tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post9151273669010053489..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: जिसे देखो सियासत में सिकन्दर है....स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-58233781123922411662021-11-25T21:25:00.993+05:302021-11-25T21:25:00.993+05:30Lovely blog you haveeLovely blog you haveeGabriel Mhttps://www.gabrielmarsh.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-46447731105520910422015-05-04T17:45:07.161+05:302015-05-04T17:45:07.161+05:30बदल तो रहा है मिजाज़-ए-जम्हूरियत
क्यों मगर हालात ...बदल तो रहा है मिजाज़-ए-जम्हूरियत <br />क्यों मगर हालात पहले से बदतर हैं ?<br /><br />अब कौन रखेगा मेरे ज़ख्मों पर फ़ाहे <br />वो ख़ुद ही है बीमार जो मेरा चारागर है <br /><br />बहुत ही खूबसूरत अल्फाजों में पिरोया है आपने इसे... बेहतरीन ग़ज़लसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-2635729606045639272015-05-04T11:14:05.109+05:302015-05-04T11:14:05.109+05:30हर शेर में एक बात बहुत स्पष्ट कही गयी है l बहुत सु...हर शेर में एक बात बहुत स्पष्ट कही गयी है l बहुत सुन्दर कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-38675852641016838502015-05-04T08:38:01.788+05:302015-05-04T08:38:01.788+05:30बहुत अरसे के बाद आपको पढ़ने का सौभाग्य मिला | सब के...बहुत अरसे के बाद आपको पढ़ने का सौभाग्य मिला | सब के सब उम्दा और गहरे , मेरे जैसे पाठक को तो उर्दू के अलफ़ाज़ भी सीखने को मिलते हैं | अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.com