tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post3702500992146763689..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: आख़िर कब तक ?स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-30670499524062078542013-10-29T19:32:40.364+05:302013-10-29T19:32:40.364+05:30उघरे अंत न होई निबाहू कालनेमि जिमी रावण राहू उघरे अंत न होई निबाहू कालनेमि जिमी रावण राहू Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-46376343589197382542013-10-29T09:49:12.549+05:302013-10-29T09:49:12.549+05:30many woman who have impotent husband are taken by ...many woman who have impotent husband are taken by their mother in laws to these people for "treatment " they come back and they are found to be ''pregnant"<br /><br />teenager girls are taken by their parents to these people because parents find these girls violent and unruly and want them to be submissive <br /><br />they come back after treatment and are found to be "subdude" and "silent" and also such girls many a times insist to be taken back for "treatment " <br /><br />the lesser said is better but yes its important to raise our voices against such people and you did <br />thanksरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-89798031131095707552013-10-29T07:53:19.952+05:302013-10-29T07:53:19.952+05:30दरअसल लोग इन बाबाओं के पास मन की सुख शांति और भविष...दरअसल लोग इन बाबाओं के पास मन की सुख शांति और भविष्य में कुछ अच्छा हो जाये, इसके लिये जाते हैं, परंतु ये धूर्त बाबा लोग इन सबका गलत फ़ायदा उठाते हैं, यह भी बहुत बड़ा व्यापार हो गया है जिस पर कोई आयकर नहीं है कोई भी अन्य कर नहीं है। जैसा कि हमारे पुराणों में कहा गया है कि ज्ञान पाने के लिये गुरू का होना जरूरी है, बस लोग इतनी सी बात को पकड़ लेते हैं, परंतु उन्हीं पुराणों में गुरू में क्या होना चाहिये यह भी बताया गया है, वह नहीं समझते ।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-81923804989646173212013-10-29T06:29:29.847+05:302013-10-29T06:29:29.847+05:30वही तो! कुछ लोगों की असलियत किसी भी तरह छिप नहीं प...वही तो! कुछ लोगों की असलियत किसी भी तरह छिप नहीं पाती। उसके बावजूद भी इतने अनुयायियों का जोश देखकर आश्चर्य होता है। दुर्भाग्य से हमारी न्याय व्यवस्था कमजोर और जटिल तो है ही, उसमें फ़ाल्स नेगेटिव स्वीकार्य हैं, फ़ाल्स पॉज़िटिव नहीं। इसलिए हज़ार गुनहगार आराम से बरी हो सकते हैं, होते ही हैं। आश्रम में अपराध हुये हैं यह तो स्पष्ट है। ज़िम्मेदारी किसी पर सिद्ध हो पाये या नहीं, वह अलग बात है।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-74534662326314381862013-10-29T00:59:24.700+05:302013-10-29T00:59:24.700+05:30करीब बारह साल पहले , टी.वी. पर उनका प्रवचन आ रहा थ...करीब बारह साल पहले , टी.वी. पर उनका प्रवचन आ रहा था और मेरी सासु जी देख रही थीं ..आसाराम ने महिलाओं के लिए कुछ ऐसी derogatory बातें कहीं....जो मुझे बहुत ही निंदनीय लगीं और उसके बाद से ही मेरे लिए उनका कोई अस्तित्व नहीं है ...लोग इन बाबाओं के पास क्यूँ जाते हैं...इसपर तो शोध होना चाहिए .rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-75614873667233744602013-10-28T14:35:40.942+05:302013-10-28T14:35:40.942+05:30विकट परिस्थिति है। देखिए आगे क्या होता है। पर दिन...विकट परिस्थिति है। देखिए आगे क्या होता है। पर दिन गुजरने के साथ गम्भीर से गम्भीर और अति संवेदनशील घटनाएं सामूहिक विस्मृति का शिकार होती जा रही हैं। ऐसे में सामाजिक उपाय होना दूभर लगता है।Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-89188218971978584762013-10-28T12:23:11.555+05:302013-10-28T12:23:11.555+05:30अन्ध विस्श्वास को फैलाने वाले और उसका पोषण करने व...अन्ध विस्श्वास को फैलाने वाले और उसका पोषण करने वाले यही धर्म के ठेकेदार ही है ,अंध विश्वासी नहीं रहेंगे तो आशा राम जैसों की दुकानदारी कैसे चलेगी ? धर्म जो सामाजिक कर्तब्य से सम्बन्ध रखता है ,जानबूझकर आध्यात्मिकता से जोड़कर लोगों में भ्रम फैलाया गया है .<br />नई पोस्ट <a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/10/blog-post_27.html#links" rel="nofollow"> सपना और मैं (नायिका )</a>कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-65537674848744441332013-10-28T11:28:54.982+05:302013-10-28T11:28:54.982+05:30मुझे तो ये मानवीय प्रवृत्ति ही लगती है कि अमूमन हम...मुझे तो ये मानवीय प्रवृत्ति ही लगती है कि अमूमन हम जिस मनोवृत्ति के होते हैं उससे मेल खाते हुए को ही अपने गुरु का मान देने लगते हैं , उसके बाद तो वो तथाकथित गुरु अपना लाभ भी देखने लगता हैं और अपनी सुविधानुसार अपनी मानसिकता का परिचय देने लगता है .......निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-91854121627414125232013-10-28T07:58:17.467+05:302013-10-28T07:58:17.467+05:30हम अपने गुणों के अनुसार जैसा गुरु चाहते हैं, मिल ज...हम अपने गुणों के अनुसार जैसा गुरु चाहते हैं, मिल जाता है। चाह गहरी रहेगी तो राह बहरी कभी नहीं होगी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-71334509874822435122013-10-28T05:59:13.052+05:302013-10-28T05:59:13.052+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (28-10-2013) <a href="http://charchamanch.blogspot.in/2013/10/1412.html" rel="nofollow"> <br />संतान के लिए गुज़ारिश : चर्चामंच 1412 में "मयंक का कोना" </a> पर भी होगी!<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com