tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post1121183081896694771..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: श्री सत्यनारायण की कथा....स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-45947984655309932502010-10-16T10:25:37.979+05:302010-10-16T10:25:37.979+05:30ईश्वरत्व के लिये तर्क की कोई गुंज़ायश नही !ईश्वरत्व के लिये तर्क की कोई गुंज़ायश नही !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-79218582560055586532010-10-11T17:56:58.776+05:302010-10-11T17:56:58.776+05:30सत्यनारायण की कथा ही क्यों ?हमारे हर तीज त्यौहार ...सत्यनारायण की कथा ही क्यों ?हमारे हर तीज त्यौहार की कथाये ऐसी ही है किन्तु कुछ तो बात है हमारी पूजा पद्धति में जो हमारे इन तर्कों को कपूर की तरह उड़ा देती है और ये सब करना अच्छा लगता है सबसे आश्चर्य की बात है हमारी नै पीढ़ी भी लगन से पूजा कोम्ह्त्व देने लगी है |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-75459957225267697492010-10-11T14:36:26.106+05:302010-10-11T14:36:26.106+05:30बस इतना ही कह सकता हूं के:
"फ़लसफ़े को बहस स...बस इतना ही कह सकता हूं के:<br /><br />"फ़लसफ़े को बहस से खुदा नहीं मिलता,<br />डोर उलझती जाती है सिरा नहीं मिलता।"<br /><br />भगवान कथा में कहां, वो तो सिर्फ़ और सिर्फ़ भाव में है!ktheLeo (कुश शर्मा)https://www.blogger.com/profile/03513135076786476974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-38150706414267480882010-10-11T06:32:34.160+05:302010-10-11T06:32:34.160+05:30प्रथमदॄष्ट्या तो व्यक्तित्व में विरोधाभास लगा कि आ...प्रथमदॄष्ट्या तो व्यक्तित्व में विरोधाभास लगा कि आप खुद पूजा का आयोजन करवा रही हैं और खुद ही प्रश्न उठा रही हैं, लेकिन दोबारा सोचे तो यह आपकी संतुलित सोच लगी कि परंपराओं का पालन भी हो, लेकिन आँखें मूँदकर नहीं। जो न समझ आये उसपर प्रश्न करना कहीं से बुरा नहीं है। इस कथा से संबंधित प्रश्न का हल कहीं से मिले तो शेयर कीजियेगा।<br />हमें तो कथा के अंत में मिलने वाले प्रसाद का इंतज़ार रहता था, अब यहाँ वर्चुअल वर्ल्ड में कैसा प्रसाद और कैसा इंतज़ार।<br />कथा आयोजन का उद्देश्य सफ़ल हो, शुभकामनायें।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-39808147641587434662010-10-11T06:10:12.639+05:302010-10-11T06:10:12.639+05:30दीदी,
बढ़िया कथा है
....... आप सब को नवरात्रो की श...दीदी,<br />बढ़िया कथा है<br />....... आप सब को नवरात्रो की शुभकामनायें,संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-15113134431996985272010-10-10T19:24:12.619+05:302010-10-10T19:24:12.619+05:30दीदी,
नो कमेंटस हमारी तरफ से
बढ़िया कथा है
हा हा ...दीदी,<br />नो कमेंटस हमारी तरफ से<br />बढ़िया कथा है <br />हा हा हाएक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.com