tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post2004985251813896395..comments2024-03-13T13:33:28.274+05:30Comments on काव्य मंजूषा: है निग़ाह मेरी झुकी-झुकी, ये ग़ुरूर मेरा हिज़ाब है ...स्वप्न मञ्जूषा http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-3069906514217673322010-07-24T11:16:14.227+05:302010-07-24T11:16:14.227+05:30DIDI AAJ SARI KASAR NIKAL LUNGA..DIDI AAJ SARI KASAR NIKAL LUNGA..संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-3978235695450176822010-07-24T11:15:54.488+05:302010-07-24T11:15:54.488+05:30ये कूचे, दरीचे, ये आशियाँ, सब खुले हुए तेरे सामने ...ये कूचे, दरीचे, ये आशियाँ, सब खुले हुए तेरे सामने है निग़ाह मेरी झुकी-झुकी, ये ग़ुरूर मेरा हिज़ाब है <br /><br />BAHUT HI SUNDER PANKTIYA HAI....संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-33065644588362008722010-07-22T19:14:20.198+05:302010-07-22T19:14:20.198+05:30@ ओ खुशदीप जी..
ये विम्मी जी की फ़ोटू नहीं है ..
ह...@ ओ खुशदीप जी..<br />ये विम्मी जी की फ़ोटू नहीं है ..<br />हां नहीं तो...!!स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-25205114361887771142010-07-22T07:06:02.656+05:302010-07-22T07:06:02.656+05:30आपके हसीं रुख पर नया नूर है,
मेरा दिल मचल गया मेर...आपके हसीं रुख पर नया नूर है, <br />मेरा दिल मचल गया मेरा क्या कसूर है...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-39659274285703165812010-07-21T17:16:33.547+05:302010-07-21T17:16:33.547+05:30"मेरा मन महकता गुलाब है" -- waah!!
Khoo..."मेरा मन महकता गुलाब है" -- waah!! <br />Khoob kahi hai aapne...<br /><br />Regards,<br />DimpleDimplehttps://www.blogger.com/profile/04616482931140406425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-33487340968939168842010-07-20T23:41:26.473+05:302010-07-20T23:41:26.473+05:30क्या अदा जी,
हम तो तारीफ़ करने के लिये भी तरस गये ...क्या अदा जी,<br />हम तो तारीफ़ करने के लिये भी तरस गये थे।<br />किताब, सिनेमा जैसे अभिव्यक्ति के साधनों से ब्लॉग इसीलिये भी बेहतर लगते हैं क्योंकि इसमें त्वरित रेस्पांस ले दे सकते हैं। कमेंट बॉक्स फ़ोर खोल दिया आपने, इसका आभार अलग से।<br />पोस्ट बहुत शानदार, लेकिन शिकायत भी है कि इतनी छोटी रचना क्यों डालती हैं आप(तारीफ़ ही लग रही है न ये भी?<br />सदैव आभारी।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6781060934347160913.post-31126656660533626392010-07-20T22:53:44.131+05:302010-07-20T22:53:44.131+05:30ये कूचे, दरीचे, ये आशियाँ, सब खुले हुए तेरे सामने ...ये कूचे, दरीचे, ये आशियाँ, सब खुले हुए तेरे सामने <br />है निग़ाह मेरी झुकी-झुकी, ये ग़ुरूर मेरा हिज़ाब है <br />wakai ye laazwaab haiज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.com