tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post6509072779775895067..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: ब्लाग दुआरे सकारे गई, उहाँ पोस्टन देखि के मन हुलसे....स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-16920710368570475472010-10-27T21:57:02.467+05:302010-10-27T21:57:02.467+05:30आपकी पोस्ट पढ़ के बहुत कुछ याद आ जाता है , इस बार ...आपकी पोस्ट पढ़ के बहुत कुछ याद आ जाता है , इस बार तुलसी दास याद आये . उनकी कवितावली की निम्न पंक्तिया .<br /><br />वर दन्त की पंगति कुंद काली , अधराधर पल्लव खोलन की<br />चपला चमके घन बीच जागें छवि मोती ना मॉल अमोलन की<br />घुघुरारी लटे लटके मुख ऊपर , कुंडल लाल कपोलन की<br />न्योछवर प्राण करे तुलसी बलि जावो लाला इन बोलन की<br /><br />अच्छी परोडीashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-2136521147266919242010-10-27T05:11:53.908+05:302010-10-27T05:11:53.908+05:30ब्लॉग और ब्लॉगर्स पर सुन्दर गीत ...
अब आजकल सकारे ...ब्लॉग और ब्लॉगर्स पर सुन्दर गीत ...<br />अब आजकल सकारे ब्लॉग दर्शन छूट गया है , इसलिए कई पोस्ट भी छूट जाती है ...!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-31610693173268509372010-10-26T19:05:29.151+05:302010-10-26T19:05:29.151+05:30अदा आंटी जी,
चरण स्पर्श...
बहुत ही मजेदार पोस्ट है...अदा आंटी जी,<br />चरण स्पर्श...<br />बहुत ही मजेदार पोस्ट है| हमेशा की तरह फिर इस बार भी...गीत और चित्र दोनों ही लाजवाब है|<br />धन्यवाद|ankithttps://www.blogger.com/profile/01740466540260131092noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-48257931330970449822010-10-26T15:01:31.887+05:302010-10-26T15:01:31.887+05:30धन्यवाद उस्ताद जी, वास्तव में तो यह एक गीत है। जैस...धन्यवाद उस्ताद जी, वास्तव में तो यह एक गीत है। जैसा मनु ने कहा-छंद बहुत प्रकार के होते हैं, हर काव्य खंड एक छंद होता है और सबके भिन्न भिन्न मात्रा, गण, यति आदि होते हैं,सामान्यतःजिसे काव्य में छंद कहा जाता है वह सवैया या घनाक्षरी छंद होता है --सवैया चार पन्क्तियों का वार्णिक या मात्रिक छंद है व घनाक्षरी-आठ पदों का वार्णिक छंद। उदाहरनार्थ--<br />---सवैया--<br />कविता तो वही कविता है जो सत्यं हो शिवं हो सुन्दर हो ।<br />मन भाव भरें तन हर्षित हो,सुर लय का पावन मन्दिर हो ।<br />दर्पण समाज हो लेकिन शिव भाव का निर्मल निर्झर हो ।<br />सुन्दर हो और शिवं भी हो,पग पग सत्यं पर निर्भर हो ॥<br /><br />घनाक्षरी--<br />भूरे भूरे मतवारे गरज़ि गरजि घन,<br />जिया तौ डरावैं पर तन ्सरसावैं ना।<br />गरजि तरजि डोलैं इत उत सारे नभ,<br />आस तौ बधावैं पर जल बरसावैं ना ।<br />शरद में तेज धूप तन झुलसाये सखि!,<br />बरसा बुढानी अब मन हरसावै ना ।<br />कहुं कहुं कबहुं जलद बरसावैं नीर,<br />हरि की भगति हर कोई नर पाबै ना ॥<br /><br /><br /><br /><br /><br /><br />घनाक्षरी-- shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-52299988344240013112010-10-26T08:14:21.467+05:302010-10-26T08:14:21.467+05:30mazaa aa gaya padhkar ..........chhand aur shabdo ...mazaa aa gaya padhkar ..........chhand aur shabdo ka adbhut mishran dekhne ko milaAnamikaghatakhttps://www.blogger.com/profile/00539086587587341568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-62104550045577265572010-10-26T00:03:08.549+05:302010-10-26T00:03:08.549+05:30बहुत आनंददायक रचना। फ़िर फ़िर पढ़नी पड़ रही है।
ग...बहुत आनंददायक रचना। फ़िर फ़िर पढ़नी पड़ रही है। <br />गाना तो शानदार है ही, शायद संयोग ही है कि दो दिन पहले ही पूर्णिमा की रात थी। तो, चांदनी रातों का असर इस गीत के माधुर्य को और बढ़ा रहा है।<br />वैसे उस्ताद जी हैं स्पष्टवादी, शुरू में भी स्पष्ट कर दिया अपना पक्ष और फ़िर डा. श्याम गुप्त को जवाब देने में भी। <br />उस्ताद जी तक हमारा आभार पहुंचे। और भी बेहतर होता अगर गाकर गाने के दोष बताते। उस्तादजी माहिर आदमी हैं, जानता हूँ अन्यथा नहीं लेंगे। <br />एक और अच्छी बात हुई कि गिरिजेश जी पहले अपना कमेंट देकर निकल लिये, नहीं तो आज वर्तनी के चक्कर में वो भी उस्ताद जी के नंबर काट सकते थे - , । की जैसी गलती के लिये।<br />अदा जी, छंद और गीत बहुत अच्छा लगा, लेकिन आज आभार नहीं दे पायेंगे आपको। आज उस्ताद जी को आभार दे दिया है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-14784657940021644002010-10-25T22:09:34.867+05:302010-10-25T22:09:34.867+05:30ustaad ji se sahamat hain...
likhaa kaafi sahi ha...ustaad ji se sahamat hain...<br /><br />likhaa kaafi sahi hai..<br />par utnaa sahi gaa nahin rakhaa hai...<br /><br />chhand ki baat karein to kayi bhaashaaon ke mishran ki samasyaa hai ye...<br />sab ke apne kaayde kaanoon hote hain chhand mein...manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-74599396340236852010-10-25T22:01:16.263+05:302010-10-25T22:01:16.263+05:30WAH..!! ADA JI BAHUT KHOOB....BADHAYEEWAH..!! ADA JI BAHUT KHOOB....BADHAYEEकमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹https://www.blogger.com/profile/00826133201795019152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-35053262842963072782010-10-25T18:13:31.334+05:302010-10-25T18:13:31.334+05:30@Dr.shyam gupta जी जैसे मैंने पहले ही स्पष्ट किया ...@Dr.shyam gupta जी जैसे मैंने पहले ही स्पष्ट किया की छंद का बहुत ज्यादा ज्ञान नहीं है. हो सकता है आप सही हों. लेकिन जब मैंने इस रचना को छंद की तरह पढ़ा बहुत अच्छा लगा. ब्लॉग-दुनिया में कहाँ छंद पढने को मिलते हैं. ऊपर से इस अनूठे विषय पर छंद पढ़कर मैं तो मुग्ध था. <br />बेहतर होता अगर आपने उदाहरण देकर छंद के दोष भी बताये होते.उस्ताद जीhttps://www.blogger.com/profile/03230688096212551393noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-86800567430247690752010-10-25T17:45:10.808+05:302010-10-25T17:45:10.808+05:30--विषय चयन व -भावोअदा तो अच्छे हैं, बधाई , पर उस्त...--विषय चयन व -भावोअदा तो अच्छे हैं, बधाई , पर उस्ताद जी-- छंद तो दोषपूर्ण ही है, भाषा भी ब्रजभाषा, खडी बोली,का मिश्रण है, गण-मात्रा दोष व लयात्मक दो्ष तो है ही। shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-26942736618157221672010-10-25T17:35:59.430+05:302010-10-25T17:35:59.430+05:30छंद का रंग उम्दा...और वो भी ब्लॉगरर्स पर होने के ब...छंद का रंग उम्दा...और वो भी ब्लॉगरर्स पर होने के बावजूद. :)<br /><br />गाने तो सुन ही रहे हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-52364254245529822212010-10-25T16:11:46.780+05:302010-10-25T16:11:46.780+05:30adaji aapki yah ada bahut achchhi lagiadaji aapki yah ada bahut achchhi lagiजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-88160161328629000292010-10-25T16:10:54.846+05:302010-10-25T16:10:54.846+05:30kya lajvab chhand hai badhaikya lajvab chhand hai badhaiजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-6757832889810485522010-10-25T12:44:13.165+05:302010-10-25T12:44:13.165+05:307/10
ब्लॉग दुनिया जैसे अनोखे विषय पर सुन्दर रचना....7/10 <br />ब्लॉग दुनिया जैसे अनोखे विषय पर सुन्दर रचना. <br />मुझे तो यह दोषरहित छंद लग रहा है. <br />बहुत ज्यादा इस बारे में ज्ञान नहीं है)<br /><br /><br />5/10 <br />गाना सुना जा सकता है. गाने में सही तरह दर्द का मूड नहीं आ पाया. स्टार्ट से ही लोरी का टच प्रतीत हुआ.उस्ताद जीhttps://www.blogger.com/profile/03230688096212551393noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-11605605924549651682010-10-25T12:23:28.078+05:302010-10-25T12:23:28.078+05:30wah wah wah...wah wah wah...Anupriyahttps://www.blogger.com/profile/05019902934224945447noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-26614701112363240062010-10-25T10:28:45.296+05:302010-10-25T10:28:45.296+05:30oori baba anek bhalo......
pranam.oori baba anek bhalo......<br /><br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-65667310653870054522010-10-25T09:39:47.266+05:302010-10-25T09:39:47.266+05:30ये भी खूब कही !ये भी खूब कही !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-17794943509607356682010-10-25T08:14:10.584+05:302010-10-25T08:14:10.584+05:30बहुते कमाल लिखा है
अबके तो....बहुते कमाल लिखा है <br />अबके तो.... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-77182028661828084492010-10-25T07:45:16.027+05:302010-10-25T07:45:16.027+05:30हाथ में दस्ताना पहनाइए। ठुड्डी भी दिख रही है। उसे ...हाथ में दस्ताना पहनाइए। ठुड्डी भी दिख रही है। उसे ढक दीजिए।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-7951732878686353512010-10-25T07:34:14.320+05:302010-10-25T07:34:14.320+05:30इन ब्लॉग-प्यारों की कहानी ही निराली है।इन ब्लॉग-प्यारों की कहानी ही निराली है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com