tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post8491043866998687823..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: माफ़ी चाहती हूँ लिखना ही पड़ा... अब झेल नहीं पा रही हूँ ये तमाशा...स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger56125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-74240994474517033172010-04-23T10:37:31.984+05:302010-04-23T10:37:31.984+05:30आपकी बताई लिंक अब काम नहीं कर रही. शायद हटा दी गई ...आपकी बताई लिंक अब काम नहीं कर रही. शायद हटा दी गई है. <br /><br />शेष जिसके जैसे संस्कार होंगे.....संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-10642509866469402692010-04-22T15:31:10.101+05:302010-04-22T15:31:10.101+05:30मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।
सबको सम्मति द...मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना। <br /><br />सबको सम्मति दे भगवानअजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-7625467455505012352010-04-21T23:50:31.651+05:302010-04-21T23:50:31.651+05:30टुष्टों का अस्तित्व सदैव रहा है । पहचान लेना उनके ...टुष्टों का अस्तित्व सदैव रहा है । पहचान लेना उनके विनाश का पहला कदम है ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-2929368697037971132010-04-21T20:12:12.097+05:302010-04-21T20:12:12.097+05:30दुखद है जो भी हो रहा है दिल बहुत दुखी है ..!दुखद है जो भी हो रहा है दिल बहुत दुखी है ..!विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-4856102916282158012010-04-21T19:18:53.411+05:302010-04-21T19:18:53.411+05:30मांफी और आप - बात कुछ हजम नहीं हुईमांफी और आप - बात कुछ हजम नहीं हुईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-49546165671340857292010-04-21T18:09:36.020+05:302010-04-21T18:09:36.020+05:30bahut kuchh samjhaane wali post!agar dil or dimaag...bahut kuchh samjhaane wali post!agar dil or dimaag saath ho to....<br /><br />kunwar ji,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-13937385019362111982010-04-21T18:01:22.396+05:302010-04-21T18:01:22.396+05:30ब्लाग पर जिस प्रकार का धार्मिक उत्पात मचाया जा र...ब्लाग पर जिस प्रकार का धार्मिक उत्पात मचाया जा रहा था, उसी से दुखी होकर ही मैंने पोस्ट लिखी थी कि अब क्या पढे? ब्लागवाणी की हॉट सूची में तो ऐसे ही पोस्ट आ रही हैं। मेरे खयाल से ब्लाग जगत धार्मिक उपदेशों के लिए नहीं है। आज ही एक पोस्ट पर टिप्पणी के रूप में गालियों की श्रंखला देखी। सभी के लिए अनुशासन आवश्यक है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-68195226222220412392010-04-21T17:56:02.411+05:302010-04-21T17:56:02.411+05:30@प्रवीण शाह
किसी बात पर मतभेद हो सकते हैं... लेकिन...@प्रवीण शाह<br />किसी बात पर मतभेद हो सकते हैं... लेकिन इसका यह मतलब तो नहीं होना चाहिए कि 'लोग' नीचता पर ही उतर आएं...<br />बेहूदा कमेन्ट करें...<br />कमेन्ट प्रकाशित न करने पर असभ्य भाषा में लेख लिखें...भद्दे कमेंट्स करें... जिसे निशाना बना रहे हैं... उसी के नाम पर फ़र्ज़ी आईडी बनाकर अपने ही ब्लॉग पर उसके नाम से वाहियात कमेंट्स लिखें... यह तो बहुत ही 'नीचता' का काम है... ऐसे काम करने वालों और उनका समर्थन करने वालों का बहिष्कार किया जाना चाहिए...<br /><br />लगता है आपने इन लोगों के ब्लॉग नहीं देखे...<br />आख़िर शालीनता और शिष्टाचार नाम की भी कोई चीज़ होती है...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-58397446948380023322010-04-21T17:43:27.933+05:302010-04-21T17:43:27.933+05:30इस सहयोग के लिए हम आपके आभारी हैं...
यह भारत की गौ...इस सहयोग के लिए हम आपके आभारी हैं...<br />यह भारत की गौरवशाली परंपरा का ही हिस्सा है, जब किसी अल्पसंख्यक पर कोई मुसीबत आती है तो बहुसंख्यक वर्ग के लोग ही सबसे पहले मदद के लिए आते हैं...जबकि मज़हब का ढोल पीटने वाले आग लगाकर दूर से तमाशा देखते हैं...<br /> <br />एक लड़की (जिसे बहन कहते हैं) के ख़िलाफ़ इतनी घृणित साज़िश करके ये 'लोग' इस्लाम का सर ऊंचा कर रहे हैं या नीचा...???फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-1584055364107006902010-04-21T16:54:44.489+05:302010-04-21T16:54:44.489+05:30'Adaa'ji,aapka gussa jaayaz hai.parde ke p...'Adaa'ji,aapka gussa jaayaz hai.parde ke peechhe chhupkar harkat karke tamaasha dekhne wale ka pardafaash hona hi chahiye.<br />Ji,jahaan tak Firdaus ke lekhon ko padha,to laga ki wah ek padhi-likhi aur suljhe vichaaron vaali mahila hain.IRFANhttps://www.blogger.com/profile/03558772132148066423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-721761063495509392010-04-21T16:23:42.598+05:302010-04-21T16:23:42.598+05:30हम तो सही का समर्थन करते आये हैं और जहाँ कमी है वह...हम तो सही का समर्थन करते आये हैं और जहाँ कमी है वहां समझा भी रहे हैं.<br />आप जारी रहें, समझदार लोगों की संख्या ज्यादा है. असामाजिक तत्व कोई नहीं है (सिर्फ कुच्छेक अनामियों को छोड़कर) बाकी कुछ लोग दिग्भ्रमित हैं. उन्हें समझाना अपना फ़र्ज़ है. हाँ, अमर्यादित चीजों को लिखने छापने पढने से दूर रहा जाये...Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-18162192057927509322010-04-21T15:41:33.678+05:302010-04-21T15:41:33.678+05:30यह सही है ऐसे पोस्ट और कमेंट्स उकसाने और छेड़ने के...यह सही है ऐसे पोस्ट और कमेंट्स उकसाने और छेड़ने के लिए किए जा रहे हैं , फिरदौस का प्रतिक्रिया न करना समझदारी है और इसी वजह से कुछ लोग लाल-पीले हुए जा रहे हैं ! उन्हे होने दें जो वे होना चाहें। हम वह रहें जो हम हैं !सुजाताhttps://www.blogger.com/profile/12373406106529122059noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-58761915272468611682010-04-21T15:00:02.596+05:302010-04-21T15:00:02.596+05:30यही तो त्रासदी हैयही तो त्रासदी हैAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/11948489451350582754noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-47859631226702021122010-04-21T14:54:55.081+05:302010-04-21T14:54:55.081+05:30माफ़ कीजियेगा, मैंने दोनों तरफ के ब्लॉग पढ़े हैं औ...माफ़ कीजियेगा, मैंने दोनों तरफ के ब्लॉग पढ़े हैं और यह पाया है की दोनों ही ग्रुप एक दूसरे को नीचा दिखाने या चिढाने के लिए लिख रहे हैं. वरना इशू ऐसे नहीं थे जिनपर झगडा किया जाए. अभी भी किसी ब्लॉग पर ऐसा कुछ नहीं लिखा जा रहा है, जिस पर बवाल किया जाए. हाँ बहुत सी टिप्पड़ियां ज़रूर आपत्तिजनक होती हैं. जो की फर्जी नामों से होती हैं, ऐसे लोगों का क्या भरोसा. हो सकता है ये लोग दो भाइयों के बीच आग लगाकर तमाशा देखने वाले हों.zeashan haider zaidihttps://www.blogger.com/profile/16283045525932472056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-51815832671816857422010-04-21T13:20:34.212+05:302010-04-21T13:20:34.212+05:30किसी विचारक ने कहा है कि जब विरोधी अनाप-शनाप बोल क...किसी विचारक ने कहा है कि जब विरोधी अनाप-शनाप बोल कर आसमान सर पर उठा लें तो समझिए कि आप सफल हुई हैं....वास्तव में जिस गंगा-जमुनी संस्कृति की राजदूत बन कर उभरी हैं फिरदौस उसके जितनी तारीफ की जाय कम है...! चुकी लफंगों की प्रतिक्रया पोस्ट नहीं करती हैं ये सो पता नहीं है कि असामाजिक तत्त्व लिख क्या रहे हैं..लेकिन पता करने की ज़रूरत भी नहीं है...अगर ये पोस्ट पढ़ रहे हो वे अभागे तो उनको इतना ही कहना चाहूँगा कि ये भारत है इरान नहीं जो तुम्हारे फतवा से कोई डर जाएगा ना ही ये बांग्लादेश है जहां से किसी लेखिका को जान बचा कर भागना पडेगा...! यह भारत है और संविधान की मर्यादा में रहते हुए सबको अभिव्यक्ति की आजादी है...और फिरदौस भी इसी आजादी का उपयोग कर सर्व-पंथ समभाव का झंडा बुलंद कर रही है...समर्थन..पूरा समर्थन...सौ करोड भारतीयों के तरफ से समर्थन. <br />पंकज झा.पंकज कुमार झा.https://www.blogger.com/profile/00871035880818959043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-15948535061603584502010-04-21T12:41:08.209+05:302010-04-21T12:41:08.209+05:30दिल आज बहुत दुखि है बहन क्य लिखूइन लोगो के खालि ब...दिल आज बहुत दुखि है बहन क्य लिखूइन लोगो के खालि बहिस्कार से काम नही चल्ने वाल आज साइबर कानून वजूद मे इनही लोगोके लिये है <br />इस प्र गम्भीरता से सोच्न पदेगा <br />सच लिख्नने के लिये बहु सी मुश्किले आती है कुछ करना ही पदेगा <br />कुछ सोचते है <br />वेद व्यथितvedvyathithttps://www.blogger.com/profile/02253588002622732897noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-53619509434038878712010-04-21T12:22:38.719+05:302010-04-21T12:22:38.719+05:30बहन जी हम सब आपके साथ हैं.....राजस्थानी मैं एक शब्...बहन जी हम सब आपके साथ हैं.....राजस्थानी मैं एक शब्द है ये नकटे (नक कटै) हैं.....ब्लोग वाणी मैं इन नकटों के लिए जगह होनी ही नही चाहिये.....ये लोग सीधी तार्किक भाषा समझते ही नहीं.....इनकी हरकतों से इस्लाम के प्रति कोई नफरत ही पाल सकता हैं......कम से कम अचछा तो नहीं सोचेगा.....drdhabhaihttps://www.blogger.com/profile/07424070182163913220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-15014001842599076142010-04-21T11:45:41.245+05:302010-04-21T11:45:41.245+05:30abhi main maamlaa samajh nahin paayaa hoon
pah...abhi main maamlaa samajh nahin paayaa hoon <br /><br /><br />pahle jaan loon toh kuchh kahoon..........Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-87804907720445353022010-04-21T11:02:05.982+05:302010-04-21T11:02:05.982+05:30फ़िरदौस जी, आप बेधड़क लिखती रहें… हम तो शुरु से आपके...फ़िरदौस जी, आप बेधड़क लिखती रहें… हम तो शुरु से आपके साथ रहे हैं… ये घटिया लोग आप पर हमला इसलिये कर रहे हैं क्योंकि आप महिला हैं। इससे पहले भी ये लोग एक अन्य महिला ब्लागर के साथ ऐसी हरकत कर चुके हैं और तब भी मुँह की खाई थी। यह हरकत महफ़ूज़ भाई के साथ नहीं होगी, क्योंकि उन लोगों को पता है कि फ़िर क्या होगा। <br /><br />ब्लॉग जगत में आपका साथ देने वाले बहुतेरे लोग हैं, लेकिन यहाँ पर लोग धीरे-धीरे साथ आते हैं, शरमाते-सकुचाते-डरते, "लोग क्या कहेंगे", "मेरी छवि खराब न हो जाये" वाले अंदाज़ में… लेकिन अन्ततः साथ आ ही जाते हैं, क्योंकि "कीचड़" कोई भी पसन्द नहीं करता…। इसलिये आप जैसा लिख रही हैं वही तेवर बनाये रखें। <br /><br />प्रवीण शाह जी की इस बात से सहमत हूं कि संकलक से इन्हें हटाना गलत है, लेकिन हाँ, "बहिष्कार" का रास्ता ठीक है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-76163026814341958972010-04-21T10:13:59.214+05:302010-04-21T10:13:59.214+05:30इन लोगों की नीचता बहुत दिनों से देख रही हूँ और फ़ि...इन लोगों की नीचता बहुत दिनों से देख रही हूँ और फ़िरदौस के ब्लॉग पर लगातार टिप्पणी करके उनका उत्साहवर्धन भी कर रही हूँ. इन लोगों को एकाध बार पढ़ा फ़िरदौस के संदर्भ में ही तो मिचली सी आ गयी. मैं नहीं पचा पाती ऐसी बातों को और ये भी मानती हूँ कि इनको एवॉइड करना कोई हल नहीं है. पानी सिर के ऊपर चला गया है. इन लोगों का बहिष्कार होना चाहिये...इनके खिलाफ़ मुहिम चलनी चाहिये. पिछले कुछ महीनों से इन्होंने अच्छा-ख़ासा माहौल खराब कर रखा है.<br />फ़िरदौस के साथ तो सभी प्रगतिशील लोग और पूरा नारी समाज है ही, पर इन सांप्रदायिक लोगों के मामले में अधिकतर लोग तटस्थ हैं...हमें ये तटस्थता तोड़नी होगी और कुछ न कुछ करना होगा. क्या करें इस पर वरिष्ठ ब्लॉगर्स की मदद ली जा सकती है...<br />याद रखें...कुछ लोगों की सक्रियता हमेशा बहुसंख्यकों की चुप्पी और तटस्थता पर भारी पड़ी है...देश में होने वाले दंगे-फ़साद इसी कारण हुये हैं कि ज्यादातर लोग चुपचाप तमाशा देखते रहे हैं...अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर ये ज़हर फैलाने की कोशिश बन्द होनी चाहिये.<br />अदा जी का शुक्रिया...कि उन्होंने इस मुद्दे को अपने ब्लॉग के माध्यम से उठाया.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-56502154488739140892010-04-21T10:11:34.706+05:302010-04-21T10:11:34.706+05:30मिडिया क्रियेशन की यह तकनीक आप ने भी अपना ही लीमिडिया क्रियेशन की यह तकनीक आप ने भी अपना ही लीSaleem Khanhttps://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-60884442512739182162010-04-21T10:01:16.414+05:302010-04-21T10:01:16.414+05:30.
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आदरणीय अदा जी,
आप आदरणीय फिरदौस के डिफेंस म....<br />.<br />.<br />आदरणीय अदा जी,<br /><br />आप आदरणीय फिरदौस के डिफेंस में आयी हैं परंतु आपका यह कहना कि...<br /> <br />"एक लड़की को बेईज्ज़त करने की हर कोशिश की जा रही है ....और सारा ब्लॉग जगत सिर्फ तमाशा देख रहा है....लानत है....!!!"<br /><br />एकदम गलत है, फिरदौस जी को अपार समर्थन मिला है यह उनके ब्लॉग पर मिली टिप्पणियों से जाहिर है ।<br /><br /><br />आदरणीय फिरदौस जी का यह कहना कि...<br /><br />"हम इन 'असामाजिक तत्वों' के ब्लॉग का बहिष्कार कर चुके हैं...हम न तो उनके ब्लॉग पर कोई कमेन्ट लिखते हैं और न ही अपने ब्लॉग पर इन 'असामाजिक तत्वों' के कमेन्ट प्रकाशित करते हैं..."<br /><br />तथा<br /><br />"कुछ असामाजिक तत्व, (इस्लाम के ठेकेदार ब्लोगर) जो ब्लॉगवाणी के सदस्य भी हैं... बेहद बेहूदा कमेन्ट कर रहे हैं...<br />ब्लॉगवाणी से हमारा अनुरोध है कि ऐसे तत्वों को बाहर का रास्ता दिखाए...<br />साथ ही अपने भाइयों और बहनों से अनुरोध है कि वो भी इन ग़द्दार और असभ्य लोगों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं..." <br /><br />यह बात मैं केवल फिरदौस जी या आपके लिये नहीं हम सभी के लिये कह रहा हूँ कि मात्र आपसे भिन्न मत रखने के कारण कोई असामाजिक, गद्दार व असभ्य नहीं हो जाता... ब्लॉगिंग दुतरफा संवाद है... हर मसले के दो पहलू होते हैं... अगर आप एक पहलू दिखाते हो तो दूसरे को भी हक है दूसरा पहलू दिखाने का... संकलकों से कुछ खास ब्लॉगरों को बाहर करवाने का जो प्रयास किया जा रहा है... उस पर इतना ही कहूँगा कि जिस दिन भी कोई संकलक ऐसा करने का निर्णय ले... उसी दिन मेरा ब्लॉग भी बाहर कर दे... एक पक्षीय संकलकों का कोई भविष्य नहीं है नई दुनिया में...<br /><br />अंत में डॉ० अमर कुमार जी की तरह ही मैं भी कहूँगा कि:-<br />'मॉडरेशन लगा है, फिर भी यह कमेन्ट खींच ही लीजिये ।'<br /><br />आभार!प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-51644225302081281352010-04-21T09:22:30.305+05:302010-04-21T09:22:30.305+05:30मैं भी कुछ बातें समझाने का प्रयत्न कर रहा हूँ , कु...मैं भी कुछ बातें समझाने का प्रयत्न कर रहा हूँ , कुछ लोग सब कुछ बिगाड़ने पर लगे हैं ! आपकी इस पोस्ट पे शीघ्र लिखूंगा ! शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-20659520526406905532010-04-21T09:04:33.630+05:302010-04-21T09:04:33.630+05:30चंद दुष्टों ने समस्त भले ब्लोगरों को त्रस्त कर रखा...चंद दुष्टों ने समस्त भले ब्लोगरों को त्रस्त कर रखा है और विडम्बना यह है कि ये हमारे संकलकों के सहयोग से ही ऐसा करते हैं। संकलकों में जो पोस्ट हॉट होगी उस पर नजर जाना और उसे क्लिक करना स्वाभाविक है। ये अपने पोस्ट को हॉट बनाने के लिये अपनी ही पोस्टों में अनेक छद्म नामों से स्वयं टिप्पणी करते हैं, संकलको में स्वयं क्लिक कर कर के व्ह्यूज की संख्या बढ़ाते हैं। हम जैसे कम तकनीकी ज्ञान रखने वाले को तो यह समझ में आ जाता है किन्तु संकलक संचालन करने वालों को शायद यह दिखाई ही नहीं पड़ता। समझ में नहीं आता कि इतने सारे लोगों की भावनाओं को आहत होते देखने के बावजूद भी ये संकलक क्यों इनका सहयोग किये जा रहे हैं?<br /><br />इन दुष्टों के लिये तुलसीदास जी ने सही लिखा हैः<br /><br />बचन बज्र जेहि सदा पिआरा। सहस नयन पर दोष निहारा॥Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-30264087956879607422010-04-21T08:39:30.582+05:302010-04-21T08:39:30.582+05:30aur rahee baat bahishkaar ki to wo kabhie nahin ho...aur rahee baat bahishkaar ki to wo kabhie nahin ho saktaa kyuki navodit blogger puruskaar paa chukae haen bahut sae aesae log !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!Anonymousnoreply@blogger.com