tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post1837499452804515311..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: मैं ज़िन्दगी जलाकर, बार-बार, छोड़ जाऊँगी,स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-21476297764861427662011-03-11T11:15:32.413+05:302011-03-11T11:15:32.413+05:30हाँ बहुत कुछ छोड़ जाओगी
बहुत कुछ है तुम्हारे पास
इ...हाँ बहुत कुछ छोड़ जाओगी <br />बहुत कुछ है तुम्हारे पास<br />इसलिए तो छोड़ जाओगी <br />खनकती हंसी<br />महकती साँसे<br />बिंदासपन<br />निश्छल मन के उजाले<br />विरोधियों को दिए प्रत्युत्तर <br />और पुराने गीतों को दिए स्वर<br />कितना कुछ है तुम्हारे पास छोड़ जाने को.<br />लिखती भी अच्छा हो और गाती भी. <br />मैं???????<br />ढेर सारे खाली कागज जिस पर जो चाहे जो लिख दे <br /><br />ये जो गाया है ना 'नैनो बदरा छाये' उसकी एक पंक्ति भी .....'प्रेम दीवानी हूँ मैं सपनों की रानी हूँ मैं,पिछले जनम से तेरी प्रेम कहानी हूँ मैं,आ 'उस' जनम में ही गरवा लगा ले'<br />शायद 'वो' आये और मुझे गले से लगाए. खूब रोउंगी और उसे रुलाउंगी....बाकी दोनों हाथ खाली हैं.हा हा हा क्या करूं?<br />ऐसीच हूँ मैं तो.<br />प्यारAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-62866590000910627592011-02-22T13:46:12.023+05:302011-02-22T13:46:12.023+05:30बहुत ही खुबसुरत प्रस्तुति......बहुत ही खुबसुरत प्रस्तुति......राज शिवमhttps://www.blogger.com/profile/13393247929259421704noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-24117226513261032172011-02-22T12:33:06.161+05:302011-02-22T12:33:06.161+05:30कहाँ-कहाँ बुझाओगे,
मेरी सदाओं की मशाल,
मैं ज़िन्दग...कहाँ-कहाँ बुझाओगे,<br />मेरी सदाओं की मशाल,<br />मैं ज़िन्दगी जलाकर,<br />बार-बार,<br />छोड़ जाऊँगी,<br /><br />hum barambar apko pakar ke le aayenge.......<br />'palate devo na' bole di chhi.....di.<br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-29388382846289762192011-02-21T21:36:09.709+05:302011-02-21T21:36:09.709+05:30इक ज़ुनून,
कुछ यादें,
थोड़ा प्यार,
छोड़ जाऊँगी,
इन ह...इक ज़ुनून, <br />कुछ यादें,<br />थोड़ा प्यार,<br />छोड़ जाऊँगी,<br />इन हवाओं में मैं <br />इंतज़ार,<br />छोड़ जाऊँगी,<br /><br />बस वाह!!...बड़ा ख़ूबसूरत लिखा हैrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-38342235014338277102011-02-21T20:55:56.895+05:302011-02-21T20:55:56.895+05:30चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति...चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 22- 02- 2011<br />को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..<br /><br />http://charchamanch.uchcharan.com/संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-24449634094461924392011-02-21T20:54:48.383+05:302011-02-21T20:54:48.383+05:30aapki kavita mai ek alagpan hai bahi sunder
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geet...aapki kavita mai ek alagpan hai bahi sunder<br />.<br />geet bhi sunder hai<br />.deepti sharmahttps://www.blogger.com/profile/10113945456813271746noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-18791418420278981342011-02-21T19:52:03.102+05:302011-02-21T19:52:03.102+05:30सबको पसंद आई है ये नज़्म, है भी पसंद आने लायक।
ए...सबको पसंद आई है ये नज़्म, है भी पसंद आने लायक। <br /><br />एक अजीब सा प्रयोग करके देखा मैंने, आपकी इस नज़्म में से ’छोड़ जाऊँगी....!’ सब जगह से हटाकर इसे फ़िर से पढ़ा, यकीन मानिये इस मौजूदा नज़्म से कम शानदार चीज नहीं थी वो, और आपकी छवि के ज्यादा अनुकूल। मौका लगे तो ट्राई कर देखियेगा, ज्यादा से ज्यादा नहीं ही पसंद आयेगी न। <br /><br />और ये छोड़ जाऊँगी....!, छोड़ जाऊँगी....! की आदत छोड़ दीजिये, हाँ नहीं तो..ही ठीक है:))<br /><br />तस्वीर और गीत हमेशा की तरह लाजवाब, आभार स्वीकार कीजिये बहुत सारा।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-71151940692410922482011-02-21T18:51:49.889+05:302011-02-21T18:51:49.889+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुति...लाजवाब।
दिल के तार को झंकृत...बहुत सुंदर प्रस्तुति...लाजवाब।<br />दिल के तार को झंकृत कर रही है आपकी ये सुंदर रचना।<br /><br /><a href="http://gadyasarjna.blogspot.com/2011/02/blog-post_20.html" rel="nofollow">*गद्य-सर्जना*:-“तुम्हारे वो गीत याद है मुझे”<br /></a>Er. सत्यम शिवमhttps://www.blogger.com/profile/07411604332624090694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-53857836911087209482011-02-21T18:49:42.266+05:302011-02-21T18:49:42.266+05:30कवितावों में ये प्यारी सी कविता भी छोड़ जाएँगी.
क...कवितावों में ये प्यारी सी कविता भी छोड़ जाएँगी. <br />कविता कि अदा ही ऐसी हैं कि अदा भी छोड़ जाएँगी.Taarkeshwar Girihttps://www.blogger.com/profile/06692811488153405861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-68152313008861149242011-02-21T17:20:06.132+05:302011-02-21T17:20:06.132+05:30वाह ! नहीं आह ! नहीं वाह ! कन्फ्यूज हो गया
दीदी ,...वाह ! नहीं आह ! नहीं वाह ! कन्फ्यूज हो गया <br />दीदी , जाने की बात ना किया करो :(<br /><br />ओ. के...... अब वेरी वेरी सीरियसली<br />आपके ब्लॉग से ....... स्पेशली जब सुबह सुबह पढ़ा जाये (भारत में) तो एक सात्विक एनर्जी दिमाग में आती है ...... ऐसा लगता है बिना कहीँ जाये ही कहीँ घूम के आये हों (मतलब खयालों की नगरी में )......नयी नयी कवितायें सूझने लगती हैं ....... सच्ची :) पर मेरा तो शब्दकोश ही बिलकुल छोटा और मासूम सा है ....... आपकी रचनाएँ पढ के, समझ के अपना भी लिखने का अरमान पूरा हो गया है ( ऐसा महसूस होता है )<br /><br />मैं लफ्ज़-लफ्ज़ यक़ीं हूँ,<br />तुम भी यक़ीन कर लो,<br />मैं हर्फ़-हर्फ़ <br />एतबार,<br />छोड़ जाऊँगी....!<br /> <br />सुन्दर फोटो .. अति सुन्दर रचना ..(गीत सुनना शेष है )एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-45860771408687580572011-02-21T14:56:53.736+05:302011-02-21T14:56:53.736+05:30मैं लफ्ज़-लफ्ज़ यक़ीं हूँ,
तुम भी यक़ीन कर लो,
मैं...मैं लफ्ज़-लफ्ज़ यक़ीं हूँ,<br />तुम भी यक़ीन कर लो,<br />मैं हर्फ़-हर्फ़ <br />एतबार,<br />छोड़ जाऊँगी....!<br /><br />बहुत सुन्दर...आह्सासों और विश्वास से परिपूर्ण बहुत सुन्दर प्रस्तुति..कमाल का गाती हैं आप ..आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-73995259197179538222011-02-21T12:00:41.641+05:302011-02-21T12:00:41.641+05:30बेहद गहरे भाव है आपकी इस रचना में। वैसे उदासी अच्छ...बेहद गहरे भाव है आपकी इस रचना में। वैसे उदासी अच्छी नही होती। मुस्कुराना ही जिंदगी है।Amit Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01787361968548267283noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-13966603029658245332011-02-21T11:46:42.428+05:302011-02-21T11:46:42.428+05:30बहुत ही भावपुर्ण प्रस्तुति है। आभार।बहुत ही भावपुर्ण प्रस्तुति है। आभार।Amit Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01787361968548267283noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-6632159595525775932011-02-21T11:40:29.808+05:302011-02-21T11:40:29.808+05:30Hello ji,
Kaise ho aap?
Bahut achhi awaaz hai aap...Hello ji,<br /><br />Kaise ho aap?<br />Bahut achhi awaaz hai aapki... uttam gaaya hai...<br />Aur rahi kavita ki baat -- Like always... wonderful thoughts... and very well written!<br />"मैं लफ्ज़-लफ्ज़ यक़ीं हूँ,<br />तुम भी यक़ीन कर लो" -- Simply wow!<br /><br />Regards,<br />DimpleDimplehttps://www.blogger.com/profile/04616482931140406425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-16317523548720084622011-02-21T10:29:32.718+05:302011-02-21T10:29:32.718+05:30sagebob,
आपके हौसलाफजाई को दाद देने का दिल करता है...sagebob,<br />आपके हौसलाफजाई को दाद देने का दिल करता है..<br />बहुत शुक्रिया..!<br /><br />मनु जी,<br />आपकी टिप्पणी या तो भगवान समझते हैं या आप....<br />फिर भी जो भी है ये, उसका शुक्रिया..<br /><br />@ वाणी जी,<br />एक कहावत है न...ओल्ड ईज गोल्ड ...<br />मैं कविता की बात नहीं कर रही हूँ....:):)<br />हाँ नहीं तो..!!<br /><br />@ कुँवर जी,<br />मेरी बहुत छोटी सी कोशिश होती है गायिकी की...आप लोग पसंद करते हैं यह मेरा सौभाग्य है...<br />आपका धन्यवाद...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-44372423174536175102011-02-21T10:08:20.955+05:302011-02-21T10:08:20.955+05:30@ प्रसाद जी,
तेरी वीरान सी रातों के लिए
दिल को जला...@ प्रसाद जी,<br />तेरी वीरान सी रातों के लिए<br />दिल को जलाया हमने :)<br /><br />पर क्या करें किसी ने तब ही नलका चला दिया...:):)<br /><br />@ सोमेश जी,<br />आपका शुक्रिया..आप भी कम कमाल नहीं करते हैं...<br /><br />@ सुनील जी,<br />आपका धन्यवाद..<br /><br />@ वंदना जी,<br />आभारी हूँ..आपने इस योग्य समझा..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-36269846303853311192011-02-21T08:52:50.804+05:302011-02-21T08:52:50.804+05:30भावों से सजी हुई छंदमुक्त कविता अच्छी लगी,आपकी आवा...भावों से सजी हुई छंदमुक्त कविता अच्छी लगी,आपकी आवाज़ का फैन हूँ.किसी गाने को आपकी कोमल और मधुर सी आवाज़ मिल जाते ही गाना आपने आप बेहद सुरीला और कर्णप्रिय हो जाता है.ज़ाहिर है ये गाना भी बहुत अच्छा लगा. आप व्यस्त हैं ये मैं समझ सकता हूँ ,मगर जब comfortable हों तो मेरे ब्लॉग कि तरफ भी देख लेंगी तो मेहरबानी होगी ,अदा जी.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-32553949658609656622011-02-21T07:41:33.624+05:302011-02-21T07:41:33.624+05:30पुरानी है फिर भी अच्छी है ...
जलाकर एक दिया प्रेम ...पुरानी है फिर भी अच्छी है ...<br />जलाकर एक दिया प्रेम का यही कहीं मजार छोड़ जाउंगी ...<br />यकीन , ऐतबार, प्रेम ...जीवन को और क्या चाहिए होता है !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-63667411500671755772011-02-20T23:16:25.898+05:302011-02-20T23:16:25.898+05:30aap sangrahit karen na karen main apne udgar yahan...aap sangrahit karen na karen main apne udgar yahan chhod jaoongi-bahut khoob..Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-54654803417174348642011-02-20T22:54:23.469+05:302011-02-20T22:54:23.469+05:30बहुत उम्दा नज़्म है.
कहीं तो होंगे,
मेरे भी कुछ ग़...बहुत उम्दा नज़्म है.<br /><br />कहीं तो होंगे,<br />मेरे भी कुछ ग़मगुसार,<br />जलाकर इक दीया<br />प्रेम का यहीं कहीं, <br />ये मज़ार,<br />छोड़ जाऊँगी,<br />कहाँ-कहाँ बुझाओगे,<br />मेरी सदाओं की मशाल,<br />मैं ज़िन्दगी जलाकर,<br />बार-बार,<br />छोड़ जाऊँगी,<br /><br />इस से बढ़िया तरजे ब्याँ हो नहीं सकता.आपकी कलम को सलाम.आवाज़ को भी.<br />कभी अपनी लिखी नज़्म भी सुनाईये .विशालhttps://www.blogger.com/profile/06351646493594437643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-35390316820476895382011-02-20T22:34:44.091+05:302011-02-20T22:34:44.091+05:30दिल क़ी गहराई से लिखी गयी एक रचना , बधाईदिल क़ी गहराई से लिखी गयी एक रचना , बधाईSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-84527915007298052762011-02-20T21:32:53.005+05:302011-02-20T21:32:53.005+05:30गीत में मजा आ गया। कविता भी कमाल की है।गीत में मजा आ गया। कविता भी कमाल की है।सोमेश सक्सेना https://www.blogger.com/profile/02334498143436997924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-78610417501079342262011-02-20T20:40:09.274+05:302011-02-20T20:40:09.274+05:30`कहाँ-कहाँ बुझाओगे,
मेरी सदाओं की मशाल,
तेरी वीर...`कहाँ-कहाँ बुझाओगे,<br />मेरी सदाओं की मशाल,<br /><br /><br />तेरी वीरान सी रातों के लिए<br />दिल को जलाया हमने :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.com