tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post2027974835749608085..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: कब आओगे ..??स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-85842653317107054992009-12-14T18:39:30.069+05:302009-12-14T18:39:30.069+05:30उफ़ !आज इतने दिन बाद लौटा भी तो इस पोस्ट से ही बिस...उफ़ !आज इतने दिन बाद लौटा भी तो इस पोस्ट से ही बिस्मिलाह हुआ और मन बहुत संतप्त हो गया ! कैसे कैसे मंजर और दास्तान आपके भी दिल में दफन हैं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-73722729981256166872009-12-08T23:33:26.558+05:302009-12-08T23:33:26.558+05:30अंत पढ़कर उतना कुछ फील नहीं हुआ जैसा कि अन्य टिप्पण...अंत पढ़कर उतना कुछ फील नहीं हुआ जैसा कि अन्य टिप्पणियों में जिक्र है, क्योंकि ऐसे कई जघन्य करतूतों ्के बारे में पहले भी विस्तार से सुना है और कुछ को करीब से देखा है। लेकिन ये सोच रहा हूँ कि आप भी अपनी जिंदगी में कितने अनुभवों से गुजर चुकी हैं....बाप रेsss!गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-29028218140739100752009-12-08T21:21:28.014+05:302009-12-08T21:21:28.014+05:30दरिंदगी की हद है!घोर निंदनीय कृत्य। और मानवाधिकार ...दरिंदगी की हद है!घोर निंदनीय कृत्य। और मानवाधिकार वाले ...। उस देश में तो ..<br />ताले पड़े हैं सबकी जुबां पे ख़ौफ़ के,<br />ख़ामोशी घुटन की हर तरफ छायी हुई।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-63356234354166001242009-12-08T19:35:11.882+05:302009-12-08T19:35:11.882+05:30अदा जी ! आपकी ये पोस्ट मैने कल ही पढ़ ली थी पर पढने...अदा जी ! आपकी ये पोस्ट मैने कल ही पढ़ ली थी पर पढने के बाद मन न जाने कैसा सा हो गया और मैं बिना कुछ लिखे ही चली गई...अब आज भी आई हूँ की कुछ लिखूं पर शायद ..आज भी ऐसे ही चली जाऊँगी...इसे तो हेवानियत कहने में भी शर्म आ रही है.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-68027590442000115572009-12-08T18:06:54.683+05:302009-12-08T18:06:54.683+05:30UFF !!! DIL DAHAL GAYA !!!
VISHWAAS NAHI HOTA KI ...UFF !!! DIL DAHAL GAYA !!!<br /><br />VISHWAAS NAHI HOTA KI YAH ADHUNIK YUG KI BAAT HAI.......<br />KYA KAHA JAAY...EKDAM NIHSHABD HUN..रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-45606157485292782132009-12-08T17:00:49.420+05:302009-12-08T17:00:49.420+05:30दिल काँप उठा ये घटना पढ़ कर....! दरिंदगी की क्या को...दिल काँप उठा ये घटना पढ़ कर....! दरिंदगी की क्या कोई और हद है ..??कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-65188289448100137702009-12-08T15:20:51.529+05:302009-12-08T15:20:51.529+05:30पूर्णतय निंदनीय। लेकिन हमारी निंदा करने से कुछ फर्...पूर्णतय निंदनीय। लेकिन हमारी निंदा करने से कुछ फर्क पड़ेगा ?डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-21962727646397144462009-12-08T13:48:56.192+05:302009-12-08T13:48:56.192+05:30अदा जी,
आप तो सच में अपनी प्रोड्यूसर बिरादरी की नि...अदा जी,<br />आप तो सच में अपनी प्रोड्यूसर बिरादरी की निकलीं...मैं तभी सोचता था मेरे और आपके ख्याल कितने मिलते हैं...बिना मांगे सलाह नहीं देनी चाहिए, फिर भी दे रहा हूं...अगर बॉलीवुड-हॉलीवुड के लिए आप स्टोरी-स्क्रीनप्ले लिखना<br />शुरू कर दें तो बड़ों-बड़ों की छुट्टी कर देंगी...हिंदी सिनेमा में तो एक बार फिर सलीम-जावेद वाला दौर आ जाएगा...वैसे मुझे पता नहीं शायद आप पहले से ही अपने इस हुनर को आजमा चुकी हों...<br /><br />रही आपके संस्मरण की बात...<br /><br />दुआ है कि फर्नांडो जल्द आपकी आंटी के पास मन से भी लौट आएं...<br /><br />इकबाल-नाज़नीन को ज़रूर जन्नत नसीब हुई होगी...<br /><br />असली सज़ा तो उन दोनों का नन्हा फूल भुगत रहा होगा...बिना मां-बाप का ये बच्चा जहां भी हो, प्रार्थना करता हूं कि बस खुश रहे...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-30694915277221484432009-12-08T12:03:17.466+05:302009-12-08T12:03:17.466+05:30darindgi ki had ho gayi...darindgi ki had ho gayi...Ambarishhttps://www.blogger.com/profile/10523604043159745100noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-17389830593644490972009-12-08T11:04:13.765+05:302009-12-08T11:04:13.765+05:30ऐसी दरिंदगी ...... | ऐसी दरिंदगी को दूसरों पर भी ल...ऐसी दरिंदगी ...... | ऐसी दरिंदगी को दूसरों पर भी लादना चाहते हैं .... | उपरवाला उन्हें सद्बुद्धि दे !Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-51741904424691660092009-12-08T09:57:38.733+05:302009-12-08T09:57:38.733+05:30मार्मिक संस्मरण अदा जी , इसीलिए मेरा मत है कि हमा...मार्मिक संस्मरण अदा जी , इसीलिए मेरा मत है कि हमारा देश जरुरत से ज्यादा नरमदिल है कुछ लोगो के लिए, जिसका वे लोग नाजायज फायदा उठाते है! मेरा एक केरल का दोस्त था मैथ्यू, १९८८ के आस पास की बात है, हम दोनों दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित एक च्विंगम बनाने वाली फ्रांस की कंपनी के हेड ऑफिस में काम करते थे ! कुछ समय बाद मैथ्यू सउदी अरबिया चला गया, मार्क्सवाद का समर्थक मैथ्यू जब दो साल बाद वापस लौटा तो फिर उसने उसी पुरानी कंपनी में नौकरी ज्वाइन कर ली थी लेकिन अब वह पुराना वाला मैथ्यू नहीं था, जनसंग का कट्टर समर्थक था ! मैंने कुछ समय पहले एक ऐसे ही कुछ-कुछ सत्य घटना पर आधारित एक कहानी लिखी थी "वो कौन थी" , उसके कुछ अंश यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ उम्मीद है आप बुरा नहीं मानेगी ;<br /><br />"....होटल मैनेजमेंट का डिप्लोमा करने के तुंरत बाद मुकेश को रियाद में एक होटल में नौकरी मिल गई, और वह साउदी अरब चला गया । इतनी दूर आकर भी उसे अपने देश, गाँव, परिवार और कृष्णा की याद हमेशा सताती। वह वहाँ नौकरी तो कर रहा था, मगर दिल में हर वक्त अपने वतन की ही खुसबू समेटे रहता । वहाँ पहुँच कर उसने केरल के अपने एक साथी के माध्यम से, जो कि उसी होटल में पहले से नौकरी करता था, शहर के एक कोने पर मकान किराये पर लिया था । जब से उस केरल के साथी ने वहाँ के रीति रिवाज और लोगो के व्यवहार के बारे में बताया था तो उसके दिल में उनके प्रति नफरत पैदा हो गई थी, मगर क्या करता, एक तो रोजी-रोटी का सवाल और ऊपर से उस कंपनी के साथ २ साल का अनुबंध । वे दोनों जब मुहल्ले की गलियों से काम पर आते जाते तो अरब शेखो के बच्चे ऊपर घरो से उन पर थूक डालते थे । केरल के मित्र ने सावधान किया कि इनसे उलझना मत, अन्यथा शेख किसी झूठे इल्जाम में फसा देगा और फिर सिर कलम । जिन शेखो की घर में जवान लड़किया होती हैं वे घर के आगे एक झंडा टांग देते हैं। जिसका मतलब होता है कि इस घर में जवान लड़की है अतः आप गर्दन ऊपर उठा कर या यूँ कहे कि नजरे ऊपर करके, उस घर के पास से नही गुजर सकते । रोजे के दिनों में दूसरे धर्मो के लोगो को भी दफ्तर में पानी पीने को नहीं दिया जाता , इत्यादि-इत्यादि । "पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-70641297540402390972009-12-08T09:01:25.483+05:302009-12-08T09:01:25.483+05:30"प्रेम ही ईश्वर है! (Love is God!)"
इस ..."प्रेम ही ईश्वर है! (Love is God!)"<br /><br />इस संस्मरण ने साबित कर दिया कि यह संसार का कितना बड़ा झूठ है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-70805144304726906602009-12-08T07:53:24.449+05:302009-12-08T07:53:24.449+05:30दरिंदगी की हद है ...इतने भयानक कानून और उनकी इस क...दरिंदगी की हद है ...इतने भयानक कानून और उनकी इस कदर पालना ....<br />विश्व मानवाधिकार आयोग कहाँ गया ....!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-29455137644040141322009-12-08T01:25:28.903+05:302009-12-08T01:25:28.903+05:30अदा जी,
फिर कभी चर्चा करूंगा....
इस बात पर...
मन...अदा जी,<br /><br />फिर कभी चर्चा करूंगा....<br />इस बात पर...<br /><br />मनु..;;बेताखाल्लुस''Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-70505602758029887982009-12-08T00:45:30.187+05:302009-12-08T00:45:30.187+05:30इस दुनिया में लोग आदिम जिन्दगी से ले कर आधुनिक जीव...इस दुनिया में लोग आदिम जिन्दगी से ले कर आधुनिक जीवन तक के सभी ऐतिहासिक जीवन जी रहे हैं। न जाने कब इंसानियत का शासन पूरी दुनिया पर हो सकेगा?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-86640137230118766122009-12-08T00:38:35.112+05:302009-12-08T00:38:35.112+05:30बहुत ही मार्मिक घटना है यह । मन वित्रिष्णा से भर ...बहुत ही मार्मिक घटना है यह । मन वित्रिष्णा से भर उठा ।Chandan Kumar Jhahttps://www.blogger.com/profile/11389708339225697162noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-66588340043992185882009-12-08T00:25:12.955+05:302009-12-08T00:25:12.955+05:30madam ji,
us desh mein aisaa hi hotaa hai.madam ji,<br />us desh mein aisaa hi hotaa hai.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/18200826341794508856noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-5608814657691129572009-12-07T23:25:46.799+05:302009-12-07T23:25:46.799+05:30.
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और हद तो यह है कि दुनिया में ऐसे भी कुछ सरफि....<br />.<br />.<br />और हद तो यह है कि दुनिया में ऐसे भी कुछ सरफिरे हैं जो इन अमानवीय कानूनों को पूरी दुनिया पर लागू करने का मनसूबा लिये निकल पड़े हैं... जेहाद करने... कुछ तो नेट पर भी कर रहे हैं यह जेहाद 'की बोर्ड' से...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-67127973589880468192009-12-07T23:05:04.098+05:302009-12-07T23:05:04.098+05:30किस तरह के नियम-कानून हैं ये ? इतनी दरिंदगी !
मन अ...किस तरह के नियम-कानून हैं ये ? इतनी दरिंदगी !<br />मन अजीब हो गया ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-76740977761573939732009-12-07T22:49:02.246+05:302009-12-07T22:49:02.246+05:30वहाशियत की हद से भी आगे की बात है यह तो.वहाशियत की हद से भी आगे की बात है यह तो.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-81201235169064090802009-12-07T22:01:36.033+05:302009-12-07T22:01:36.033+05:30बहुत ही हृदयविदारक घटना का वर्णन किया है,आपने...मै...बहुत ही हृदयविदारक घटना का वर्णन किया है,आपने...मैंने भी 'प्रिंसेस ऑफ सउदी अरेबिया' किताब में यह जिक्र पढ़ा था कि बच्चे के जन्म लेने तक सरकार माँ की देखभाल की जिम्मेवारी अपने ऊपर ले लेती है और फिर बच्चे के जन्म के बाद माँ को पत्थरों का निशाना बना मार डालते हैं (की-बोर्ड भी इनकार कर रहा है ऐसे जघन्य कृत्य को लिखने से)...उन पत्थर मारने वालों की भीड़ में एक डॉक्टर भी होता है जो हर थोड़ी देर बाद नब्ज़ देखकर घोषित करता है कि उसे और पत्थर मारने हैं या उसकी ईहलीला समाप्त हो गयी है.इस से आगे कुछ लिखना अब मुमकिन नहींrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.com