tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post8302859577555391096..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: हे हृदयेश...स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-88447418979400581272011-07-07T17:44:16.956+05:302011-07-07T17:44:16.956+05:30खाम्ख्वाह की बात पर,
लड़ने को आतुर हुआ,
तोती का धी...खाम्ख्वाह की बात पर,<br />लड़ने को आतुर हुआ,<br />तोती का धीरज देखकर,<br />तोते का गुस्सा फ़ुर्र हुआ:)<br /><br />हम करते कविताई तो ऐसी बनती, इसीलिये नहीं करते। <br /><br />तोता कैसे आंखें गोल करके घूर रहा है, हैरान सा। इसे कहिये न खुश है तो खुश दिखा भी करे, हाँ नहीं तो...!!संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.com