tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post5665550988454054014..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: मैं हर दिन पहली खबर में हूँ....स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-91084269400964820712010-09-13T19:28:37.847+05:302010-09-13T19:28:37.847+05:30खूबसूरत ग़ज़ल...... आप तो हमेशा से ही पहली खबर रही...खूबसूरत ग़ज़ल...... आप तो हमेशा से ही पहली खबर रही है...... आज आपको दस नम्बरी कहा जा रहा है ........ पर मेरे लिए तो आप सदा एक नम्बरी ही रही है... ख्याल रहे इस नम्बर के खेल में कही आप माँ अरु बाबु जी ख्याल रखना न भूलयेगा................Manish Singh "गमेदिल"https://www.blogger.com/profile/10931193635497981991noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-53735950376745711132010-09-13T05:40:10.724+05:302010-09-13T05:40:10.724+05:30भूलना मुश्किल ...मुझे भुलाना मुश्किल ...
हाँ बाबा ...भूलना मुश्किल ...मुझे भुलाना मुश्किल ...<br />हाँ बाबा .....:)<br /><br />आप अव्वल रहे हमेशा ...एक नंबर पर रहें या दस पर ...<br />बहुत शुभकामनायें ...!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-67679636153726249752010-09-13T03:19:23.532+05:302010-09-13T03:19:23.532+05:30बहलाते रहे मुझे अँधेरे हर सू
मुझको ये गुमाँ रहा सह...बहलाते रहे मुझे अँधेरे हर सू<br />मुझको ये गुमाँ रहा सहर में हूँ <br />......................................<br />बहुत अच्छी प्रस्तुति। डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-53099342655659713672010-09-12T20:39:25.115+05:302010-09-12T20:39:25.115+05:30पहली खबर में, पहले से खबर में, पहले की खबर में है।...पहली खबर में, पहले से खबर में, पहले की खबर में है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-9056385074045174822010-09-12T15:44:48.477+05:302010-09-12T15:44:48.477+05:30बहुत अच्छी रचना |बधाई
आशाबहुत अच्छी रचना |बधाई <br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-73482797638143397452010-09-12T13:11:01.735+05:302010-09-12T13:11:01.735+05:30माई-बाबू को प्रणाम पठा रहे हैं, रहा नहीं गया । ई न...<i><br />माई-बाबू को प्रणाम पठा रहे हैं, रहा नहीं गया । ई नम्बर उम्बर का फेर बड़ा हानिकारक है, इसके फेर में न ही रहियेगा, तु उत्ताम । बकिया हम रहग़ुज़र ख़बर उबर हम अन्हीं पढ़े हैं, ईहाँ टीपने का बड़ा फेरा है । आगे राज़ी खुशी जानियेगा ।<br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-18073852230143787662010-09-12T12:58:29.005+05:302010-09-12T12:58:29.005+05:30लाजवाब रचना, मां बाबा को प्रणाम कहियेगा.
रामराम.लाजवाब रचना, मां बाबा को प्रणाम कहियेगा.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-9742109969249978542010-09-12T11:19:51.686+05:302010-09-12T11:19:51.686+05:30कहत कबीर सुनो भई साधो,
बात कहूं मैं खरी,
दुनिया इ...कहत कबीर सुनो भई साधो,<br />बात कहूं मैं खरी, <br />दुनिया इक नंबरी तो मैं दस नंबरी...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-65456986237588482772010-09-12T11:06:39.002+05:302010-09-12T11:06:39.002+05:30गणेश चतुर्थी, तीज एवं ईद की बधाईगणेश चतुर्थी, तीज एवं ईद की बधाईअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-11137883874043848312010-09-12T10:16:17.097+05:302010-09-12T10:16:17.097+05:30अरे क्या-क्या आइडिया आते हैं आपको गजल के। बहुत खूब...अरे क्या-क्या आइडिया आते हैं आपको गजल के। बहुत खूब!<br /><br />दस नम्बरी बनने की बधाई। यहां बने रहने के लिये अपने नीचे वालों को धमका दीजिये कि खबरदार किसी ने कोई पोस्ट लिखी हमसे पहले। और ऊपर जाने के लिये अपने से ऊपर नम्बर वालों को समझा दीजिये- अगर कोई पोस्ट लिखी तो अच्छा नहीं होगा। <br /><br />-हां नहीं तो।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-73112221352820926532010-09-12T09:59:16.686+05:302010-09-12T09:59:16.686+05:30पासवर्ड यहाँ भेज दो..यू ट्यूब लगाते रहेंगे ...हा ह...पासवर्ड यहाँ भेज दो..यू ट्यूब लगाते रहेंगे ...हा हा!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-22699450531475012992010-09-12T09:22:42.076+05:302010-09-12T09:22:42.076+05:30अरे क्या-क्या आइडिया आते हैं आपको गजल के। बहुत खूब...अरे क्या-क्या आइडिया आते हैं आपको गजल के। बहुत खूब!<br /><br />दस नम्बरी बनने की बधाई। यहां बने रहने के लिये अपने नीचे वालों को धमका दीजिये कि खबरदार किसी ने कोई पोस्ट लिखी हमसे पहले। और ऊपर जाने के लिये अपने से ऊपर नम्बर वालों को समझा दीजिये- अगर कोई पोस्ट लिखी तो अच्छा नहीं होगा। <br /><br />-हां नहीं तो।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-11587346519660844572010-09-12T09:16:40.254+05:302010-09-12T09:16:40.254+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति।
हिन्दी, भाषा के रूप में एक...बहुत अच्छी प्रस्तुति। <br /><br /><b>हिन्दी, भाषा के रूप में एक सामाजिक संस्था है, संस्कृति के रूप में सामाजिक प्रतीक और साहित्य के रूप में एक जातीय परंपरा है। </b><br /><br /><a href="http://raj-bhasha-hindi.blogspot.com/2010/09/3.html" rel="nofollow"> देसिल बयना – 3"जिसका काम उसी को साजे ! कोई और करे तो डंडा बाजे !!", राजभाषा हिन्दी पर करण समस्तीपुरी की प्रस्तुति, पधारें</a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-85935784628844504402010-09-12T07:58:32.885+05:302010-09-12T07:58:32.885+05:30बहुत ही सुंदर हमेशा की तरह .......और रही बात टौप ट...बहुत ही सुंदर हमेशा की तरह .......और रही बात टौप टेन की ...तो मारिए गोली टैन और टवेंटी को आप लिखते जाईये । अब देखिए हमारा नंबर सबसे ऊपर है ...यानि ज़ीरो ...एक से भी पहले ..इसलिए दिखता नहीं है :) :)अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-70899295246273657832010-09-12T07:01:17.548+05:302010-09-12T07:01:17.548+05:30सहर और अंधेले...जीवन और मृत्यु जैसे...श्वेत श्याम ...सहर और अंधेले...जीवन और मृत्यु जैसे...श्वेत श्याम रंग से...सतत बदलते समय सा आभास देते हुए , गोया यात्रा ज़ारी हो , पर सब कुछ अनिश्चित ! ख्याल अच्छा है !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-15313328719678557532010-09-12T02:20:31.730+05:302010-09-12T02:20:31.730+05:30mo sam kaun ji kahin :
'हमारे ’मो सम कौन.... ...mo sam kaun ji kahin :<br /><br />'हमारे ’मो सम कौन.... ’ के पीछे तो भावना वही थी जो सूरदास ने कही थी, कुटिल, खल, कामी। आप इसको हमारे खुद को श्रेष्ठ मानने की बात कह रही हैं। है तो यह नाईंसाफ़ी ही, लेकिन इतना जरूर कहना चाहता हूँ कि आपका सेंस ऑफ़ ह्यूमर बहुत गज़ब का है। ऐसी खूबसूरती से आईना दिखाती हैं आप कि पूछिये मत। वो तो ताऊ रामपुरिया ने अपने ब्लॉग पर बड़े ब्लॉगर छोटे ब्लॉगर की एक तस्वीर लगा रखी है, वो सुबह शाम देख लेते हैं तो बचे रहते हैं, न तो टंकी पर चढ़े बिना निस्तार नहीं रहता। <br />मजाक कर जाता हूँ टिप्पणी में, अन्यथा मत लिया करें।<br />आभारी,.<br />कमेंट पब्लिश नहीं हो पा रहा है, इसलिये मेल कर रहा हूँ। <br />-- <br />http://mosamkaun.blogspot.com/स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-29796482121319667832010-09-12T00:32:27.534+05:302010-09-12T00:32:27.534+05:30@ मो सम जी...बात ई है...कि आप तो खुदेई डिक्लेयर मा...@ मो सम जी...बात ई है...कि आप तो खुदेई डिक्लेयर मार दिए हैं ...कि 'मो सम कौन' है भला आ जाओ मैदान में...और कुछ लोगन का कोई काम्पिटिशन नहीं होता है...<br />मुदा आप वो ही नस्ल के हैं जिन को सभी मान लेते हैं जी वो क्या कहते हैं...श्रेष्ठ...हाँ नहीं तो..!!स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-51634524365053720982010-09-11T23:47:25.902+05:302010-09-11T23:47:25.902+05:30"बहलाते रहे मुझे अँधेरे हर सू
मुझको ये गुमाँ ..."बहलाते रहे मुझे अँधेरे हर सू<br />मुझको ये गुमाँ रहा सहर में हूँ "<br /><br />बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ लिखी हैं आपने। पोस्ट मे मिजाज से मेल खाता चित्र इसकी शोभा और भी बढ़ा देता है।<br /><br />@ नंबर गेम:<br />सहज रूप से लिखती चलिये, आप हर विषय पर बहुत रोचक प्रस्तुति देती हैं। नंबर्स की तरफ़ मत देखिये। टॉप टैन ब्लॉग्स में अकेली महिला ब्लॉगर हैं आप। <br />वैसे तो आपने ऊपर लिख दिया है कि ’जो वहाँ पहुँच जाता है, वही जानता है..कि उसे बचाए रखने की कितनी इच्छा होती है :):)’, इस नाते हमें कुछ कहने का हक बनता नहीं, लेकिन हम ऐसे आराम से मान जायें तो हमारी हिंदुस्तानियत पर उंगली नहीं उठ जायेगी? हम लोगों से बेशक अपना घर न संभलता हो पर सलाह देने के मामले में किसी को भी दे सकते हैं, हम पक्के हिन्दुस्तानी हैं जी:))संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-32137897022097370002010-09-11T23:13:39.427+05:302010-09-11T23:13:39.427+05:30मां-बाबा को हमारा प्रणाम ॥मां-बाबा को हमारा प्रणाम ॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-40301840298468053652010-09-11T23:10:03.793+05:302010-09-11T23:10:03.793+05:30बहुत सुन्दर............बहुत सुन्दर............सु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-18660777387011263352010-09-11T22:35:09.137+05:302010-09-11T22:35:09.137+05:30बढ़िया है जी.
हर पल होंठों पे बसते हो, “अनामिका...बढ़िया है जी. <br /><br /> <a href="http://anamika7577.blogspot.com/2010/09/blog-post_10.html" rel="nofollow">हर पल होंठों पे बसते हो, “अनामिका” पर, . देखिए </a>अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-75908535351305848022010-09-11T21:29:27.265+05:302010-09-11T21:29:27.265+05:30शेर अच्छा लगा बहुत बहुत बधाईशेर अच्छा लगा बहुत बहुत बधाईSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-17717738042329950152010-09-11T21:25:25.077+05:302010-09-11T21:25:25.077+05:30ऐसा पथ मिले तो हम सारी जिंदगी सफ़र में गुजार दें ।...ऐसा पथ मिले तो हम सारी जिंदगी सफ़र में गुजार दें ।<br />बहुत सुन्दर चित्र और मेल खाती ग़ज़ल ।<br />मां बाबा ,ब्लोगिंग से ज्यादा प्यारे हैं ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-58379755285647477582010-09-11T21:10:14.883+05:302010-09-11T21:10:14.883+05:30बेहतरीन ग़ज़ल।
आपको और आपके परिवार को तीज, गणेश ...बेहतरीन ग़ज़ल।<br /><br /><b>आपको और आपके परिवार को तीज, गणेश चतुर्थी और ईद की हार्दिक शुभकामनाएं!</b><br /><a href="http://manojiofs.blogspot.com/2010/09/blog-post_11.html" rel="nofollow"> फ़ुरसत से फ़ुरसत में … अमृता प्रीतम जी की आत्मकथा, “मनोज” पर, मनोज कुमार की प्रस्तुति पढिए! </a>मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-9361877926785937922010-09-11T20:30:32.353+05:302010-09-11T20:30:32.353+05:30बाहन जी नजर खबर का रदीफ़ क्क़फियें ने आपके पफाज़ो...बाहन जी नजर खबर का रदीफ़ क्क़फियें ने आपके पफाज़ों को ज़िंदा कर दिया हे ,हमें पढने और समझने में भुत अच्छा लगा बधाई हो , ममी पापा अ गये हें आपको बधाई इस बात की के अब एक बढ़े छायादार व्रक्ष के नीचे कुछ दिन आप बेफिक्री के साथ सुस्त्ता सकेंगी. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थानआपका अख्तर खान अकेलाhttps://www.blogger.com/profile/13961090452499115999noreply@blogger.com