tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post4562840299975270590..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: तुम्हारा बलिदान निरर्थक नहीं जाएगा....स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-5094669061173371482010-07-24T11:26:43.159+05:302010-07-24T11:26:43.159+05:30सार्थक और प्रेरणात्मक रचनासार्थक और प्रेरणात्मक रचनासंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-83368523984821088072010-07-10T18:48:11.102+05:302010-07-10T18:48:11.102+05:30जानते बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जायेंगे,
आतिशी हालात ...जानते बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जायेंगे,<br />आतिशी हालात किन्तु, कब सुधर पायेंगे ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-3478629090902839572010-07-10T18:29:29.574+05:302010-07-10T18:29:29.574+05:30sunder post..
chitr bhi mnbhaawan hai...sunder post..<br /><br />chitr bhi mnbhaawan hai...manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-51653304574549183422010-07-10T16:52:04.525+05:302010-07-10T16:52:04.525+05:30आप बहुत सुंदर लिखती हैं, सार्थक लिखती हैं, प्रेरणा...आप बहुत सुंदर लिखती हैं, सार्थक लिखती हैं, प्रेरणात्मक लिखती हैं, कलात्मक लिखती हैं। आज की इस पोस्ट से भी लोगों को प्रेरणा मिलेगी। <br />वो सुबह कभी तो आयेगी।<br />आशावादी दृष्टिकोण को दर्शाती यह रचना भी खूब रही।<br />आभार स्वीकार करें।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-23941244158232684802010-07-10T10:02:48.747+05:302010-07-10T10:02:48.747+05:30स्वयं बुझ भी गए तो क्या !
दे दो न
ज्योति
आगत के हा...स्वयं बुझ भी गए तो क्या !<br />दे दो न<br />ज्योति<br />आगत के हाथों में,<br />एक न एक दिन<br />सवेरा हो ही जाएगा<br />और <br />तुम्हारा बलिदान<br />निरर्थक नहीं जाएगा....<br />बहुत सुन्दर आशा ही जीवन है। आभार।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-85933282901315880762010-07-10T09:45:49.052+05:302010-07-10T09:45:49.052+05:30अँधेरा रात्रि है
तिमिर की चुनौती
स्वीकार करनी होग...अँधेरा रात्रि है<br />तिमिर की चुनौती <br />स्वीकार करनी होगी<br />पार करना ही होगा,<br />यह बीहड़,<br />दे दो ज्योति <br />आगत के हाथों में,<br />एक न एक दिन सवेरा हो ही जाएगा<br />तुम्हारा बलिदान निरर्थक नहीं जाएगा....<br /><br /><br />एक आशावान दृष्टिकोण को सही स्थान पर प्रक्षेपित करती कविता....<br />बधाई!Dr.R.Ramkumarhttps://www.blogger.com/profile/09073007677952921558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-67113166382292374572010-07-10T09:23:03.973+05:302010-07-10T09:23:03.973+05:30स्वयं बुझ भी गए तो क्या !
दे दो न
ज्योति
आगत के हा...स्वयं बुझ भी गए तो क्या !<br />दे दो न<br />ज्योति<br />आगत के हाथों में,<br />एक न एक दिन<br />सवेरा हो ही जाएगा<br />और <br />तुम्हारा बलिदान<br />निरर्थक नहीं जाएगा....<br /><br /><br />जिजीविषा को अनूठे शब्द दिए हैं आपने...रोम स्पंदित हुए.<br />बहुत अच्छा लगा इसे पढना...Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-30496073301298328002010-07-10T08:08:51.504+05:302010-07-10T08:08:51.504+05:30सुन्दर , सार्थक और प्रेरणात्मक रचना ।सुन्दर , सार्थक और प्रेरणात्मक रचना ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-87756964758373246362010-07-10T05:39:51.842+05:302010-07-10T05:39:51.842+05:30जो बलिदान हुए हैं पहले , व्यर्थ ही तो जा रहा है ना...जो बलिदान हुए हैं पहले , व्यर्थ ही तो जा रहा है ना ...<br />मगर फिर भी उम्मीद की ज्योत तो जला कर रखनी ही है ...<br /><br />शुभ हो ..!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-66325257753781707352010-07-10T04:48:57.648+05:302010-07-10T04:48:57.648+05:30एक न एक दिन
सवेरा हो ही जाएगा
और
तुम्हारा बलिदान...एक न एक दिन<br />सवेरा हो ही जाएगा<br />और <br />तुम्हारा बलिदान<br />निरर्थक नहीं जाएगा....<br />सार्थक और प्रेरक रचना <br />सुन्दरM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-10117861446051511622010-07-10T04:48:56.597+05:302010-07-10T04:48:56.597+05:30एक न एक दिन
सवेरा हो ही जाएगा
और
तुम्हारा बलिदान...एक न एक दिन<br />सवेरा हो ही जाएगा<br />और <br />तुम्हारा बलिदान<br />निरर्थक नहीं जाएगा....<br />सार्थक और प्रेरक रचना <br />सुन्दरM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-41807213201215634112010-07-10T04:44:15.235+05:302010-07-10T04:44:15.235+05:30एक न एक दिन
सवेरा हो ही जाएगा
और
तुम्हारा बलिदान...एक न एक दिन<br />सवेरा हो ही जाएगा<br />और <br />तुम्हारा बलिदान<br />निरर्थक नहीं जाएगा....<br />सार्थक और प्रेरक रचना <br />सुन्दरM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-49987148216509952492010-07-10T04:31:55.988+05:302010-07-10T04:31:55.988+05:30अगर स्वयं बुझ भी गए तो क्या !..दे दो न
ज्योति..आग...अगर स्वयं बुझ भी गए तो क्या !..दे दो न <br />ज्योति..आगत के हाथों में..बहुत ही सार्थक रचनापवन धीमानhttps://www.blogger.com/profile/13856945026319860927noreply@blogger.com