़्यादातर संवेदनशील होती हैं......<br /><br />दिनेश जी, महफूज़ जी,<br />आप दोनों के समक्ष मैं अपनी बात रखने की कोशिश करती हूँ...<br />हम सभी बहुत संवेदनशील हैं...लेकिन क्या किसी कैसर के मरीज की तकलीफ सही मायने में हम अनुभाव कर सकते है, या फिर किसी एड्स से पीड़ित इंसान किस जहन्नुम से होकर जा रहा है क्या वास्तव में हम उसे समझ सकते हैं ?? मेरा मानना है हम नहीं समझ सकते...चाह कर भी नहीं......इसी लिए कहती हूँ ....इस तरह की समस्याएं संवेदनशीलता से नहीं अनुभव से समझ में आती हैं.....हम जबकि रोज इनसे दो-चार होते रहते ....हमारा मनहमारी आत्मा इसी में सराबोर रहती है...फिर भी हर बार हर समस्या नयी लगती है.....फिर उसको क्या समझ में आएगा जो दूर बैठा बिना दूरबीन के देख रहा हो.....आशा है आप दोनों मेरी बात समझ गए होंगे....स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-10826174734743005492009-12-05T14:25:39.747+05:302009-12-05T14:25:39.747+05:30मैं भी मिशनरी स्कूल का पढ़ा हुआ हूँ..... सैंट मैरी...<b>मैं भी मिशनरी स्कूल का पढ़ा हुआ हूँ..... सैंट मैरी शिमला का..... उस वक़्त शायद मैं KG / या फर्स्ट क्लास में पढ़ता था..... मैंने खुद फादर और नन टीचर्स को आपस में प्रेम (?) करते अपनी आँखों से हॉस्टल में देखा था...... और बाद में अपने दोस्तों को जा कर बताया था.... कि फादर और सिस्टर आपस में फाइटिंग कर रहे थे..... अपनी मम्मी को भी बताया था..... तो मम्मी ने मेरी बात को अनसुना कर दिया था..... और मैं जिस स्कूल का पढ़ा हुआ हूँ.... वहां से बड़े बड़े राजनितिक और फिल्म स्टार भी पढ़े हैं...... और मैं यह खेल पूरे १० साल तक देखता रहा ......आठवीं और नौवीं में आते आते.... हम तो रौशन दान से खूब झांकते थे......रात में.... जिम्मी शेरगिल जो आज एक फिल्म स्टार है..... मेरा सीनिअर हुआ करता था.... और आज बहुत अच्छा दोस्त है..... उसके पास तो फोटोस भी हैं..... चर्च और मिशनरी में यह बहुत ही कॉमन बात है..... बहुत अच्छी बात याद दिलवाई आपने..... सोच रहा हूँ कि धर्म बदल के फादर बन जाऊ ..... यम.... यम...<br /><br />"जिस नारी ने कभी विवाह नहीं किया वो वैवाहिक समस्याओं को कैसे समझेगी और जो कभी माँ नहीं बनी वो मातृत्व की पीड़ा और समस्या कैसे समझेगी" इस पंक्ति से मैं सहमत तो नहीं हूँ...... क्यूंकि नारियां ज़्यादातर संवेदनशील होती हैं...... हाँ यह है कि इस (जिस नारी ने कभी विवाह नहीं किया) प्रकार कि नारियां चिडचिडी होती हैं.... गुस्सैल होतीं हैं.... क्योंकि ये अप्राकृतिक जीवन जीती हैं....</b>डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-85207322681703690322009-12-05T14:03:06.280+05:302009-12-05T14:03:06.280+05:30पर उपदेश कुशल बहुतेरे...ढोंग का पर्दाफाश करती यह स...<b>पर उपदेश कुशल बहुतेरे...ढोंग का पर्दाफाश करती यह संस्मरण/आलेख/वार्तालाप<br />एक साहसिक प्रयास है...और जिम्मेदार लेखन शायद इसी को कहते हैं.<br /><br />जीवन की पूर्णता तब है जब हम जीवन का सामना स्वयं अपने हाथो करते हैं.<br />कौन क्या त्याग करता है ये तो उसकी आत्मा ही जानती है...बाकी...पर उपदेश कुशल बहुतेरे</b>Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-70645244584788975672009-12-05T13:43:13.454+05:302009-12-05T13:43:13.454+05:30सारे धर्मगुरु ऐसे ही होते हैं...चाहे वो पीर हों,सा...सारे धर्मगुरु ऐसे ही होते हैं...चाहे वो पीर हों,साधू हों या पादरी....सिर्फ विलासिता के तरीके अलग अलग हैं...इश्वर का नाम लेकर सबकी आँखों में धूल झोंको....और अपन उल्लू सीधा करो...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-31664877324103794622009-12-05T13:02:14.386+05:302009-12-05T13:02:14.386+05:30ada ji
bahut hi sundar dhang se dushale mein lape...ada ji<br /><br />bahut hi sundar dhang se dushale mein lapet kar joote mare hein..........aapke vicharon se main poorntah sahmat hun...........aaj ki duniya aisi hi hai sirf doosre ko hi updesh de sakti hai magar jab wo hi apne par beete to sab updesh chulhe ki bhent chadh jate hain.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-19052765619537157192009-12-05T11:41:21.547+05:302009-12-05T11:41:21.547+05:30maine apni shuruaati padhayi catholick mission sch...maine apni shuruaati padhayi catholick mission school mein hi ki hai hai. par hakikat ko jitne behtar aapne darshaya hai waisa maine kabhi dekha bhi nahi tha. iska karan ye ho sakta hai ki school mein main sirf 9.30 se 3.30 hi hoti thi... hostal mein rahne se bachi rahi thi. par hakikat se rubaru karvane ke liye bahut bahut dhanyvaad.दीपिकाhttps://www.blogger.com/profile/09130226057259029338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-30834146911237438452009-12-05T11:36:12.635+05:302009-12-05T11:36:12.635+05:30लाख टके की बात कही है आपने।
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अद...लाख टके की बात कही है आपने।<br /><br />------------------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">अदभुत है मानव शरीर।</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">गोमुख नहीं रहेगा, तो गंगा कहाँ बचेगी ?</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-12816871706585956532009-12-05T11:00:27.425+05:302009-12-05T11:00:27.425+05:30Aapki lekhani kya to kavita kya to aalekh,yaa sans...Aapki lekhani kya to kavita kya to aalekh,yaa sansmaran...har tarah se mahir hai!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.com