tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post990548688513566415..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: एक मृगमरीचिका ...ऐसी भी..!स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-2862681234401692742010-10-05T17:41:15.484+05:302010-10-05T17:41:15.484+05:30@ शरद जी...
आपके मनोभावों ने मेरी कविता को सफल बना...@ शरद जी...<br />आपके मनोभावों ने मेरी कविता को सफल बना दिया..<br />हृदय से धन्यवाद करती हूँ..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-55568014939628005412010-10-04T20:22:38.851+05:302010-10-04T20:22:38.851+05:30बढ़िया हें जी.बढ़िया हें जी.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-23012348262516895992010-10-04T13:03:40.708+05:302010-10-04T13:03:40.708+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुति .. आपके इस पोस्ट की चर्चा ब...बहुत सुंदर प्रस्तुति .. <a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/10/4_04.html" rel="nofollow">आपके इस पोस्ट की चर्चा ब्लॉग 4 वार्ता में की गयी है !!</a>संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-32156380747592289682010-10-04T09:50:15.392+05:302010-10-04T09:50:15.392+05:30सार्थक सन्देश देती अच्छी रचना .सार्थक सन्देश देती अच्छी रचना .संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-91870661257746093772010-10-04T08:11:50.245+05:302010-10-04T08:11:50.245+05:30जीवन भी ढूहों का किया धरा भुगतता है एन नदी सा !जीवन भी ढूहों का किया धरा भुगतता है एन नदी सा !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-57624016085137724552010-10-03T22:28:20.388+05:302010-10-03T22:28:20.388+05:30काश इस कविता के निहितार्थ लोग समझ पातेकाश इस कविता के निहितार्थ लोग समझ पातेशरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-58343810382291549722010-10-03T20:35:33.779+05:302010-10-03T20:35:33.779+05:30जी बेशक , करना तो मनुष्य को ही चाहिए । लेकिन जब पृ...जी बेशक , करना तो मनुष्य को ही चाहिए । लेकिन जब पृथ्वी पर पाप का बोझ बढ़ जाता है तब उसकी कमांड ऊपर वाला अपने हाथ में ले लेता है । शायद अब ऐसा ही होने वाला है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-49946289788646563522010-10-03T19:20:05.549+05:302010-10-03T19:20:05.549+05:30वाह .. बहुत खूब !!वाह .. बहुत खूब !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-13390956797622705472010-10-03T19:01:12.722+05:302010-10-03T19:01:12.722+05:30कृपया यहाँ पढ़ें
वो कहते नहीं तो क्या हुआ......कृपया यहाँ पढ़ें<br /><a href="http://my2010ideas.blogspot.com/2010/10/blog-post_03.html" rel="nofollow"> वो कहते नहीं तो क्या हुआ...... </a>एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-45559095660732855062010-10-03T17:05:08.484+05:302010-10-03T17:05:08.484+05:30@ दराल साहब....
मनुष्य कर नहीं सकता या करना नहीं च...@ दराल साहब....<br />मनुष्य कर नहीं सकता या करना नहीं चाहता.?<br />और क्या अब हर वर्ष बाढ़ का इंतज़ार करना होगा ???<br />:):)स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-32620764094066405952010-10-03T14:50:11.247+05:302010-10-03T14:50:11.247+05:30पोलिथीन बैगों की माया है :)पोलिथीन बैगों की माया है :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-29636525187670721252010-10-03T11:45:35.165+05:302010-10-03T11:45:35.165+05:30हार कर...
ठहरने लगी वो
और फिर..
ठहर ही गई...,
ठहरे...हार कर...<br />ठहरने लगी वो<br />और फिर..<br />ठहर ही गई...,<br />ठहरे हुए में जिन्दगी नहीं होती. बेजान बनाने वाले तो बेखौफ रहे फिर भी....M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-53233405045825919552010-10-03T11:17:37.832+05:302010-10-03T11:17:37.832+05:30पगली है नदीपगली है नदीKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-8274175934964129612010-10-03T09:59:29.909+05:302010-10-03T09:59:29.909+05:30भूपेन हजारिका साहब का गीत याद आ गया...
ओ गंगा बहत...भूपेन हजारिका साहब का गीत याद आ गया...<br /><br />ओ गंगा बहती हो क्यों...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-78931878518482331142010-10-03T09:32:13.626+05:302010-10-03T09:32:13.626+05:30नदी को नाला बना दिया जायेगा तो अपने सागर से कैसे म...नदी को नाला बना दिया जायेगा तो अपने सागर से कैसे मिल पायेगी वह।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-61780888551062136632010-10-03T09:15:48.671+05:302010-10-03T09:15:48.671+05:30अदा जी , बाढ़ ने यमुना का स्वरुप ही बदल दिया है ।
...अदा जी , बाढ़ ने यमुना का स्वरुप ही बदल दिया है ।<br />इसे कहते हैं --blessing in disguise ।<br />जो काम मनुष्य नहीं कर पाता , उसे ऊपर वाला कर देता है ।<br />कुछ नवीनतम तस्वीरें कृपया यहाँ देखें -- chitrkatha।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-77139747295397956012010-10-03T08:51:00.472+05:302010-10-03T08:51:00.472+05:30ये मौसम कौन के आदरणीय संजय जी कभी कभार बहुत अच्छी ...ये मौसम कौन के आदरणीय संजय जी कभी कभार बहुत अच्छी बात कह देते है :)पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-19744926276337506472010-10-03T08:42:56.844+05:302010-10-03T08:42:56.844+05:30प्रभावशाली कविता है । बधाई ।प्रभावशाली कविता है । बधाई ।विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-75374279640796259172010-10-03T08:29:57.091+05:302010-10-03T08:29:57.091+05:30वेगरूद्ध होने पर नदी शायद ऐसा ही सोचती होगी। चलते ...वेगरूद्ध होने पर नदी शायद ऐसा ही सोचती होगी। चलते रहना जिसकी प्रकृति है, प्रवॄत्ति है उस धारा के साथ तो यह अन्याय ही है। और सरिता भी तो अपने साथ क्या क्या नहीं बहा लाती? <br />यही जीवन है, प्रवाह और अवरोध में जो भारी हो गया, वो जीत गया।<br />है तो यह आपकी रचना ही, और नदी के भाव बहुत अच्छे से उकेरे हैं, लेकिन निराशा और अवसाद जैसे भावों के लिये और बहुत से ब्लॉग्स हैं, इन्हें भगाईये यहाँ से। फ़्लेवर बदलने को कभी कभी ठीक है, लेकिन फ़िर साथ में गाना वगैरह डालकर कंपैनसेट भी करना चाहिये न आपको?<br />हद से ज्यादा कह गया शायद, लेकिन ये ईमानदार राय है। अच्छी लगे तो अपना लें, बुरी लगे तो जाने दे।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-1117843786371495112010-10-03T07:46:51.587+05:302010-10-03T07:46:51.587+05:30कई बार नदी ऐसी भी हो जाती है ...
मगर इसमें भी एक आ...कई बार नदी ऐसी भी हो जाती है ...<br />मगर इसमें भी एक आशा छिपी है ...<br />कीचड में ही कमल भी तो खिलते हैं ...!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-16701981931574311392010-10-03T06:39:15.301+05:302010-10-03T06:39:15.301+05:30ठहरने लगी वो
और फिर..
ठहर ही गई...,
साग़र से मिलने...ठहरने लगी वो<br />और फिर..<br />ठहर ही गई...,<br />साग़र से मिलने का <br />स्वप्न यूँ भी टूटता है !<br /><br />बेहद प्रभावशाली चित्रण किया है शब्दों में....<br />बेहतरीनएक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.com