tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post3005566113243702196..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: यहाँ मर्ज़ क्या था और मरीज़ कौन ..? स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-34314762863564848502012-11-17T02:46:15.119+05:302012-11-17T02:46:15.119+05:30अच्छी कहानी... वाकई भरोसा टूट जाये तो कुछ बचता नही...अच्छी कहानी... वाकई भरोसा टूट जाये तो कुछ बचता नहीं गम करने कोलोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-75070025955469065752012-11-16T22:58:27.742+05:302012-11-16T22:58:27.742+05:30जिन्दगी एक पहेली है या फ़िर साँप-सीढ़ी का खेल, मंज...जिन्दगी एक पहेली है या फ़िर साँप-सीढ़ी का खेल, मंज़िल तक पहुँचते पहुंचते एक ठोकर ऐसी लगती है कि सब स्वाहा..संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-26212731780298956672012-11-16T14:42:19.593+05:302012-11-16T14:42:19.593+05:30hmmmmmhmmmmmsonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-72956431896138389342012-11-16T10:27:53.199+05:302012-11-16T10:27:53.199+05:30kyaa kahun..?kyaa kahun..?manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-30679439890462775572012-11-16T08:49:48.273+05:302012-11-16T08:49:48.273+05:301950-1970 के बीच में ऐसी अनेक घटी घटना कहानी का रू...1950-1970 के बीच में ऐसी अनेक घटी घटना कहानी का रूप ले कर धर्मयुग से लेकर सरिता इत्यादि में कालांतर छपती रही हैं . तब पिता का नाम एक अनिवार्यता थी कानून इस लिये लोग पिता को / पति को सहेजते और दुलराते थे और औरत के लिये पति का परमेश्वर होना सत्य था , और ध्यान रहे परमेश्वर गलती नहीं करते . उस दौरान तमाम हिंदी फिल्मो का सेंटर पॉइंट भी यही होता था , एक अशोक कुमार की बहुत चर्चित फिल्म भी हैं यही कथा हैं कमोवेश .<br /><br />इस कहानी को आगे ले जाए , 5 लड़कियों के ऊपर इस सब का क्या असर हुआ , क्या बदलाव आया उनमे , उनमे से कितनी हेमा मालिनी की तरह विवाहित पुरुष से विवाह करके अलग रही या शिल्पा शेट्टी की तरह विवाहित पुरुष के तलाक लेने के बाद ही शादी की बहुत संभावनाए हैं अदा , उन 5 बहनों की कहानी में रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-12170732900329634702012-11-15T23:26:40.535+05:302012-11-15T23:26:40.535+05:30बहुत बढ़िया कथा |
ஜ●▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬●ஜ
ब्लॉग जगत में नया...बहुत बढ़िया कथा |<br /><br /><a href="http://pksahni.blogspot.com/2012/11/deep1.html" rel="nofollow"><b>ஜ●▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬●ஜ<br />ब्लॉग जगत में नया "दीप"<br />ஜ●▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬●ஜ</b></a>Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-6256178008605700402012-11-15T23:11:44.280+05:302012-11-15T23:11:44.280+05:30ओह!! बहुत ही दर्दनाक कथा .
ज़िन्दगी कैसे कैसे रंग...ओह!! बहुत ही दर्दनाक कथा .<br /><br />ज़िन्दगी कैसे कैसे रंग दिखाती है, जीवन में इतने सारे रंग भरकर नियति फिर उसे ताउम्र इरेजर से मिटाने की कोशिश करती रहती है . पर मंजू दी जैसी स्त्री है कि टूटती नहीं <br />इतने सारे ठोकर खाकर, सारे सपने धूल में मिल जाने पर भी हौसला नहीं खोती . और एक उनके पति पहले तो खुद दो दो स्त्रियों को धोखा दिया और फिर जरा सा मन मुआफिक न होने पर सारा हौसला खोकर खुद बोझ बन बैठे।<br />पता नहीं ईश्वर ऐसा अन्याय क्यूँ करता है या फिर जांच परख कर उनकी कश्ती को ही तूफ़ान में डाल देता है, जिनपर भरोसा होता है कि वे इसे सही सलामत निकाल ले जायेंगे .rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-12044176325872118982012-11-15T22:24:01.131+05:302012-11-15T22:24:01.131+05:30अति सुंदरअति सुंदरVinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-24917321175976650142012-11-15T21:31:07.764+05:302012-11-15T21:31:07.764+05:30क्या चाहते हैं और क्या मिलता है जीवन में, सदा ही य...क्या चाहते हैं और क्या मिलता है जीवन में, सदा ही यह समझना रोचक होता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-65987037859525359802012-11-15T20:01:03.669+05:302012-11-15T20:01:03.669+05:30सार्थक कथा!
सार्थक कथा!<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com